Sunday, 13 May 2018
प्रवेशोत्सव के ढोलों के बीच भी एक स्कूल में औसत दो बच्चों का भी नहीं हुआ नामांकन जिले में कुल 1150 स्कूल, नामांकन 2012 प्रारम्भिक शिक्षा के स्कूलों का हाल
प्रतापगढ़.
जिले में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रवेशोत्सव के ढोल बजाने, रैली निकालने सहित कईप्रयासों के बाद भी बच्चों के नामांकन का आंकड़ा बहुत ही कम रहा है। पहले चरण के प्रवेशोत्सव के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में प्रति विद्यालय औसत दो बच्चों का भी प्रवेश नहीं हो पाया है। सर्व शिक्षा अभियान के अनुसार जिले में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक के कुल 1150 विद्यालय हैं, इनमें 2012 बच्चों का नामांकन पहले चरण के प्रवेशोत्सव के तहत किया गया है।
ब्लॉक अनुसार इस प्रकार बच्चों का स्कूलों में नामांकन
ब्लॉक-नामांकित बच्चों की संख्या
प्रतापगढ़-200
धरियावद-287
पीपलखूंट-614
अरनोद-290
छोटीसादड़ी-621
कुल 2012
छोटीसादड़ी में सबसे अधिक नामांकन
जिला मुख्यालय होने के बाद भी प्रतापगढ़ ब्लॉक में नामांकन की संख्या सबसे कम रही है। यहां मात्र 200 बच्चों को ही प्रवेश दिलाया जा सका है।वहीं सबसे अधिक छोटीसादड़ी ब्लॉक में 621 बच्चों को नवप्रवेश हुआ है।
पहला चरण पूरा, दूसरा चलेगा जून में
स्कूलों में बच्चों के नामांकन को लेकर प्रवेशोत्सव दो चरणों में चलाया जा रहा है। इनमें पहला चरण 26 अप्रेल से 9 मईतक चला है। वहीं दूसरा प्रवेशोत्सव 19 जून से 30 जून तक चलेगा।
बोर्डपरीक्षा के बाद प्रवेश की नीति फेल
इस बार माध्यमिक शिक्षा बोर्डने आठवीं व दसवीं बोर्ड की परीक्षा के तुरंत बाद बच्चे को अस्थाई प्रवेश की नीति बनाई। ताकि बच्चा स्कूल से वंचित नहीं रहे। लेकिन बोर्डपरीक्षा के तुरंत बाद बच्चे छुट्टियां बनाने निकल गए। और स्कूलों में अस्थाई प्रवेश में कोईरुचि नहीं दिखाई।यही कारण है कि माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के स्कूलों में पहले प्रवेशोत्सव के तहत मात्र 1031 बच्चों का प्रवेश हुआ है।
स्थिति गंभीर, अगले चरण में करेंगे और प्रयास
-प्रवेशोत्सव के पहले चरण में 2012 बच्चों का नामांकन हुआ है। हालांकि यह नामांकन जिले के स्कूलों की संख्या के अनुपात में कम ही है। दूसरे चरण में अधिक से अधिक बच्चों को प्रवेश दिलाया जाएगा।
-डीएस सुथार, एडीपीसी,सर्व शिक्षा अभियान, प्रतापगढ़
जिले में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रवेशोत्सव के ढोल बजाने, रैली निकालने सहित कईप्रयासों के बाद भी बच्चों के नामांकन का आंकड़ा बहुत ही कम रहा है। पहले चरण के प्रवेशोत्सव के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में प्रति विद्यालय औसत दो बच्चों का भी प्रवेश नहीं हो पाया है। सर्व शिक्षा अभियान के अनुसार जिले में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक के कुल 1150 विद्यालय हैं, इनमें 2012 बच्चों का नामांकन पहले चरण के प्रवेशोत्सव के तहत किया गया है।
ब्लॉक अनुसार इस प्रकार बच्चों का स्कूलों में नामांकन
