Saturday, 12 May 2018

राजस्थान में आए आंधी-तूफान ने आखिर लगा दी सरकारी तबादलों पर रोक, हजारों सरकारी कर्मचारी परेशान

जयपुर

राजस्थान में आए आंधी तूफान के बीच तबादले चाहने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए बुरी खबर है। आंधी और तूफान के चलते सरकार ने कुछ विभागों के तबादलों पर आगामी आदेशों तक रोक लगा दी है। इन आदेशों के चलते अब हजारों कर्मचारी परेशान हैं। प्रदेश के सरकारी विभाग दो महीनों से इन तबादलों में जुटे हैं। लाखों कर्मचारियों की लिस्टें तैयार हैं और आने वाले कुछ दिनों में सूचियां भी जारी होनी है। लेकिन आंधी-अंधड़ के चलते अब परेशानी शुरु हो गई है।

आंधी तूफान से प्रदेश में बड़े पैमाने पर हुई क्षति के कारण बिजली विभाग में भी 30 जून तक स्थानांतरण करने पर बैन लगा दिया गया है। न्याय आपके द्वार कार्यक्रम के तहत राजस्व विभाग में तबादले पर फिलहाल रोक लगाई गई है। सरकार की ओर से यह भी मैसेज है कि जून तक तबादलों की गति थोड़ी धीरे रखी जाए, जिससे न्याय आपके द्वार कार्यक्रम प्रभावित न होने पाए। उसके बाद तेज गति से तबादले किए जाए, जिससे हर व्यक्ति को राहत दी जा सके।

गौरतलब है कि प्रशासनिक सुधार विभाग ने चुनावी साल में 12 मार्च को अनिश्चितकाल के लिए तबादलों से प्रतिबंध हटा दिया था। उसके बाद से मंत्रियों के पास डिजायर आनी शुरू हो गई थी। चुनावी साल होने के कारण इस साल तबादलों की डिजायर सबसे ज्यादा है। सरकार ऑन लाइन और मैनुअल तबादले फार्म ले रही है।

सबसे ज्यादा शिक्षक चाहते हैं तबादले

सबसे अधिक 80 हजार डिजायर तो अकेले शिक्षा विभाग में आई हैं। शिक्षा विभाग ने 30 अप्रैल से तबादला कैंप शुरू कर दिया है। सूची जारी होने का काम 15 मई से शुरू हो सकता है। विभाग ने अभी तृतीय श्रेणी शिक्षकों से ही आवेदन मांगे हैं और गाइडलाइन जारी की गई है। तबादलों से प्रतिबंध हटने के दो माह बाद भी वरिष्ठ अध्यापक, व्याख्याता, हैडमास्टर और प्रिंसिपल के तबादलों को लेकर कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है। इन केटेगरी के करीब 20 हजार शिक्षक तबादले के लिए आवेदन जमा करा चुके हैं। कृषि विभाग, पुलिस विभाग, बिजली और पानी विभाग, समेत दस से भी ज्यादा अन्य विभागों में करीब साठ हजार कर्मचारियों ने तबादले मांगे हैं।

तबादले के लिए सवा लाख आवेदन, जून तक ट्रांसफर देने की गति धीरे रखने कहा गया

जयपुर.

 दो माह से तबादलों काे लेकर मंत्री-अफसरों के यहां कर्मचारियों का मेला लगा है, जिसमें सवा लाख आवेदन आ चुके हैं। सबसे अधिक 80 हजार डिजायर तो अकेले शिक्षा विभाग में आई हैं। मंत्रियों और सचिवों के स्तर पर सूचियां तैयार की जा रही हैं। कुछ विभागों ने तबादलों की सूचियां जारी करनी शुरू कर दी है, जबकि स्कूल व कॉलेज शिक्षा महकमों से स्थानांतरण सूची 15 मई से जारी होना शुरू होगी। बता दें कि प्रशासनिक सुधार विभाग ने चुनावी साल में 12 मार्च को अनिश्चितकाल के लिए तबादलों से प्रतिबंध हटा दिया था। उसके बाद से मंत्रियों के पास डिजायर आनी शुरू हो गई थी। 

जून तक तबादलों की गति धीरे रखने कहा गया

- न्याय आपके द्वार कार्यक्रम के तहत राजस्व विभाग में तबादले पर फिलहाल रोक लगाई गई है। आंधी तूफान से प्रदेश में बड़े पैमाने पर हुई क्षति के कारण बिजली विभाग में भी 30 जून तक स्थानांतरण करने पर बैन लगा दिया गया है।

- सरकार की ओर से यह भी मैसेज है कि जून तक तबादलों की गति थोड़ी धीरे रखी जाए, जिससे न्याय आपके द्वार कार्यक्रम प्रभावित न होने पाए। उसके बाद तेज गति से तबादले किए जाए, जिससे हर व्यक्ति को राहत दी जा सके।

