जयपुर.
हाईकोर्ट ने प्रदेश के बालिका स्कूलों में टॉयलेट्स व पानी सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं नहीं होने के मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट सहित यह बताने के लिए कहा है कि कितने स्कूलों में टॉयलेट्स हैं, उनमें से कितने टॉयलेट्स लड़के व लड़कियों के अलग-अलग हैं। इसके अलावा यह भी बताएं कि कितने टॉयलेट्स में सफाई की व्यवस्था है। वहीं अदालत ने स्कूलों में पीने के पानी की व्यवस्था को लेकर भी विभाग से रिपोर्ट मांगी है।
- न्यायाधीश केएस झवेरी व वीके व्यास की खंडपीठ ने यह अंतरिम निर्देश राधा शेखावत की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
- गौरतलब है कि अदालत ने मामले में पूर्व में सुनवाई करते हुए कहा था कि मामला टॉयलेट्स व पानी सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं का है जो गंभीर है।
- यह विद्यार्थियों के स्कूल छोड़ने का कारण भी है। इस मामले में 20 फरवरी 2015 को विस्तृत आदेश दिया था। जिसके पालन में सरकार ने 4 मई 2016 को प्रगति रिपोर्ट पेश की थी।
याचिका में क्या कहा गया
- याचिका में कहा था कि प्रदेश के स्कूलों में टॉयलेट सहित अन्य सुविधाएं नहीं होने के कारण छात्राएं दिन प्रतिदिन स्कूल छोड़ रही हैं।
- स्कूल व अन्य शैक्षणिक संस्थानों में मूलभूत सुविधाएं नहीं होने के कारण छात्राओं की पढ़ाई पूरी नहीं हो रही। यदि उन्हें सुविधाएं मिलें तो वे पढ़ाई कर अपना कॅरियर बना सकती हैं। इसलिए स्कूलों में टॉयलेट्स सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।
हाईकोर्ट ने प्रदेश के बालिका स्कूलों में टॉयलेट्स व पानी सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं नहीं होने के मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट सहित यह बताने के लिए कहा है कि कितने स्कूलों में टॉयलेट्स हैं, उनमें से कितने टॉयलेट्स लड़के व लड़कियों के अलग-अलग हैं। इसके अलावा यह भी बताएं कि कितने टॉयलेट्स में सफाई की व्यवस्था है। वहीं अदालत ने स्कूलों में पीने के पानी की व्यवस्था को लेकर भी विभाग से रिपोर्ट मांगी है।
- न्यायाधीश केएस झवेरी व वीके व्यास की खंडपीठ ने यह अंतरिम निर्देश राधा शेखावत की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
- गौरतलब है कि अदालत ने मामले में पूर्व में सुनवाई करते हुए कहा था कि मामला टॉयलेट्स व पानी सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं का है जो गंभीर है।
- यह विद्यार्थियों के स्कूल छोड़ने का कारण भी है। इस मामले में 20 फरवरी 2015 को विस्तृत आदेश दिया था। जिसके पालन में सरकार ने 4 मई 2016 को प्रगति रिपोर्ट पेश की थी।
याचिका में क्या कहा गया
- याचिका में कहा था कि प्रदेश के स्कूलों में टॉयलेट सहित अन्य सुविधाएं नहीं होने के कारण छात्राएं दिन प्रतिदिन स्कूल छोड़ रही हैं।
- स्कूल व अन्य शैक्षणिक संस्थानों में मूलभूत सुविधाएं नहीं होने के कारण छात्राओं की पढ़ाई पूरी नहीं हो रही। यदि उन्हें सुविधाएं मिलें तो वे पढ़ाई कर अपना कॅरियर बना सकती हैं। इसलिए स्कूलों में टॉयलेट्स सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।
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