ब्लॉक-नामांकित बच्चों की संख्या
प्रतापगढ़-200
धरियावद-287
पीपलखूंट-614
अरनोद-290
छोटीसादड़ी-621
कुल 2012
छोटीसादड़ी में सबसे अधिक नामांकन
जिला मुख्यालय होने के बाद भी प्रतापगढ़ ब्लॉक में नामांकन की संख्या सबसे कम रही है। यहां मात्र 200 बच्चों को ही प्रवेश दिलाया जा सका है।वहीं सबसे अधिक छोटीसादड़ी ब्लॉक में 621 बच्चों को नवप्रवेश हुआ है।
पहला चरण पूरा, दूसरा चलेगा जून में
स्कूलों में बच्चों के नामांकन को लेकर प्रवेशोत्सव दो चरणों में चलाया जा रहा है। इनमें पहला चरण 26 अप्रेल से 9 मईतक चला है। वहीं दूसरा प्रवेशोत्सव 19 जून से 30 जून तक चलेगा।
बोर्डपरीक्षा के बाद प्रवेश की नीति फेल
इस बार माध्यमिक शिक्षा बोर्डने आठवीं व दसवीं बोर्ड की परीक्षा के तुरंत बाद बच्चे को अस्थाई प्रवेश की नीति बनाई। ताकि बच्चा स्कूल से वंचित नहीं रहे। लेकिन बोर्डपरीक्षा के तुरंत बाद बच्चे छुट्टियां बनाने निकल गए। और स्कूलों में अस्थाई प्रवेश में कोईरुचि नहीं दिखाई।यही कारण है कि माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के स्कूलों में पहले प्रवेशोत्सव के तहत मात्र 1031 बच्चों का प्रवेश हुआ है।
स्थिति गंभीर, अगले चरण में करेंगे और प्रयास
-प्रवेशोत्सव के पहले चरण में 2012 बच्चों का नामांकन हुआ है। हालांकि यह नामांकन जिले के स्कूलों की संख्या के अनुपात में कम ही है। दूसरे चरण में अधिक से अधिक बच्चों को प्रवेश दिलाया जाएगा।
-डीएस सुथार, एडीपीसी,सर्व शिक्षा अभियान, प्रतापगढ़
पीटीईटी परीक्षा आज, तैयारियां पूरी
प्रतापगढ़.
.
महर्षिदयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित पीटीईटी व चार वर्षीय बीए/बीएससी बीएड परीक्षा 13 मई को आयोजित की जाएगी। इसकी पूरी तैयारियां कर ली गई हैं।नकल रोकने के लिए उडऩदस्ते बनाए गए हैं। जिला परिषद सीईओ को परीक्षा का नोडल अधिकारी बनाया गया है।
इस प्रकार होगी पीटीईटी परीक्षा
-07 सेंटर बनाए हैं जिला मुख्यालय पर
-2895 परीक्षार्थीदेंगे परीक्षा
-दोपहर दो से 5 बजे तक होगी परीक्षा
..............
चार वर्षीय बीए/बीएससी बीएड परीक्षा
-02 परीक्षा सेंटर बनाए है जिला मुख्यालय पर
-785 परीक्षार्थीदेंगे परीक्षा
-परीक्षा दोपहर दो से पांच बजे तक होगी आयोजित
रहेंगी दो फ्लाइंग
परीक्षाओं की पूरी तैयारी कर ली है। दो फ्लाइंग बनाईहै। मोबाइल पर प्रवेश वर्जित है। परीक्षार्थी प्रवेश पत्र के साथ अपना आईडी प्रूव जरुर लेकर आए।
-डॉ. शांतिलाल शर्मा, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक)
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महर्षिदयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित पीटीईटी व चार वर्षीय बीए/बीएससी बीएड परीक्षा 13 मई को आयोजित की जाएगी। इसकी पूरी तैयारियां कर ली गई हैं।नकल रोकने के लिए उडऩदस्ते बनाए गए हैं। जिला परिषद सीईओ को परीक्षा का नोडल अधिकारी बनाया गया है।
इस प्रकार होगी पीटीईटी परीक्षा
-07 सेंटर बनाए हैं जिला मुख्यालय पर
-2895 परीक्षार्थीदेंगे परीक्षा
-दोपहर दो से 5 बजे तक होगी परीक्षा
..............
