फलासिया.
जिले के करीब 2700 शिक्षकों के लिए 12 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर सप्ताहभर बाद शुरू होना है। जिले के सभी ब्लॉक में प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित कर दिए गए, लेकिन झाड़ोल-फलासिया को छोड़ दिया गया। ऐसे में यहां के 319 शिक्षकों को 130 किलोमीटर दूर आवाजाही कर जिला मुख्यालय पर प्रशिक्षण लेना होगा। यह प्रशिक्षण सजा साबित होने वाला है।
क्योंकि गैर आवासीय शिविर में शामिल होने वालों में करीब 125 महिलाएं भी हैं, जो प्रतिदिन 130 किलोमीटर सफर करके शिविर में आएंगी और वापस इतना ही सफर कर घर जाएंगी। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान दिल्ली की ओर से होने वाले आयोजन में अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण देने की तैयारी की गई है। उदयपुर जिला मुख्यालय से शाम पांच बजे बाद डैया-अंबासा सहित भाडेर क्षेत्र के लिए यातायात के साधन नहीं मिलते। ऐसे में शिक्षकों को परेशानी होना तय है।
देशभर में प्रशिक्षण
आरटीई के अनुसार सभी सरकारी, निजी विद्यालयों में प्रशिक्षित शिक्षक ही पढ़ा सकते हैं। इसके लिए केन्द्र सरकार की ओर से देशभर के 14 लाख शिक्षकों को डीएलएड प्रशिक्षण दिया जाना है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में फलासिया व झाड़ोल पंचायत समिति क्षेत्र के कुल 319 शिक्षकों को प्रशिक्षण लेना है।
पहुंचने में 10 घंटे
दूरस्थ गांवों से बड़ी संख्या में निजी विद्यालयों के अप्रशिक्षित शिक्षकों सहित शिक्षाकर्मी विद्यालयों के शिक्षक शामिल हैं। फलासिया पंचायत समिति के डैया-अंबासा क्षेत्र से उदयपुर जिला मुख्यालय की दूरी 130 किलोमीटर है और यहां आवाजाही के साधन भी अपर्याप्त हैं। ऐसे में जिला मुख्यालय पहुंचने में 8 से 10 घंटे लगते हैं।
परीक्षा केन्द्र है, प्रशिक्षण नहीं
प्रशिक्षण के बाद शिक्षकों को तीन दिन लिखित परीक्षा देनी होगी। जो देशभर में 31 मई से 2 जून तक होगी। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रयासों से झाड़ोल में परीक्षा केन्द्र तो स्थापित कर दिया, लेकिन प्रशिक्षण केन्द्र नहीं बनाया।
डीएलएड प्रशिक्षणार्थियों की कक्षाएं 7 से
राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय भूपालपुरा में सत्र 2017-19 के सभी डीएलएड प्रशिक्षणार्थियों की कक्षाएं 7 से 18 मई तक सुबह 10 से शाम 5 बजे तक लगेंगी। प्रधानाचार्या के अनुसार इसमें उनकी शत-प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है।
परिवेदनाएं बेअसर
तहसील क्षेत्र के 110 शिक्षकों ने आवाजाही, ठहराव और बच्चों की समस्या बताते हुए प्रशिक्षण केन्द्र झाड़ोल-फलासिया में खोलने की मांग की। विभागीय अधिकारियों ने जिले में अन्य जगह प्रशिक्षण केंद्र बनाए, लेकिन झाड़ोल-फलासिया को छोड़ दिया।
विभागीय लापरवाही का खमियाजा झाड़ोल क्षेत्र के प्रशिक्षणार्थियों को भुगतना पड़ेगा। तीन सौ से ज्यादा प्रशिक्षणार्थी होने के बावजूद झाड़ोल में प्रशिक्षण केन्द्र क्यों नहीं स्थापित किया जा रहा है? इनमें 125 से ज्यादा महिला प्रशिक्षणार्थी हैं, जिन्हें बच्चों और परिवार के साथ तालमेल बैठाकर 12 दिन प्रशिक्षण लेना पड़ेगा। उच्चाधिकारीयों को अवगत करवाया है।
जसवंतसिंह पंवार, जिलाध्यक्ष,राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय
अध्ययन केन्द्र स्थापित किए जाने की स्वीकृति उच्चाधिकारियों की ओर से जयपुर से दी जाती है। झाड़ोल क्षेत्र के लिए भी प्रस्ताव बनाकर भेज रखा है, यदि स्वीकृति मिल जाती है तो केन्द्र स्थापित कर दिया जाएगा।
गिरीजा वैष्णव, जिला शिक्षा अधिकारी (प्राशि), उदयपुर
