Monday, 14 May 2018

उदयपुर में सात ब्लॉक के विशेष बच्चों की पढ़ाई के साथ हो रहा ऐसा खिलवाड़, सातों ब्लॉक में एक भी विशेष शिक्षक नहीं ये वो विशेष बच्चे हैं, जो सामान्य बच्चों से अलग हैं।

उदयपुर .

मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय में विभिन्न शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। इस बीच विवि की ओर से गत नौ मई को एक बार फिर नियमावली जारी की गई। इससे साफ जाहिर है कि भर्ती प्रक्रिया अभी तक नियमों के भंवर में है। विश्वविद्यालय के तर्क से यह भी स्पष्ट नहीं हो रहा है कि प्रक्रिया के बीच में नियमावली जारी करने का कारण क्या है?

सुगबुगाहट है कि विवि के कुछ अधिकारी जिन्हें उपकृत करना चाहते हैं,वे इन नियमों में फंस रहे हैं। ऐसे में जैसे-तैसे गलियां निकालने का प्रयास किया जा रहा है। नियमावली को लेकर अधिकारी तर्क दे रहे हैं कि जहां कहीं उलझन या भ्रम होता है तो नियमों को स्पष्ट करना जरूरी है। हालांकि इसमें से एक नियम पर अभी तक विवि स्पष्ट नहीं है। ऐसे में विवि ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से मार्गदर्शन मांगा है।

इसमें भी निकाली गली

यूजीसी ने वर्ष 2009 में जारी अपने मूल नियम में 6 जुलाई, 2015 को कोई भी विश्वविद्यालय अपने एम्प्लॉय शिक्षक से यदि पीएचडी या एमफिल करवाता है तो वह एमफिल या पीएचडी किया व्यक्ति मान्य होगा। जबकि यदि कोई विवि बाहर के या अन्य किसी शिक्षक के माध्यम से पीएचडी करवाता है तो वह एमफिल या पीएचडी किया अभ्यर्थी शैक्षणिक पदों के लिए पात्र नहीं होगा। जबकि सुखाडिय़ा विवि ने भर्ती नियमों में गली निकालते हुए हाल में जारी नई नियमावली में स्पष्ट किया कि वर्ष 2015 से पहले के जो भी अभ्यर्थी हैं, उन्होंने कहीं से भी पीएचडी व एमफिल किया है तो वे पद के लिए पात्र होंगे।

इसमें अस्पष्टता, मांगा मार्गदर्शन

यूजीसी के नियमानुसार एसोसिएट प्रोफेसर के लिए आठ वर्ष का असिस्टेंट प्रोफेसर पद या समकक्ष शैक्षणिक नियमित अनुभव जरूरी है। इसमें विवि ने यूजीसी से मार्गदर्शन मांगा है कि आठ वर्ष के अनुभव वाले बिन्दु को स्पष्ट किया जाए। यह अनुभव यदि टुकड़ों में पूरा किया गया हो तो उसे लिया जा सकता है या नहीं? जबकि यूजीसी ने इसे नियमित लिखा है।

सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय: भर्ती के भंवरजाल में नियमों की गलियां, एसोसिएट प्रोफेसर पद पर आठ वर्ष के अनुभव पर मांगा यूजीसी से मागदर्शन मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय में विभिन्न शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है।

उदयपुर .

मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय में विभिन्न शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। इस बीच विवि की ओर से गत नौ मई को एक बार फिर नियमावली जारी की गई। इससे साफ जाहिर है कि भर्ती प्रक्रिया अभी तक नियमों के भंवर में है। विश्वविद्यालय के तर्क से यह भी स्पष्ट नहीं हो रहा है कि प्रक्रिया के बीच में नियमावली जारी करने का कारण क्या है?

