उदयपुर .
ये वो विशेष बच्चे हैं, जो सामान्य बच्चों से अलग हैं। उन्हें मुख्यधारा में जोडऩे के लिए प्रत्येक ब्लॉक में संदर्भ कक्ष खोले जा रहे हैं, लेकिन ये कक्ष या सामग्री किस काम की जब इस सामग्री का उपयोग करवाने वाला कोई नहीं? कारण साफ है कि जिले में ऋषभदेव, लसाडिय़ा, कुराबड़, झल्लारा, सेमारी, फलासिया और सायरा में एक भी संदर्भ शिक्षक नहीं होने से जिले के करीब एक हजार से अधिक विशेष बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। विशेष आवश्यकता वाले इन बच्चों के लिए सरकार ने जिले के दस ब्लॉक में संदर्भ शिक्षक लगा रखे हैं, लेकिन ये सात ब्लॉक सौतेले हैं।
इन केन्द्रों के लिए 20 लाख की सामग्री
इन सात केन्द्रों पर संदर्भ कक्ष स्थापित करने के लिए 20 लाख रुपए का सामान खरीदा गया है, लेकिन ये सामग्री फिलहाल या तो ब्लॉक के बड़े स्कूल में या किसी कार्यालय में रखवाई गई है। सर्व शिक्षा अभियान ने प्रत्येक संदर्भ केन्द्र के लिए 33-33 प्रकार की सामग्री खरीद कर इसे ब्लॉक पर भेज दिया है। लाखों के इस सामान का उपयोग केवल इसलिए नहीं हो पा रहा है क्योंकि इन बच्चों को पढ़ाने वाला कोई नहीं।
तीन केन्द्रों पर द्वितीय श्रेणी शिक्षक
आइइडी सेल के जिला प्रभारी नेतराम कुमावत ने बताया कि जिले के गिर्वा, बड़ी व मावली में विशेष प्रशिक्षित तीन शिक्षक द्वितीय श्रेणी के हैं, जबकि सात ब्लॉक में तृतीय श्रेणी के शिक्षक कार्यरत है। वर्तमान में जिले में कुल 4705 विद्यार्थी विशेष आवश्यकता वाले हैं।
केवल चार बच्चे पढ़ रहे हैं यहां...
सर्व शिक्षा अभियान व राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान को मर्ज करने के बाद डाइट से संदर्भ कक्ष को फतह स्कूल में ले जाया गया है। फिलहाल यहां संदर्भ कक्ष तो हैं, लेकिन यहां केवल चार बच्चे पढ़ रहे हैं। यहां शिक्षिका दीपिकासिंह चंदेल बच्चों को पढ़ाती है। हालांकि इस कक्ष में भी सामग्री वर्षों पुरानी है। चंदेल का कहना है कि पुरानी सामग्री के इस्तेमाल में कुछ परेशनी हो रही है, लेकिन नए सामान के लिए लिख कर दे दिया है। मुख्यालय के संदर्भ कक्ष तक केवल चार बच्चे पहुंच रहे हैं तो ब्लॉक स्तर के संदर्भ कक्षों के हाल खुद ब खुद बयां हो जाते हैं।
नए संदर्भ कक्ष खोले जा रहे हैं। सभी सात ब्लॉक के लिए सामग्री भेज दी गई है। शिक्षकों को जल्द लगाने की तैयारी हो रही है। जैसे ही शिक्षक आ जाएंगे इन विशेष बच्चों की पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी।
मुरलीधर चौबीसा, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, सर्व शिक्षा अभियान, उदयपुर
ये वो विशेष बच्चे हैं, जो सामान्य बच्चों से अलग हैं। उन्हें मुख्यधारा में जोडऩे के लिए प्रत्येक ब्लॉक में संदर्भ कक्ष खोले जा रहे हैं, लेकिन ये कक्ष या सामग्री किस काम की जब इस सामग्री का उपयोग करवाने वाला कोई नहीं? कारण साफ है कि जिले में ऋषभदेव, लसाडिय़ा, कुराबड़, झल्लारा, सेमारी, फलासिया और सायरा में एक भी संदर्भ शिक्षक नहीं होने से जिले के करीब एक हजार से अधिक विशेष बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। विशेष आवश्यकता वाले इन बच्चों के लिए सरकार ने जिले के दस ब्लॉक में संदर्भ शिक्षक लगा रखे हैं, लेकिन ये सात ब्लॉक सौतेले हैं।
इन केन्द्रों के लिए 20 लाख की सामग्री
इन सात केन्द्रों पर संदर्भ कक्ष स्थापित करने के लिए 20 लाख रुपए का सामान खरीदा गया है, लेकिन ये सामग्री फिलहाल या तो ब्लॉक के बड़े स्कूल में या किसी कार्यालय में रखवाई गई है। सर्व शिक्षा अभियान ने प्रत्येक संदर्भ केन्द्र के लिए 33-33 प्रकार की सामग्री खरीद कर इसे ब्लॉक पर भेज दिया है। लाखों के इस सामान का उपयोग केवल इसलिए नहीं हो पा रहा है क्योंकि इन बच्चों को पढ़ाने वाला कोई नहीं।
तीन केन्द्रों पर द्वितीय श्रेणी शिक्षक
आइइडी सेल के जिला प्रभारी नेतराम कुमावत ने बताया कि जिले के गिर्वा, बड़ी व मावली में विशेष प्रशिक्षित तीन शिक्षक द्वितीय श्रेणी के हैं, जबकि सात ब्लॉक में तृतीय श्रेणी के शिक्षक कार्यरत है। वर्तमान में जिले में कुल 4705 विद्यार्थी विशेष आवश्यकता वाले हैं।
केवल चार बच्चे पढ़ रहे हैं यहां...
सर्व शिक्षा अभियान व राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान को मर्ज करने के बाद डाइट से संदर्भ कक्ष को फतह स्कूल में ले जाया गया है। फिलहाल यहां संदर्भ कक्ष तो हैं, लेकिन यहां केवल चार बच्चे पढ़ रहे हैं। यहां शिक्षिका दीपिकासिंह चंदेल बच्चों को पढ़ाती है। हालांकि इस कक्ष में भी सामग्री वर्षों पुरानी है। चंदेल का कहना है कि पुरानी सामग्री के इस्तेमाल में कुछ परेशनी हो रही है, लेकिन नए सामान के लिए लिख कर दे दिया है। मुख्यालय के संदर्भ कक्ष तक केवल चार बच्चे पहुंच रहे हैं तो ब्लॉक स्तर के संदर्भ कक्षों के हाल खुद ब खुद बयां हो जाते हैं।
नए संदर्भ कक्ष खोले जा रहे हैं। सभी सात ब्लॉक के लिए सामग्री भेज दी गई है। शिक्षकों को जल्द लगाने की तैयारी हो रही है। जैसे ही शिक्षक आ जाएंगे इन विशेष बच्चों की पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी।
मुरलीधर चौबीसा, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, सर्व शिक्षा अभियान, उदयपुर
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