शिक्षा विभाग में तबादले के लिए 80 हजार आवेदन

शिक्षा विभाग ने 30 अप्रैल से तबादला कैंप शुरू कर दिया है। सूची जारी होने का काम 15 मई से शुरू हो सकता है। विभाग ने अभी तृतीय श्रेणी शिक्षकों से ही आवेदन मांगे हैं और गाइडलाइन जारी की गई है। तबादलों से प्रतिबंध हटने के दो माह बाद भी वरिष्ठ अध्यापक, व्याख्याता, हैडमास्टर और प्रिंसिपल के तबादलों को लेकर कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है। इन केटेगरी के करीब 20 हजार शिक्षक तबादले के लिए आवेदन जमा करा चुके हैं।

परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों की तरह अब वीक्षक, कर्मचारी व अधिकारी भी नहीं ले जा सकेंगे मोबाइल

पीटीईटी आैर बीएबीएड व बीएससीबीएड प्रवेश परीक्षा 13 मई को सभी जिला मुख्यालयों पर आयोजित की जाएगी। राज्यभर में इन परीक्षाओं में चार लाख विद्यार्थी बैठेंगे। सुरक्षा की दृष्टि से परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों की तरह अब वीक्षक, कर्मचारी आैर अधिकारी भी मोबाइल नहीं ले जा सकेंगे। प्रश्न पत्र खुलने से लेकर परीक्षा समाप्त होने तक मोबाइल पर प्रतिबंध रहेगा। सभी जिला पर्यवेक्षकों को इस बारे में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। 

सख्ती

पीटीईटी आैर बीएबीएड व बीएससीबीएड की प्रवेश परीक्षा 

अति आवश्यक है तो केंद्र पर्यवेक्षक व केंद्राधीक्षक कर सकेंगे मोबाइल इस्तेमाल

आधिकारिक सूचना के अनुसार परीक्षा के दौरान केंद्र पर्यवेक्षक आैर केंद्राधीक्षक अति आवश्यक होने पर विशेष कार्य के लिए मोबाइल का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसके लिए केंद्राधीक्षक को प्रमाण पत्र देना होगा कि प्रश्न पत्र खोले जाने से लेकर परीक्षा समाप्ति तक किसी भी वीक्षक, कार्मिक आैर अधिकारी द्वारा मोबाइल फोन आैर कैमरे का इस्तेमाल नहीं किया गया। 

हर जिले में पर्यवेक्षक व विशेष पर्यवेक्षक

हर जिले में पर्यवेक्षक आैर विशेष जिला पर्यवेक्षकों के साथ अतिरिक्त जिला पर्यवेक्षक लगाए गए हैं। हर जिले में एक विश्वविद्यालय पर्यवेक्षक भी नियुक्त किया गया है, जो कि विश्वविद्यालय से परीक्षा सामाग्री लेकर प्रत्येक जिले में जाएंगे। परीक्षा अवधि के दौरान औचक निरीक्षण के लिए जिला प्रशासन आैर विश्वविद्यालय द्वारा फ्लाइंग स्कवाड की भी नियुक्ति की गई है। 

हर परीक्षा केंद्र पर तैनात रहेगी पुलिस

 राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर आयोजित इन परीक्षाओं के सभी परीक्षा केंद्रों पर दो-दो पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे जो कि प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के साथ कानून व शांति व्यवस्था बनाएंगे। परीक्षा की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। सभी परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा सामाग्री आज सुबह 7 बजे से भेजना शुरू होगा। इसके लिए दल गठित किए गए हैं, परीक्षा समाप्ति यानि 13 मई को शाम के बाद यह दल परीक्षा सामाग्री लेकर महर्षि दयानंद सरस्वती यूनिवर्सिटी वापस पहुंचेंगे। 

कितने स्कूलों में हैं टॉयलेट्स, लड़के व लड़कियों के अलग कितने हैं- हाईकोर्ट ने मांगा ब्यौरा

जयपुर.

हाईकोर्ट ने प्रदेश के बालिका स्कूलों में टॉयलेट्स व पानी सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं नहीं होने के मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट सहित यह बताने के लिए कहा है कि कितने स्कूलों में टॉयलेट्स हैं, उनमें से कितने टॉयलेट्स लड़के व लड़कियों के अलग-अलग हैं। इसके अलावा यह भी बताएं कि कितने टॉयलेट्स में सफाई की व्यवस्था है। वहीं अदालत ने स्कूलों में पीने के पानी की व्यवस्था को लेकर भी विभाग से रिपोर्ट मांगी है।

- न्यायाधीश केएस झवेरी व वीके व्यास की खंडपीठ ने यह अंतरिम निर्देश राधा शेखावत की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।

- गौरतलब है कि अदालत ने मामले में पूर्व में सुनवाई करते हुए कहा था कि मामला टॉयलेट्स व पानी सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं का है जो गंभीर है।

- यह विद्यार्थियों के स्कूल छोड़ने का कारण भी है। इस मामले में 20 फरवरी 2015 को विस्तृत आदेश दिया था। जिसके पालन में सरकार ने 4 मई 2016 को प्रगति रिपोर्ट पेश की थी।

याचिका में क्या कहा गया

- याचिका में कहा था कि प्रदेश के स्कूलों में टॉयलेट सहित अन्य सुविधाएं नहीं होने के कारण छात्राएं दिन प्रतिदिन स्कूल छोड़ रही हैं।