चार वर्षीय बीए/बीएससी बीएड परीक्षा
-02 परीक्षा सेंटर बनाए है जिला मुख्यालय पर
-785 परीक्षार्थीदेंगे परीक्षा
-परीक्षा दोपहर दो से पांच बजे तक होगी आयोजित
रहेंगी दो फ्लाइंग
परीक्षाओं की पूरी तैयारी कर ली है। दो फ्लाइंग बनाईहै। मोबाइल पर प्रवेश वर्जित है। परीक्षार्थी प्रवेश पत्र के साथ अपना आईडी प्रूव जरुर लेकर आए।
-डॉ. शांतिलाल शर्मा, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक)
पदोन्नत सैकंड ग्रेड टीचर्स को पोस्टिंग जल्द मिलेगी
डूंगरपुर|
माध्यमिक शिक्षा विभाग में वर्ष थर्ड ग्रेड से सैकंड ग्रेड पदों पर पदोन्नत हुए शिक्षकों को पोस्टिंग की तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंडलवार पदोन्नत 6731 शिक्षकों को काउंसलिंग के जरिए रिक्त पदों पर पदस्थापन दिया जाएगा। शिक्षा (ग्रुप-दो) विभाग के शासन उपसचिव ने इस संबंध में निदेशक माध्यमिक क को निर्देश जारी किए है। वर्ष 2018-19 की डीपीसी में प्रमोट हुए शिक्षकों को पोस्टिंग केलिए 15 से 25 मई तक काउंसलिंग कैंप आयोजित किए जाएंगे।
माध्यमिक शिक्षा विभाग में वर्ष थर्ड ग्रेड से सैकंड ग्रेड पदों पर पदोन्नत हुए शिक्षकों को पोस्टिंग की तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंडलवार पदोन्नत 6731 शिक्षकों को काउंसलिंग के जरिए रिक्त पदों पर पदस्थापन दिया जाएगा। शिक्षा (ग्रुप-दो) विभाग के शासन उपसचिव ने इस संबंध में निदेशक माध्यमिक क को निर्देश जारी किए है। वर्ष 2018-19 की डीपीसी में प्रमोट हुए शिक्षकों को पोस्टिंग केलिए 15 से 25 मई तक काउंसलिंग कैंप आयोजित किए जाएंगे।
आरटीयू के बैक पेपर की परीक्षा में परीक्षार्थियों को थमाया दूसरा पेपर, पेपर देखकर उड़ गए होश आरटीयू ने भेजे थे दो तरह के पेपर, एक संस्थान ने तय कोर्स से अलग पेपर दे दिया।
उदयपुर .
राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय(आरटीयू ), कोटा के वर्ष 2013 और वर्ष 2015 के बैक पेपर वाले विद्यार्थियों को शुक्रवार को हुई परीक्षा के दौरान उदयपुर में एक संस्थान ने तय कोर्स से अलग पेपर दे दिया। परीक्षार्थियों की आपत्ति के बावजूद विवि से कोई चर्चा करने के बजाय उन्हें वही पेपर हल करने को कहा गया।
अरावली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नीकल स्टडीज में एक अन्य कॉलेज के परीक्षार्थियों का परीक्षा केन्द्र था। सुबह 10.30 से 1.30 बजे तक फ्लूड मैकेनिक (द्वितीय वर्ष-चौथा सेमेस्टर) का पेपर था, जबकि इन्हें तय पाठ्यक्रम के बजाय दूसरा पेपर दे दिया गया। ऐसे में जब परीक्षार्थियों ने आपत्ति जताई तो उन्हें यह कहकर बिठा दिया गया कि जो पेपर है, वही करना होगा। ऐसे में परीक्षार्थियों को मजबूरन वही पेपर लेकर बैठे रहना पड़ा। केन्द्र पर करीब 30 विद्यार्थी परीक्षा दे रहे थे।
अन्य कॉलेजों ने बदल दिए थे पेपर
अन्य परीक्षा केन्द्रों पर जब परीक्षार्थियों ने आपत्ति दर्ज करवाई थी तो पेपर बदल दिया गया था। ऐसे में उन्हें परीक्षा देने में कोई परेशानी नहीं हुई।
हमने यहां से दो पेपर भेजे थे। कॉलेजों को इसकी जानकारी भी भेज दी थी। वर्ष 2013 में जो स्कीम बदली थी, उसके आधार पर दो अलग -अलग पेपर थे। यदि किसी कॉलेज में ऐसा हुआ है, तो पता करते हैं, अभी तक इसकी जानकारी नहीं मिली है।
एके द्विवेदी, परीक्षा नियंत्रक, आरटीयू कोटा
हां, आज जानकारी मिली है कि परीक्षा में कुछ परेशानी आई थी। कल पूरा पता कर ही कुछ कहा जा सकता है।
ज्ञानसिंह सुरावत, प्रशासक, अरावली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नीकल स्टडीज
राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय(आरटीयू ), कोटा के वर्ष 2013 और वर्ष 2015 के बैक पेपर वाले विद्यार्थियों को शुक्रवार को हुई परीक्षा के दौरान उदयपुर में एक संस्थान ने तय कोर्स से अलग पेपर दे दिया। परीक्षार्थियों की आपत्ति के बावजूद विवि से कोई चर्चा करने के बजाय उन्हें वही पेपर हल करने को कहा गया।
अरावली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नीकल स्टडीज में एक अन्य कॉलेज के परीक्षार्थियों का परीक्षा केन्द्र था। सुबह 10.30 से 1.30 बजे तक फ्लूड मैकेनिक (द्वितीय वर्ष-चौथा सेमेस्टर) का पेपर था, जबकि इन्हें तय पाठ्यक्रम के बजाय दूसरा पेपर दे दिया गया। ऐसे में जब परीक्षार्थियों ने आपत्ति जताई तो उन्हें यह कहकर बिठा दिया गया कि जो पेपर है, वही करना होगा। ऐसे में परीक्षार्थियों को मजबूरन वही पेपर लेकर बैठे रहना पड़ा। केन्द्र पर करीब 30 विद्यार्थी परीक्षा दे रहे थे।