सुगबुगाहट है कि विवि के कुछ अधिकारी जिन्हें उपकृत करना चाहते हैं,वे इन नियमों में फंस रहे हैं। ऐसे में जैसे-तैसे गलियां निकालने का प्रयास किया जा रहा है। नियमावली को लेकर अधिकारी तर्क दे रहे हैं कि जहां कहीं उलझन या भ्रम होता है तो नियमों को स्पष्ट करना जरूरी है। हालांकि इसमें से एक नियम पर अभी तक विवि स्पष्ट नहीं है। ऐसे में विवि ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से मार्गदर्शन मांगा है।

इसमें भी निकाली गली

यूजीसी ने वर्ष 2009 में जारी अपने मूल नियम में 6 जुलाई, 2015 को कोई भी विश्वविद्यालय अपने एम्प्लॉय शिक्षक से यदि पीएचडी या एमफिल करवाता है तो वह एमफिल या पीएचडी किया व्यक्ति मान्य होगा। जबकि यदि कोई विवि बाहर के या अन्य किसी शिक्षक के माध्यम से पीएचडी करवाता है तो वह एमफिल या पीएचडी किया अभ्यर्थी शैक्षणिक पदों के लिए पात्र नहीं होगा। जबकि सुखाडिय़ा विवि ने भर्ती नियमों में गली निकालते हुए हाल में जारी नई नियमावली में स्पष्ट किया कि वर्ष 2015 से पहले के जो भी अभ्यर्थी हैं, उन्होंने कहीं से भी पीएचडी व एमफिल किया है तो वे पद के लिए पात्र होंगे।

इसमें अस्पष्टता, मांगा मार्गदर्शन

यूजीसी के नियमानुसार एसोसिएट प्रोफेसर के लिए आठ वर्ष का असिस्टेंट प्रोफेसर पद या समकक्ष शैक्षणिक नियमित अनुभव जरूरी है। इसमें विवि ने यूजीसी से मार्गदर्शन मांगा है कि आठ वर्ष के अनुभव वाले बिन्दु को स्पष्ट किया जाए। यह अनुभव यदि टुकड़ों में पूरा किया गया हो तो उसे लिया जा सकता है या नहीं? जबकि यूजीसी ने इसे नियमित लिखा है।

PTET 2018 : पीटीइटी छात्रों के लिए काम की खबर, यहां से देख सकते हैं परीक्षा की उत्तर कुंजी!

जयपुर।

महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर की ओर से रविवार को PTET परीक्षा का आयोजन हुआ। पीटीइटी के अलावा चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीए/बीएससी बीएड प्रवेश परीक्षा का भी रविवार को आयोजन हुआ। परीक्षा के दौरान बहुत सख्ती देखी गई। हर परीक्षा केन्द्र पर दो पुलिसकर्मी तैनात रहे।

परीक्षा में सख्ती छात्रों के साथ-साथ कर्मचारी/अधिकारीयों पर भी लागू हुई। परीक्षा केंद्र पर परीक्षा के दौरान कोई भी कर्मचारी और अधिकारी मोबाइल नहीं ला सके। परीक्षा 2 से 5 बजे तक चली। पीटीइटी परीक्षा के लिए पूरे राज्य में 734 और बीए एवं बीएससी बीएड परीक्षा के लिए 125 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। साथ ही दो लाख 80 हजार 532 अभ्यर्थियों ने दो वर्षीय बीएड और 63 हजार 401 अभ्यर्थियों ने चार वर्षीय इन्टीग्रेटेड बी.ए. बी.एड./बी.एससी. बी.एड के लिए आवेदन किए हैं।

राजस्थान प्री टीचर प्रवेश परीक्षा पीटीईटी की उत्तर कुंजी आधिकारिक वेबसाइट पर जल्द ही अपलोड कर दी जाएगी। इस तरीके से आप Rajasthan PTET Answer Key 2018 डाउनलोड कर सकते हैं।

STEP 1: सबसे पहले महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (MSDSU) की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग ऑन करें। इस वेबसाइट पर क्लिक कर http://www.mdsuajmer.ac.in/ यहां PTET 2018 पर क्लिक करने पर पेज खुल जाएगा।

STEP 2: राजस्थान पीटीईटी उत्तर कुंजी 2018 सेलेक्ट करें और अपना पेपर का कोड A B C D डाले।