- स्कूल व अन्य शैक्षणिक संस्थानों में मूलभूत सुविधाएं नहीं होने के कारण छात्राओं की पढ़ाई पूरी नहीं हो रही। यदि उन्हें सुविधाएं मिलें तो वे पढ़ाई कर अपना कॅरियर बना सकती हैं। इसलिए स्कूलों में टॉयलेट्स सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।

सरकारी नौकरी में नियुक्ति पर युवाओं को शुरू के 5 साल तक सेना में तैनाती का मानस बना रही है सरकार

Bhaskar News Network | May 12,2018 07:10:03 AM IST
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भास्कर संवाददाता श्रीगंगानगर।

वर्तमान समय में भारतीय सेना जवानों की कमी से जूझ रही है, जिसे वक्त रहते पूरा करने की आवश्यकता है। सरकार देश में विभिन्न क्षेत्रों में सरकारी नौकरी में नियुक्ति पर प्रारंभिक 5 साल तक युवाओं को सेना में तैनाती का मानस बना रही है। यह बात शुक्रवार को कैप्टन मोहम्मद यूनुस खान ने स्पैंगल पब्लिक स्कूल में आयोजित कॅरिअर इन डिफेंस सेमिनार में कही। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी से पहले अगर लोगों को सेना की सर्विस में लगाया जाएगा तो वे ज्यादा अनुशासित होंगे। इस तरह का बदलाव चीन, इजरायल व जापान सहित कई देश पहले ही कर चुके हैं। सेमिनार की शुरुआत में वक्ताओं ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किया। कैप्टन नितिन यादव ने छात्र-छात्राओं में देशभक्ति का जज्बा भरते हुए कहा कि वर्दी में सजे-धजे किसी भी फौजी अफसर को देखते ही सीना गर्व से तन जाता है, फौजी वर्दी में सजे ये युवा अधिकारी हजारों की भीड़ में अलग दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा युवा अधिकारी केवल रोजी-राेटी कमाने के उद्देश्य से ही सेना में भर्ती नहीं होते हैं बल्कि जीवन में कुछ कर दिखाने के जोश-जुनून, कर्तव्य पालन और उससे भी बढ़कर देश की अस्मिता की रक्षा करने की दृढ़ इच्छा रखते हैं। इस मौके पर स्कूल के प्रबंधक नितिन अग्रवाल व प्राचार्य विष्णु स्वामी सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

Tuesday, 8 May 2018

BLO गर्मी की छुट्टियों में 15 मई से 20 जून तक घर- घर जाकर करेंगे वेरिफिकेशन


6731 पदोन्नत सेकंड ग्रेड टीचर्स को पोस्टिंग की तैयारी


प्राइवेट स्कूल शिक्षकों के अनुभव प्रमाण पत्र के लिए 8 की जगह अब 3 शर्तें✍🏻


5 हजार स्कूल लेक्चरर की भर्ती होगी आवेदन ऑनलाइन 17 मई से 👇🏼


अब शि‍क्षक या व‍िद्यार्थी कोई भी कक्षा में मोबाइल लाए तो होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जारी किया आदेश

उदयपुर .

यदि अब किसी शिक्षक या विद्यार्थी कक्षा संचालन के दौरान मोबाइल उपयोग करते हुए मिला या उसके मोबाइल देखा गया तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक बीएल स्वर्णकार ने सभी संस्था प्रधानों व अधिकारियों को आदेश किया कि संबंधित को पहले चेता दें और बाद में यदि नहीं संभले तो राजस्थान असैनिक सेवाएं आचरण नियम 1971 के तहत कार्रवाई करें।

सूचना पट्ट और प्रार्थना सभा में करें उल्लेख

प्रत्येक स्कूल को अब मोबाइल उपयोग नहीं का संदेश उसके सूचना पट्ट पर लिखना होगा। साथ ही प्रार्थना सभा में भी इस बारे में बताया जाए। कक्षा एवं स्कूल परिसर में कोई भी शिक्षक मोबाइल का उपयोग नहीं कर सकेगा।

शिकायतों पर आदेश

ये आदेश शिकायतों पर जारी किए गए हैं। कई बार कक्षा संचालन के दौरान किसी शिक्षक के पास फोन आने पर पढ़ाई का समय खराब होने की घटनाएं होती है। साथ ही विद्यार्थी के लिए तो मोबाइल का इस्तेमाल होना ही नहीं चाहिए। सभी को इसे सख्ती से लागू करना होगा।

नरेश डांगी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक प्रथम

135 दिन बाद एक सितंबर से खुलेंगे स्कूल:9वीं-11वीं की सुबह 7:30 से 12:30 तक लगेगी क्लास, 10वीं-12वीं वालों को 8 बजे से जाना होगा, पेरेंट्स की लिखित में अनुमति जरूरी...

 बीकानेर लेखक: दिलीप सिंह पंवार बीकानेर जिले में 56 और सबसे अधिक बाड़मेर जिले में 113 स्कूलों को क्रमोन्नत किया गया है। - Dainik Bhaskar बीक...