अन्य कॉलेजों ने बदल दिए थे पेपर
अन्य परीक्षा केन्द्रों पर जब परीक्षार्थियों ने आपत्ति दर्ज करवाई थी तो पेपर बदल दिया गया था। ऐसे में उन्हें परीक्षा देने में कोई परेशानी नहीं हुई।
हमने यहां से दो पेपर भेजे थे। कॉलेजों को इसकी जानकारी भी भेज दी थी। वर्ष 2013 में जो स्कीम बदली थी, उसके आधार पर दो अलग -अलग पेपर थे। यदि किसी कॉलेज में ऐसा हुआ है, तो पता करते हैं, अभी तक इसकी जानकारी नहीं मिली है।
एके द्विवेदी, परीक्षा नियंत्रक, आरटीयू कोटा
हां, आज जानकारी मिली है कि परीक्षा में कुछ परेशानी आई थी। कल पूरा पता कर ही कुछ कहा जा सकता है।
ज्ञानसिंह सुरावत, प्रशासक, अरावली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नीकल स्टडीज
शिक्षक भर्ती : महिला वर्ग में प्रथम स्थान, मंडल आवंटित नहीं करने पर कोर्ट ने मांगा जवाब
शाहपुरा
सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती 2016 के विज्ञान विषय से महिला वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त करने के बावजूद मेरिट के अनुसार मंडल आवंटित नहीं करने के मामले से जुड़ी याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई कर माध्यमिक शिक्षा विभाग के शासन सचिव एवं निदेशक को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है।
जिला निवासी संगीता कुमारी की ओर से दायर याचिका में एडवोकेट ने बताया कि प्रार्थिनी ने आरपीएससी की ओर से निकाली गई सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती 2016 में विज्ञान में ओबीसी महिला वर्ग में आवेदन किया था। भर्ती परीक्षा के परिणाम में प्रार्थिनी ने महिला वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त कर सामान्य वर्ग में चयन हो गया। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने चयनित अभ्यर्थियों से मंडल आवंटित करने के लिए विकल्प पत्र मांगे गए। इसमें प्रार्थिनी ने चुरू, जयपुर एवं बीकानेर मंडल की सर्वोच्च प्राथमिकता भरी थी लेकिन विभाग ने प्रार्थिनी की मेरिट एवं विकल्प पत्र में दी गई प्राथमिकता को नजर अंदाज कर उसे नियुक्ति के लिए उदयपुर मंडल आवंटित कर दिया। इससे कम मेरिट वाली महिला अभ्यर्थियों को जयपुर मंडल दे दिया।
याचिका में बताया कि विभाग को मेरिट एवं विकल्प पत्र में दी गई वरीयता के अनुसार मंडल आवंटित करना चाहिए था लेकिन विभाग ने मनमाने तरीके से मंडल आवंटित किए। न्यायाधीश वीएस सिराधना ने शिक्षा विभाग को इस मामले में दो सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने के आदेश दिए।
सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती 2016 के विज्ञान विषय से महिला वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त करने के बावजूद मेरिट के अनुसार मंडल आवंटित नहीं करने के मामले से जुड़ी याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई कर माध्यमिक शिक्षा विभाग के शासन सचिव एवं निदेशक को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है।
जिला निवासी संगीता कुमारी की ओर से दायर याचिका में एडवोकेट ने बताया कि प्रार्थिनी ने आरपीएससी की ओर से निकाली गई सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती 2016 में विज्ञान में ओबीसी महिला वर्ग में आवेदन किया था। भर्ती परीक्षा के परिणाम में प्रार्थिनी ने महिला वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त कर सामान्य वर्ग में चयन हो गया। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने चयनित अभ्यर्थियों से मंडल आवंटित करने के लिए विकल्प पत्र मांगे गए। इसमें प्रार्थिनी ने चुरू, जयपुर एवं बीकानेर मंडल की सर्वोच्च प्राथमिकता भरी थी लेकिन विभाग ने प्रार्थिनी की मेरिट एवं विकल्प पत्र में दी गई प्राथमिकता को नजर अंदाज कर उसे नियुक्ति के लिए उदयपुर मंडल आवंटित कर दिया। इससे कम मेरिट वाली महिला अभ्यर्थियों को जयपुर मंडल दे दिया।
याचिका में बताया कि विभाग को मेरिट एवं विकल्प पत्र में दी गई वरीयता के अनुसार मंडल आवंटित करना चाहिए था लेकिन विभाग ने मनमाने तरीके से मंडल आवंटित किए। न्यायाधीश वीएस सिराधना ने शिक्षा विभाग को इस मामले में दो सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने के आदेश दिए।
8वीं की किताब में बाल गंगाधर तिलक को बताया ‘आतंकवाद का जनक’
जयपुर.
