Saturday, 5 May 2018

स्कूलों की इस गलती की सजा भुगत रहे 5 हजार विद्यार्थी, कहीं भविष्य पर न लटक जाए तलवार

लापरवाही करने वाली स्कूलों को नोटिस देने की तैयारी

अभिषेक बिस्सा/जोधपुर. प्राथमिक शिक्षा अधिगम स्तर मूल्यांकन २०१८ (५वीं बोर्ड) का परिणाम गत दिनों घोषित हुआ था। इस परीक्षा में जोधपुर जिले से ५८०२ विद्यार्थियों का परिणाम इसलिए रोक दिया गया, क्योंकि स्कूलों से समय पर सत्रांक नहीं भेजे गए। इन स्कूलों को कई बार वेबसाइट पर सत्रांक अपलोड करने के लिए कहा गया था, लेकिन यह कार्य नहीं किया। इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से लापरवाह सरकारी विद्यालयों को नोटिस दिया जाएगा। संतोषजनक जवाब नहीं देने वाले जिम्मेदारों को १७ सीसीए के तहत चार्जशीट थमाई जाएगी। साथ ही, निजी स्कूलों से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। गंभीर गलती पाए जाने पर मान्यता तक रद्द की जा सकती है।



जिले में अब तक के रिकॉर्ड अनुसार ४९८ सरकारी व निजी विद्यालयों ने समय पर सत्रांक वेबसाइट पर अपलोड नहीं किए, जबकि ५०९० स्कूलों के ७८,९०२ विद्यार्थियों ने परीक्षा में भाग लिया था। सत्रांक के साथ आेएमआर सीटों में भी कुछ खामियों के चलते बच्चों के परीक्षा परिणाम रोके गए हैं। स्कूलों की इस लापरवाही के कारण जोधपुर में अधिकतर अभिभावक व बच्चे चिंता में हैं।



सत्रांक नहीं भेजने वाली स्कूलों को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान ने शनिवार तक का समय दिया है। इस संबंध में सभी ब्लॉक को सूची भिजवा दी गई हैं। इसमें सभी ब्लॉक परीक्षार्थियों से संबंधित विषयों की पूर्ति करके इसके बाद डाइट को सूचित करेंगे। उसके बाद रिजल्ट घोषित किया जाएगा।



इस परीक्षा में समय पर सत्रांक नहीं भेजने वाली स्कूलों के जिम्मेदारों को १७ सीसीए के तहत चार्जशीट दी जाएगी, क्यों कि यह सीधे तौर पर कर्तव्यों के प्रति लापरवाही है। निजी स्कूलों को भी नोटिस दिया जाएगा। ज्यादा लापरवाही सामने आई तो मान्यता तक रद्द की जाएगी।


ज्यादात्तर स्कूलों ने सत्रांक नहीं भेजा है। सभी ब्लॉक को सूची भेज दी गई है। कुछ स्कूलों का कहना है कि हमने सत्रांक समय पर भेज दिया, लेकिन ढंग से लॉक नहीं हुआ है। सभी को शनिवार तक का समय दिया गया है।

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