Monday, 14 May 2018

अव्यवस्था और लापरवाही में 80 बच्चों की परीक्षा छूटी 👇


सी आई सी एस ई के दसवीं और बारहवीं के नतीजे आज 👇


सरकारी स्कूल ₹1200 वेतन पर रख सकेंगे सफाई कर्मी 👇


स्कूलों में श्रेष्ठ बोर्ड परीक्षा परिणाम के नाम पर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ ,तो कहां जाएं फेल होने वाले विद्यार्थी 👇


तबादला कैंप की वजह से अटकी पोस्टिंग जिला परिषद अजमेर 👇


अगले सप्ताह तय होगी 12वीं के रिजल्ट की तारीख, इस साल भी मेरिट जारी नहीं होगी

डूंगरपुर|

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं कक्षा के रिजल्ट जारी करने की तारीख अगले सप्ताह तक तय हो सकती है। इस साल भी बोर्ड मेरिट सूची जारी नहीं करेगा। इसे लेकर स्कूल सवाल उठा रहे हैं। बोर्ड ने 60 साल की परंपरा को यह कहते हुए बंद कर दिया था कि योग्यता सूची में स्थान बनाने के लिए स्कूल, शिक्षक व अभिभावक विद्यार्थियों पर दबाव बनाते हैं।इससे प्रतिभाशाली परीक्षार्थी अनावश्यक मानसिक तनाव में रहते हैं। हालांकि बोर्ड ने निर्णय लिया था कि प्रथम विद्यार्थी को स्वर्ण पदक, द्वितीय व तृतीय को रजत पदक दिया जाएगा। यह सूची नए सत्र से पहले जारी करनी थी, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी जारी नहीं किया। 

कई प्रतियोगी परीक्षाओं का पाठ्यक्रम वेबसाइट पर जारी किया

डूंगरपुर|

 राजस्थान लोक सेवा आयोग ने विभिन्न परीक्षाओं का पाठ्यक्रम वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।

उपसचिव दीप्ति शर्मा ने बताया कि आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रधानाध्यापक प्रतियोगी परीक्षा 2018 माध्यमिक शिक्षा विभाग, फिजियोथेरेपिस्ट (नॉन टीएसपी एवं टीएसपी) संवीक्षा परीक्षा 2018 तथा उपाचार्य, अधीक्षक, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संवीक्षा परीक्षा 2018 तकनीकी शिक्षा विभाग का पाठ्यक्रम जारी कर दिया गया है। अभ्यर्थी www.rpsc.rajasthan.gov.in पर पाठ्यक्रम देख सकते हैं।

सीबीएसई की बड़ी पहल: अब परीक्षा केंद्र पर ही प्रिंट होगा प्रश्नपत्र

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में पेपर लीक होने की घटनाओं की रोकथाम के लिए पुख्ता इंतजाम कर रहा है। परीक्षा केंद्रों को प्रश्नपत्र बैंकों की बजाय ऑनलाइन उपलब्ध कराए जाएंगे। परीक्षा के एक घंटे पहले केंद्राधीक्षकों को वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) उपलब्ध कराया जाएगा और छात्रों के परीक्षा केंद्र में पहुंचने के बाद कुल संख्या के अनुसार प्रश्नपत्र के प्रिंटआउट निकाले जाएंगे। यह जानकारी केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने शुक्रवार को विशेष बातचीत में दी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नई व्यवस्था में छात्रों को हर हाल में परीक्षा शुरू होने के एक घंटे पहले सेंटर पर पहुंचना होगा। सीबीएसई की प्रतिष्ठा व साख पर किसी तरह की आंच नहीं आए इसलिए प्रश्नपत्र वायरल होने की घटना रोकने के कारगर उपाय किए जा रहे हैं।

मंत्री ने बताया कि ऑनलाइन प्रश्नपत्र का खाका तैयार कर लिया गया है। इसे जल्द ही अमल में लाया जाएगा।

राजस्थान सरकार ने बेरोजगारों को ठगा, प्रदेश में करोड़ों का खेल शिक्षित व प्रशिक्षक युवा न्याय के लिए भटकने को मजबूर

राजसमंद/आईडाणा.

विद्यालय सहायक भर्ती के नाम से सरकार ने बेरोजगारों की जेब ढीली कर अपना खजाना तो भर लिया। लेकिन, विज्ञप्ति निकालने के दो वर्ष 9 माह बाद भी भर्ती पूरी नही हुई। ऐसे में अभ्यर्थी चिंतित हैं कि कहीं इस भर्ती का हश्र भी शिक्षा सहायक भर्ती के जैसा नही हो जाए। राज्य सरकार ने प्रारम्भिक शिक्षा विभाग में 33493 विद्यालय सहायक के पदों पर सीधी भर्ती के लिए 8 अगस्त 2015 को विज्ञप्ति जारी कर जिला केडर के अनुसार निर्धारित ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। इसमें 30522 पद नॉन टीएसपी एवं 2971 पद टीएसपी के लिए थे। भर्ती के लिए योग्यता सीनियर सैकण्डरी या समतुल्य परीक्षा उतीर्ण होना आवश्यक थी। विद्यालय सहायक भर्ती की आवेदन प्रक्रिया में 275 रुपए सामान्य वर्ग, 175 रुपए आरक्षित वर्ग एवं 75 रुपए निशक्तजन तथा बारां जिले की सहरिया जनजाति के आवेदन मेंं परीक्षा शुल्क वसूला गया था। भर्ती जिला स्तर पर होने से कई अभ्यर्थियों द्वारा 33 ही जिलों में आवेदन किया गया। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों द्वारा 33 जिलों में आवेदन करने पर करीब दस हजार रुपए का भुगतान करना पड़ा। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियोंं द्वारा 33 जिलों में आवेदन करने पर सात हजार रुपए का भुगतान करना पड़ा। भर्ती में विद्यार्थी मित्र सहित अन्य सरकारी परियोजनाओं में लगे संविदा कार्मिकों को बोनस अंकों का लाभ मिलने वाला था।