STEP 3: यहां आपके पेपर के कोड के अनुसार उत्तर कुंजी आ जाएगी।

जल्द ही राजस्थान प्री टीचर प्रवेश परीक्षा पीटीईटी की उत्तर कुंजी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी।

प्रारम्भिक शिक्षकों को तबादला सूची का इंतजार लेकिन अब हुआ ये फैसला शिक्षकों के तबादलों के लिए जयपुर गए जिला शिक्षा अधिकारी बिना तबादला सूचियों के खाली हाथ लौट रहे हैं

बीकानेर .

प्रारंभिक शिक्षा में शिक्षकों के तबादलों के लिए जयपुर गए जिला शिक्षा अधिकारी बिना तबादला सूचियों के खाली हाथ लौट रहे हैं। पहले शिक्षा राज्य मंत्री कार्यालय ने राज्य के सभी प्रारंभिक शिक्षा के जिला शिक्षा अधिकारियों को संस्थापन सूचना के साथ जयपुर बुला लिया था। अधिकारी पिछले दिनों से तृतीय श्रेणी शिक्षकों की तबादला सूचियों पर माथापच्ची कर रहे थे कभी मंत्री की सूचियों को तो कभी मुख्यमंत्री की अभिशंषा से आने वाले नामों पर लिस्ट बन बिगड़ रही थी।

सूत्रों का कहना है कि मामला तृतीय श्रेणी अध्यापकों के अंतरजिला तबादलों को लेकर उलझ गया। इस बार सरकार की ओर से अंतर जिला तबादलों की छूट देकर वर्षो से गृह जिलों में आने का इंतजार कर रहे शिक्षकों का जनप्रतिनिधियों पर भारी दवाब बना दिया। मंत्री व विधायक हर हाल में उनके द्वारा की गई सिफारिशों की पालना करने का दवाब बना रहे थे।

शिक्षकों का मानना है कि इस बार वे अपने गृह जिले में नही आ सके तो फिर पता नहीं कब मौका मिले। जनप्रतिनिधि भी जानते है कि चुनावी वर्ष होने के कारण अगर वे अपने लोगों को इच्छित स्थानों पर नहीं ला सके तो उनके लिए चुनावी वैतरणी पार करना मुश्किल होगा। ऐसे में शिक्षा राज्य मंत्री के लिए सभी जनप्रतिनिधियों की सिफारिशों को मानना संभव नहीं हो पा रहा था।

 मामला उलझता देख मंत्री कार्यालय ने शिक्षा अधिकारियों को अपने संस्थापन रिकार्ड को समेट कर अपने-अपने जिलों के लिए प्रस्थान करने के निर्देश दे दिए। अधिकारियों को बताया ये गया है कि पहले माध्यमिक शिक्षा के तबादले किए जाएंगे, उसके बाद प्रारंभिक शिक्षा के तबादले किए जाएंगे। प्रारंभिक शिक्षा के जिला शिक्षा अधिकारी बैरंग अपने-अपने जिलों के लिए रवाना हो गए है।

माशि के उप निदेशक को जयपुर बुलाया

सूत्रों ने बताया कि रविवार या सोमवार को माध्यमिक शिक्षा के सभी उपनिदेशको को जयपुर बुलाया जा सकता है। सेकेंड ग्रेड शिक्षकों के स्वीकृत पदों व रिक्त पदों की जानकारी उपनिदेशकों से पहले ही मंत्री कार्यालय ने मंगवा ली है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों को भी तबादलों के लिए बुलाया जा रहा है ऐसी संभावना है कि 15 मई के बाद कभी भी तबादलों की पहली सूची आ सकती है।

Sunday, 13 May 2018

PTI भर्ती 2013 का मामला 👇🏼


आवासीय केम्पो का विरोध ,CM को सौप ज्ञापन⤵


थर्ड ग्रेड शिक्षको का तबादला कैम्प खत्म,सूचियों के लिए अभी इंतजार⤵⤵


संस्कृत सेवा नियमो में बदलाव के विरोध में उतरे कांग्रेस के दो पूर्व मंत्री⤵⤵


आनन फानन में निकाली भर्तियां,नही रखा नियमो का ध्यान⤵⤵


प्रवेशोत्सव के ढोलों के बीच भी एक स्कूल में औसत दो बच्चों का भी नहीं हुआ नामांकन जिले में कुल 1150 स्कूल, नामांकन 2012 प्रारम्भिक शिक्षा के स्कूलों का हाल

प्रतापगढ़.