जिले के करीब 2700 शिक्षकों के लिए 12 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर सप्ताहभर बाद शुरू होना है। जिले के सभी ब्लॉक में प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित कर दिए गए, लेकिन झाड़ोल-फलासिया को छोड़ दिया गया। ऐसे में यहां के 319 शिक्षकों को 130 किलोमीटर दूर आवाजाही कर जिला मुख्यालय पर प्रशिक्षण लेना होगा। यह प्रशिक्षण सजा साबित होने वाला है।
क्योंकि गैर आवासीय शिविर में शामिल होने वालों में करीब 125 महिलाएं भी हैं, जो प्रतिदिन 130 किलोमीटर सफर करके शिविर में आएंगी और वापस इतना ही सफर कर घर जाएंगी। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान दिल्ली की ओर से होने वाले आयोजन में अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण देने की तैयारी की गई है। उदयपुर जिला मुख्यालय से शाम पांच बजे बाद डैया-अंबासा सहित भाडेर क्षेत्र के लिए यातायात के साधन नहीं मिलते। ऐसे में शिक्षकों को परेशानी होना तय है।
देशभर में प्रशिक्षण
आरटीई के अनुसार सभी सरकारी, निजी विद्यालयों में प्रशिक्षित शिक्षक ही पढ़ा सकते हैं। इसके लिए केन्द्र सरकार की ओर से देशभर के 14 लाख शिक्षकों को डीएलएड प्रशिक्षण दिया जाना है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में फलासिया व झाड़ोल पंचायत समिति क्षेत्र के कुल 319 शिक्षकों को प्रशिक्षण लेना है।
पहुंचने में 10 घंटे
दूरस्थ गांवों से बड़ी संख्या में निजी विद्यालयों के अप्रशिक्षित शिक्षकों सहित शिक्षाकर्मी विद्यालयों के शिक्षक शामिल हैं। फलासिया पंचायत समिति के डैया-अंबासा क्षेत्र से उदयपुर जिला मुख्यालय की दूरी 130 किलोमीटर है और यहां आवाजाही के साधन भी अपर्याप्त हैं। ऐसे में जिला मुख्यालय पहुंचने में 8 से 10 घंटे लगते हैं।
परीक्षा केन्द्र है, प्रशिक्षण नहीं
प्रशिक्षण के बाद शिक्षकों को तीन दिन लिखित परीक्षा देनी होगी। जो देशभर में 31 मई से 2 जून तक होगी। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रयासों से झाड़ोल में परीक्षा केन्द्र तो स्थापित कर दिया, लेकिन प्रशिक्षण केन्द्र नहीं बनाया।
डीएलएड प्रशिक्षणार्थियों की कक्षाएं 7 से
राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय भूपालपुरा में सत्र 2017-19 के सभी डीएलएड प्रशिक्षणार्थियों की कक्षाएं 7 से 18 मई तक सुबह 10 से शाम 5 बजे तक लगेंगी। प्रधानाचार्या के अनुसार इसमें उनकी शत-प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है।
परिवेदनाएं बेअसर
तहसील क्षेत्र के 110 शिक्षकों ने आवाजाही, ठहराव और बच्चों की समस्या बताते हुए प्रशिक्षण केन्द्र झाड़ोल-फलासिया में खोलने की मांग की। विभागीय अधिकारियों ने जिले में अन्य जगह प्रशिक्षण केंद्र बनाए, लेकिन झाड़ोल-फलासिया को छोड़ दिया।
विभागीय लापरवाही का खमियाजा झाड़ोल क्षेत्र के प्रशिक्षणार्थियों को भुगतना पड़ेगा। तीन सौ से ज्यादा प्रशिक्षणार्थी होने के बावजूद झाड़ोल में प्रशिक्षण केन्द्र क्यों नहीं स्थापित किया जा रहा है? इनमें 125 से ज्यादा महिला प्रशिक्षणार्थी हैं, जिन्हें बच्चों और परिवार के साथ तालमेल बैठाकर 12 दिन प्रशिक्षण लेना पड़ेगा। उच्चाधिकारीयों को अवगत करवाया है।
जसवंतसिंह पंवार, जिलाध्यक्ष,राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय
अध्ययन केन्द्र स्थापित किए जाने की स्वीकृति उच्चाधिकारियों की ओर से जयपुर से दी जाती है। झाड़ोल क्षेत्र के लिए भी प्रस्ताव बनाकर भेज रखा है, यदि स्वीकृति मिल जाती है तो केन्द्र स्थापित कर दिया जाएगा।
गिरीजा वैष्णव, जिला शिक्षा अधिकारी (प्राशि), उदयपुर
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