राजस्थान में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त अंग्रेजी माध्यम के निजी विद्यालयों में आठवीं कक्षा की किताब में बाल गंगाधर तिलक को ‘आतंकवाद का जनक’ बताया जा रहा है। किताब की पेज संख्या 267 पर 22वें अध्याय में तिलक के बारे में लिखा गया है कि उन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन का रास्ता दिखाया था, इसलिए उन्हें ‘आतंकवाद का जनक’ कहा जाता है।
आठवीं तक की किताबों की जिम्मेदारी एसआईईआरटी की
- प्रदेश में कक्षा एक से आठ तक का पाठ्यक्रम एसआईईआरटी तैयार करता है। सैकंडरी से सीनियर सैकंडरी स्तर तक का कक्षा 9 से 12 तक के पाठ्यक्रम का निर्धारण राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के जिम्मे है। इन किताबों का प्रकाशन राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल करवाता है।
पद्मावती मामले में भी विवाद सामने आ चुके हैं
राजस्थान में पिछले 15 साल में ऐसे 4 मौके पहले भी आ चुके हैं जब राज्य का स्कूली पाठ्यक्रम बदल दिया गया है। हालत यह है कि देश में सर्वाधिक प्रतिष्ठित और सर्वमान्य माने जाने वाले एनसीआरटी के पाठ्यक्रम पर छपी किताबों को भी सरकार बदलने के साथ ही बदल दिया गया। राजस्थान बोर्ड की प्रकाशित किताबों में बहुचर्चित पद्मावती प्रकरण से संबंधित विषयवस्तु को लेकर भी विवाद सामने आ चुके हैं।
राजस्थान में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त अंग्रेजी माध्यम के निजी विद्यालयों में आठवीं कक्षा की किताब में बाल गंगाधर तिलक को ‘आतंकवाद का जनक’ बताया जा रहा है। किताब की पेज संख्या 267 पर 22वें अध्याय में तिलक के बारे में लिखा गया है कि उन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन का रास्ता दिखाया था, इसलिए उन्हें ‘आतंकवाद का जनक’ कहा जाता है।
आठवीं तक की किताबों की जिम्मेदारी एसआईईआरटी की
- प्रदेश में कक्षा एक से आठ तक का पाठ्यक्रम एसआईईआरटी तैयार करता है। सैकंडरी से सीनियर सैकंडरी स्तर तक का कक्षा 9 से 12 तक के पाठ्यक्रम का निर्धारण राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के जिम्मे है। इन किताबों का प्रकाशन राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल करवाता है।
पद्मावती मामले में भी विवाद सामने आ चुके हैं
राजस्थान में पिछले 15 साल में ऐसे 4 मौके पहले भी आ चुके हैं जब राज्य का स्कूली पाठ्यक्रम बदल दिया गया है। हालत यह है कि देश में सर्वाधिक प्रतिष्ठित और सर्वमान्य माने जाने वाले एनसीआरटी के पाठ्यक्रम पर छपी किताबों को भी सरकार बदलने के साथ ही बदल दिया गया। राजस्थान बोर्ड की प्रकाशित किताबों में बहुचर्चित पद्मावती प्रकरण से संबंधित विषयवस्तु को लेकर भी विवाद सामने आ चुके हैं।
शिक्षा विभाग ने दी छूट, अब इन अध्यापकों को नहीं लेना पड़ेगा प्रशिक्षण उन वरिष्ठ शिक्षकों को अब प्रशिक्षण नहीं लेना पड़ेगा जो पहले प्रशिक्षण ले चुके है।
बीकानेर .