जिले में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रवेशोत्सव के ढोल बजाने, रैली निकालने सहित कईप्रयासों के बाद भी बच्चों के नामांकन का आंकड़ा बहुत ही कम रहा है। पहले चरण के प्रवेशोत्सव के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में प्रति विद्यालय औसत दो बच्चों का भी प्रवेश नहीं हो पाया है। सर्व शिक्षा अभियान के अनुसार जिले में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक के कुल 1150 विद्यालय हैं, इनमें 2012 बच्चों का नामांकन पहले चरण के प्रवेशोत्सव के तहत किया गया है।

ब्लॉक अनुसार इस प्रकार बच्चों का स्कूलों में नामांकन

ब्लॉक-नामांकित बच्चों की संख्या
प्रतापगढ़-200
धरियावद-287
पीपलखूंट-614
अरनोद-290
छोटीसादड़ी-621
कुल 2012

छोटीसादड़ी में सबसे अधिक नामांकन

जिला मुख्यालय होने के बाद भी प्रतापगढ़ ब्लॉक में नामांकन की संख्या सबसे कम रही है। यहां मात्र 200 बच्चों को ही प्रवेश दिलाया जा सका है।वहीं सबसे अधिक छोटीसादड़ी ब्लॉक में 621 बच्चों को नवप्रवेश हुआ है।

पहला चरण पूरा, दूसरा चलेगा जून में

स्कूलों में बच्चों के नामांकन को लेकर प्रवेशोत्सव दो चरणों में चलाया जा रहा है। इनमें पहला चरण 26 अप्रेल से 9 मईतक चला है। वहीं दूसरा प्रवेशोत्सव 19 जून से 30 जून तक चलेगा।

बोर्डपरीक्षा के बाद प्रवेश की नीति फेल

इस बार माध्यमिक शिक्षा बोर्डने आठवीं व दसवीं बोर्ड की परीक्षा के तुरंत बाद बच्चे को अस्थाई प्रवेश की नीति बनाई। ताकि बच्चा स्कूल से वंचित नहीं रहे। लेकिन बोर्डपरीक्षा के तुरंत बाद बच्चे छुट्टियां बनाने निकल गए। और स्कूलों में अस्थाई प्रवेश में कोईरुचि नहीं दिखाई।यही कारण है कि माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के स्कूलों में पहले प्रवेशोत्सव के तहत मात्र 1031 बच्चों का प्रवेश हुआ है।

स्थिति गंभीर, अगले चरण में करेंगे और प्रयास

-प्रवेशोत्सव के पहले चरण में 2012 बच्चों का नामांकन हुआ है। हालांकि यह नामांकन जिले के स्कूलों की संख्या के अनुपात में कम ही है। दूसरे चरण में अधिक से अधिक बच्चों को प्रवेश दिलाया जाएगा।
-डीएस सुथार, एडीपीसी,सर्व शिक्षा अभियान, प्रतापगढ़

135 दिन बाद एक सितंबर से खुलेंगे स्कूल:9वीं-11वीं की सुबह 7:30 से 12:30 तक लगेगी क्लास, 10वीं-12वीं वालों को 8 बजे से जाना होगा, पेरेंट्स की लिखित में अनुमति जरूरी...

 बीकानेर लेखक: दिलीप सिंह पंवार बीकानेर जिले में 56 और सबसे अधिक बाड़मेर जिले में 113 स्कूलों को क्रमोन्नत किया गया है। - Dainik Bhaskar बीक...