Monday, 7 May 2018

निजी स्कूलों की मनमानी कलक्टर पर भी भारी, यहां के स्कूलों के बच्चों की नहीं हैं ‘परवाह’ पारा 44 पर, तपती धूप में बच्चे परेशान, विद्यालयों ने नहीं घटाया समय


राजसमंद.

मई में गर्मी के प्रकोप को देखते हुए सरकारी और निजी विद्यालयों में समय घटाने के जिला कलक्टर के आदेशों की कई स्कूल अवहेलना कर रहे हैं। गर्मी से बचने अभिभावक कईजतन कर रहे हैं, लेकिन कतिपय स्कूलों को कोईफिक्र नहीं है। स्कूली विद्यार्थियों को काफी परेशानी हो रही है। पूर्व जिला कलक्टर बेरवाल ने गर्मी एवं लू के दौर में विद्यार्थियों की परेशानी को ध्यान में रखकर राजकीय, गैर राजकीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व माध्यमिक और उच्च् माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों के लिए दो से नौ मई तक विद्यालय समय सबह ७.३० से दोपहर १२ बजे तक करने के आदेश जारी किए थे। साथ ही शिक्षक और कर्मचारियों को पूर्ववत कार्य करने के निर्देश दिए गए। इसके बावजूद कई विद्यालयों ने कलक्टर के आदेशों की सुध ही नहीं ली। अनेकों स्कूलों का समय अभी भी पूर्ववत ही है। शुक्रवार को कक्षा १ से आठ तक के छोटे बच्चे गर्मी में परेशान दिखाई दिए। निजी स्कूलों की मनमानी बच्चों की सेहत से भी खिलवाड़ कर रही है।

स्कूलों में नहीं हैं पंखे

अभिभावकों और बच्चों की शिकायत है कि कई कक्षाओं मे पंखे नहीं हैं। कहीं पंखे हैं तो दोपहर में गर्म हवा फेंकने लगते हैं। ऐसे में बच्चों की तबीयत खराब होने की आशंका है।

सुबह ही सताती है गर्मी

एक निजी स्कूल की सातवीं कक्षा के विद्यार्थीविकास ने बताया कि जब वह सुबह स्कूल जाता है, तभी कड़ी धूप आ जाती है। कक्षाओं में केवल पंखे होने से गर्म हवाएं आती है। पढ़ाई करने में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। पूरे दिन माथे से पसीन नहीं उतरता। एक निजी स्कूल में नौवी के छात्र नीतिन दशोरा का कहना है कि उनकी स्कूल में कई कमरों में पंखों तक की व्यवस्था नहीं है। गर्मी में एक कक्षा में लगातार चार घंटे बैठे रहना काफी परेशान कर देने वाला है। स्कूल के समय में बदलाव की जरूरत है।

कुम्हला जाते हैं बच्चे

समय में बदलाव को लेकर पत्रिका टीम जब बच्चों के अभिभावकों की, तो चिंताजनक स्थिति सामने आई। जयप्रकाश शर्मा बताते हैं कि निजी स्कूल में उनका बच्चा दूसरी कक्षा में पढ़ता है। तेज गर्मी के कारण स्कूल की छुट्टी होने के बाद घर आते-आते वह बीमार जैसा सा बर्ताव करता है। स्कूल संचालकों को समय में बदलाव करना चाहिए।

1 किमी की दूरी और लम्बा वक्त

मदारा के जगदीश कुमावत ने बताया कि उनका लडक़ा और लडक़ी दोनों करीब 14 किलोमीटर की दूरी तय कर स्कूल जाते हैं। सुबह एक घंटे पहले स्कूल के लिए निकलना पड़ता है। दोपहर की छुट्टी के दौरान सूरज आग बरसाने लगता है। स्कूल बसों के खुले में खड़ी रहने से सीटें गर्म हो जाती हैं। छोटे बच्चों को बैठने में काफी तकलीफ होती है। उनकी सेहत को लेकर चिंता बढ़ रही है।
&गर्मी में बच्चों के परेशानी को देखते हुए समय बदला गया था। जो भी स्कूल पालना नहीं करेगा, उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। गर्मी में बच्चों को लेकर कोई भी लापरवाही नहीं बरती जाए।
भरत जोशी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक राजसमंद 

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