Monday, 7 May 2018

7वें वेतनमान के बाद वेतन फिर बढ़ाने की तैयारी, चुनावी साल में तोहफा देने में जुटी सरकार

जयपुर.

                         चुनावी साल में जिस तरह पिछली अशोक गहलोत सरकार ने कर्मचारियों के लिए प्रमोशन और इंक्रीमेंट के दरवाजे खोल दिए थे, अब मौजूदा भाजपा सरकार भी उसी राह पर चल पड़ी है। सरकार की तैयारी कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन कर बड़ा तोहफा देने की है। लगभग हर कैडर को इसका फायदा मिलेगा। इसके लिए सरकार ने वेतन विसंगति मामलों को निपटाने के लिए गठित सामंत कमेटी के काम का दायरा बढ़ाते हुए उसे वेतनमान संशोधन और भत्तों में इजाफे से जुड़े ज्ञापनों पर भी रिपोर्ट देने को कहा है। कमेटी का कार्यकाल भी मई से बढ़ाकर अगस्त तक कर दिया गया है। वित्त विभाग ने प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास भेजा था, जिसे शनिवार को मंजूरी मिल गई।  जल्द ही इसके आदेश जारी कर दिए जाएंगे।

 गहलोत के छह महीने के फैसलों पर सवाल, खुद वही दोहरा रही है सरकार

- गहलोत सरकार ने चुनावी साल में कर्मचारियों को जो भी फायदा दिया उसे मौजूदा सरकार ने आखिरी छह महीने किए गए फैसलों के तहत समीक्षा में शामिल कर दिया। गहलोत सरकार ने अधीनस्थ सेवाओं में जिन कैडर्स की ग्रेड पे बढ़ाई थी, मौजूदा सरकार ने उसे विसंगति बताकर फैसले को पलट दिया। इसके बाद कर्मचारियों की ग्रेड पे घटा दी गई। करीब 60 हजार से ज्यादा कर्मचारी इसकी जद में आए। इसके अलावा अधिकारी वर्ग में हायर सुपर टाइम स्केल के प्रमोशनों  के पदों में भी कटौती की गई। हालांकि गहलोत सरकार ने अपने स्तर पर ही सभी घोषणाएं की थी लेकिन मौजूदा सरकार यह काम सामंत कमेटी के जरिए करवाएगी। ताकि सरकार के पास यह तर्क हो कि वह सिर्फ कमेटी की सिफारिशों को ही लागू कर रही है।

अब तक सिर्फ इन मुद्दों पर देनी थी सिफारिशें

- सामंत कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में प्रदेश के साढ़े आठ लाख कर्मचारियों और पौने चार लाख पेंशनर्स के लिए सातवें वेतनमान की घोषणा कर दी थी। वेतनमान लागू होने के बाद ज्यादातर कैडर्स वेतन विसंगतियों की शिकायतें लेकर सरकार के पास पहुंचे।

- इसे देखते हुए नवंबर में कमेटी को कर्मचारियों के ज्ञापनों का परीक्षण कर अपनी सिफारिशें सरकार को देने के लिए छह महीने का समय दिया गया। इसमें शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक योग्यता, विभिन्न पदों के लिए निर्धारित योग्यता, भर्ती प्रक्रिया व पदों से जुड़े कामों का निर्धारण करने के लिए सिफारिशें दी जानी थी। विशेष वेतन व विशेष भत्तों का परीक्षण कर नई दरों की सिफारिश करना। वरिष्ठ व कनिष्ठ कर्मचारियों के वेतन में विसंगतियों का परीक्षण कर सिफारिशें सरकार को देने की जिम्मेदारी भी कमेटी को दी गई थी। अब इसके साथ वेतनमान संशोधन व नियमित भत्तों में इजाफे को लेकर भी कमेटी सरकार को अपनी सिफारिशें देगी।

 वेतनमान संशोधन का ये होगा असर

- गहलोत सरकार ने 2013 में 60 से ज्यादा सेवाओं के लिए प्रमोशन व अतिरिक्त पे बैंड स्वीकृत किया था। इससे आरएएस, आरपीएस, आरएसीएस समेत कई कैडर्स में अधिकारियों का वेतन 20 से 30 हजार रुपए तक बढ़ गया। अधीनस्थ सेवाओं में 1700 से लेकर 4400 ग्रेड पे तक के कर्मचारियों के लिए भी पे बैंड रिवाइज हुआ और इनका वेतन 5 से 10 हजार रु. बढ़ा।

- अब मौजूदा सरकार में अधीनस्थ मंत्रालयिक, डॉक्टर, इंडस्ट्रीज, सांख्यिकी, अायोजना, सचिवालय समेत कई कैडर्स पे-लेवल रिवाइज करने की मांग कर रहे हैं। डॉक्टर्स अधिकतम ग्रेड पे 8700 को बढ़ाकर 10 हजार रु. करने व अधीनस्थ मंत्रालयिक कर्मचारी 2800 के बजाय 3600 ग्रेड पे की मांग रहे हैं।

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