उन वरिष्ठ शिक्षकों को अब प्रशिक्षण नहीं लेना पड़ेगा जो पहले प्रशिक्षण ले चुके है। वर्ष 2015 के बाद प्रशिक्षित इन शिक्षकों के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सभी जिला परियोजना समन्वयकों को छूट देने के आदेश दे दिए है।
परिषद के अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक सुरेश चंद्र ने आदेश में कहा कि प्रशिक्षणार्थियों की सूची में शामिल ऐसे शिक्षकों को पिछले 2 सालों में प्रशिक्षण प्राप्त करने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। जिसके आधार पर जिला परियोजना समन्वयक छूट देंगे।
पत्रिका ने उठाया था मामला
पत्रिका ने अपने 11 मई के अंक में 'सूची में डाले प्रशिक्षण ले चुके शिक्षकों के नामÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर विभागीय भूल का मामला उठाया था। इसके बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद हरकत में आया और शिक्षकों
को पुन: प्रशिक्षण नहीं लेने की छूट दे दी।
गलती करने वालों को नोटिस परिषद ने ऐसे शिक्षकों के स्थान पर अब तक प्रशिक्षण नहीं लेने वालो शिक्षकों को शामिल करने के निर्देश भी दिए है। साथ ही उन संस्था प्रधानों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए कहा है जिन्होंने प्रशिक्षार्थियों की सूची में पूर्व में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके शिक्षकों के नाम दर्ज कर दिए थे।
सेवानिवृत्ति वालों को भी छूट
प्रशिक्षण ने उन वरिष्ठ शिक्षकों को भी छूट दी है जिनके सेवानिवृत्त होने में केवल एक साल का समय शेष है। साथ ही गंभीर बीमारी से पीडि़त, गर्भवती शिक्षिका, जिस शिक्षिका के छह माह तक के बच्चे है, उन्हें भी प्रशिक्षण से छूट मिल सकती है। साथ ही 3 साल तक के बच्चों वाली शिक्षिकाओं को आवास में रहने की बाध्यता से अलग रखा गया है।
उन वरिष्ठ शिक्षकों को अब प्रशिक्षण नहीं लेना पड़ेगा जो पहले प्रशिक्षण ले चुके है। वर्ष 2015 के बाद प्रशिक्षित इन शिक्षकों के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सभी जिला परियोजना समन्वयकों को छूट देने के आदेश दे दिए है।
परिषद के अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक सुरेश चंद्र ने आदेश में कहा कि प्रशिक्षणार्थियों की सूची में शामिल ऐसे शिक्षकों को पिछले 2 सालों में प्रशिक्षण प्राप्त करने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। जिसके आधार पर जिला परियोजना समन्वयक छूट देंगे।
पत्रिका ने उठाया था मामला
पत्रिका ने अपने 11 मई के अंक में 'सूची में डाले प्रशिक्षण ले चुके शिक्षकों के नामÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर विभागीय भूल का मामला उठाया था। इसके बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद हरकत में आया और शिक्षकों
को पुन: प्रशिक्षण नहीं लेने की छूट दे दी।
गलती करने वालों को नोटिस परिषद ने ऐसे शिक्षकों के स्थान पर अब तक प्रशिक्षण नहीं लेने वालो शिक्षकों को शामिल करने के निर्देश भी दिए है। साथ ही उन संस्था प्रधानों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए कहा है जिन्होंने प्रशिक्षार्थियों की सूची में पूर्व में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके शिक्षकों के नाम दर्ज कर दिए थे।
सेवानिवृत्ति वालों को भी छूट
प्रशिक्षण ने उन वरिष्ठ शिक्षकों को भी छूट दी है जिनके सेवानिवृत्त होने में केवल एक साल का समय शेष है। साथ ही गंभीर बीमारी से पीडि़त, गर्भवती शिक्षिका, जिस शिक्षिका के छह माह तक के बच्चे है, उन्हें भी प्रशिक्षण से छूट मिल सकती है। साथ ही 3 साल तक के बच्चों वाली शिक्षिकाओं को आवास में रहने की बाध्यता से अलग रखा गया है।
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