मानव संसाधन विकास मंत्रालय और शिक्षा विभाग की ओर से लगने वाले आवासीय प्रशिक्षण शिविरों के प्रति शिक्षकों ने लापरवाही बरती तो ना केवल उनका वेतन कटेगा, बल्कि उनकी वेतन वृद्धि भी रोकी जा सकती है। शिविरों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सुबह और रात को बॉयोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज की जाएगी। ताकि वे शिविरों से गायब नहीं हो सके। विभाग ने कक्षा 1 से 5 तक के शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का टाइमफ्रेम जारी कर दिया है। उधर, संगठनों ने शिविरों को गैर आवासीय करने की मांग उठाई है।
शिक्षकों को नवीन विधा और नई तकनीक से अवगत कराने के लिए आयोजित यह आवासीय प्रशिक्षण शिविर 6 दिवसीय होंगे और 5 चरणों में होंगे। पहला चरण 14 से 19 मई तक, दूसरा 21 से 26 मई तक, तीसरा 28 मई से 2 जून तक, चौथा 4 से 9 जून तक और पांचवां व अंतिम चरण 11 से 16 जून तक चलेगा। बॉयोमीट्रिक उपस्थिति सुबह 7 से 8 और रात को 8 से 9 के बीच ली जाएगी। दिनभर की समेकित रिपोर्ट भी डाइट के जरिए रोजाना एसएसए जयपुर कार्यालय को भेजा जाना अनिवार्य रखा है। शिविर में प्रारंभिक शिक्षा के 99,739 और माध्यमिक शिक्षा के 34,907 यानी कुल 1,34,646 शिक्षक प्रशिक्षण में हिस्सा लेंगे। जयपुर में माध्यमिक शिक्षा के 1,725 और प्रारंभिक शिक्षा के 5,594 शिक्षक प्रशिक्षण लेंगे। विभाग के प्रमुख सचिव नरेशपाल गंगवार की ओर से जारी आदेशों में कहा है कि शिविर में अनुपस्थित रहने वाले शिक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी कर शिविर की अवधि का वेतन काटा जाएगा। साथ ही मामले का निस्तारण होने तक उसकी वेतन बढ़ोतरी भी नहीं हो सकेगी। शिविर में प्रतिदिन प्रति शिक्षक खर्चा 300 रु. दिया जाएगा। अधिकतम 40 शिक्षकों के शिविर के लिए 72 हजार रु. का बजट रखा है। राजस्थान प्राथ. एवं माध्य. शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिनप्रका शर्मा का कहना है कि गर्मी की छुट्टियों में आवासीय शिविरों का आयोजन करना गलत है।
क्योंकि जिन शिक्षकों को बुलाया जा रहा है, उनमें अधिकांश शिक्षिकाएं है। शिक्षिकाओं पर घर परिवार की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में उनका लगातार 6 दिन तक घर से बाहर रहना बेहद मुश्किल है। इस मामले को हम मुख्यमंत्री तक लेकर जाएंगे और शिविरों को गैर आवासीय कराने की मांग करेंगे। इसके बाद भी मांग नहीं मानी गई तो आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।
शिक्षकों को नवीन विधा और नई तकनीक से अवगत कराने के लिए आयोजित यह आवासीय प्रशिक्षण शिविर 6 दिवसीय होंगे और 5 चरणों में होंगे। पहला चरण 14 से 19 मई तक, दूसरा 21 से 26 मई तक, तीसरा 28 मई से 2 जून तक, चौथा 4 से 9 जून तक और पांचवां व अंतिम चरण 11 से 16 जून तक चलेगा। बॉयोमीट्रिक उपस्थिति सुबह 7 से 8 और रात को 8 से 9 के बीच ली जाएगी। दिनभर की समेकित रिपोर्ट भी डाइट के जरिए रोजाना एसएसए जयपुर कार्यालय को भेजा जाना अनिवार्य रखा है। शिविर में प्रारंभिक शिक्षा के 99,739 और माध्यमिक शिक्षा के 34,907 यानी कुल 1,34,646 शिक्षक प्रशिक्षण में हिस्सा लेंगे। जयपुर में माध्यमिक शिक्षा के 1,725 और प्रारंभिक शिक्षा के 5,594 शिक्षक प्रशिक्षण लेंगे। विभाग के प्रमुख सचिव नरेशपाल गंगवार की ओर से जारी आदेशों में कहा है कि शिविर में अनुपस्थित रहने वाले शिक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी कर शिविर की अवधि का वेतन काटा जाएगा। साथ ही मामले का निस्तारण होने तक उसकी वेतन बढ़ोतरी भी नहीं हो सकेगी। शिविर में प्रतिदिन प्रति शिक्षक खर्चा 300 रु. दिया जाएगा। अधिकतम 40 शिक्षकों के शिविर के लिए 72 हजार रु. का बजट रखा है। राजस्थान प्राथ. एवं माध्य. शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिनप्रका शर्मा का कहना है कि गर्मी की छुट्टियों में आवासीय शिविरों का आयोजन करना गलत है।
क्योंकि जिन शिक्षकों को बुलाया जा रहा है, उनमें अधिकांश शिक्षिकाएं है। शिक्षिकाओं पर घर परिवार की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में उनका लगातार 6 दिन तक घर से बाहर रहना बेहद मुश्किल है। इस मामले को हम मुख्यमंत्री तक लेकर जाएंगे और शिविरों को गैर आवासीय कराने की मांग करेंगे। इसके बाद भी मांग नहीं मानी गई तो आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।
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