नहीं लौटाया शुल्क

प्रमुख शासन सचिव पवन कुमार गोयल ने मार्च 2015 में प्रारम्भिक शिक्षा विभाग को आदेश दिया कि शिक्षा सहायक भर्ती 2013 के नियम में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अपरिहार्य कारणों से शिक्षा सहायक भर्ती 2013 को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर आवंटित  पदों को प्रत्याहारित कर दिया। इसकी पालना में प्रारम्भिक शिक्षा विभाग बीकानेर ने 6 अप्रेल 2015 को आदेश जारी कर उपनिदेशक एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को शिक्षा सहायक भर्ती को निरस्त करने की सूचना दी। राज्य सरकार ने इसके स्थान पर प्रारम्भिक शिक्षा विभाग में 33493 विद्यालय सहायक के पदों पर सीधी भर्ती के लिए 8 अगस्त 2015 को विज्ञप्ति जारी कर जिला केडर के अनुसार निर्धारित ऑनलाइन आवेदन पत्र मांगे है। इस भर्ती में शिक्षा सहायक भर्ती के आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों से शुल्क नहीं लिया गया। लेकिन, भर्ती में अनुभव की शर्त के कारण वे अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पाए, जिन्होंने बिना अनुभव के भी शिक्षा सहायक भर्ती के लिए आवेदन किया था। वहीं अन्य भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों ने भी आवेदन नहीं किया था। ऐसे अभ्यर्थियों को विभाग की ओर से शुल्क नहीं लौटाया गया।

जिला कैडर की भर्ती में आवेदन अधिक

जिला केडर की सीधी भर्ती परीक्षा में आवेदन करने वालो की संख्या अधिक होती है। अभ्यर्थी अधिक सीटों के लालच एवं एक जिले की वरीयता सूची में नहीं आने के डर से एक से अधिक जिलों में आवेदन किया, जिससे सरकार को आवेदन शुल्क के नाम पर मोटी रकम मिली। जिला केडर की पटवारी एवं सचिव की सीधी भर्ती प्रतियोगिताओं में भी अभ्यर्थी अलग-अलग जिलो में आवेदन करते हैं एवं बाद में अभ्यर्थियों की संख्या एवं पदों के अनुसार परीक्षा के लिए जिले का विकल्प चयन करते हैं।

समायोजन के लिए निकाली थी भर्ती

राजकीय विद्यालयों में लम्बे समय तक संविदा पर सेवा देने वाले विद्यार्थी मित्रों को स्थायी करने के लिए सरकार ने पूर्व में मई 2013 में शिक्षा सहायक भर्ती निकाली। बोनस अंको पर कोर्ट के निर्णय को लेकर उक्त भर्ती को मार्च 2015 में निरस्त कर दिया।

उदयपुर में सात ब्लॉक के विशेष बच्चों की पढ़ाई के साथ हो रहा ऐसा खिलवाड़, सातों ब्लॉक में एक भी विशेष शिक्षक नहीं ये वो विशेष बच्चे हैं, जो सामान्य बच्चों से अलग हैं।

उदयपुर .

 ये वो विशेष बच्चे हैं, जो सामान्य बच्चों से अलग हैं। उन्हें मुख्यधारा में जोडऩे के लिए प्रत्येक ब्लॉक में संदर्भ कक्ष खोले जा रहे हैं, लेकिन ये कक्ष या सामग्री किस काम की जब इस सामग्री का उपयोग करवाने वाला कोई नहीं? कारण साफ है कि जिले में ऋषभदेव, लसाडिय़ा, कुराबड़, झल्लारा, सेमारी, फलासिया और सायरा में एक भी संदर्भ शिक्षक नहीं होने से जिले के करीब एक हजार से अधिक विशेष बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। विशेष आवश्यकता वाले इन बच्चों के लिए सरकार ने जिले के दस ब्लॉक में संदर्भ शिक्षक लगा रखे हैं, लेकिन ये सात ब्लॉक सौतेले हैं।

इन केन्द्रों के लिए 20 लाख की सामग्री

इन सात केन्द्रों पर संदर्भ कक्ष स्थापित करने के लिए 20 लाख रुपए का सामान खरीदा गया है, लेकिन ये सामग्री फिलहाल या तो ब्लॉक के बड़े स्कूल में या किसी कार्यालय में रखवाई गई है। सर्व शिक्षा अभियान ने प्रत्येक संदर्भ केन्द्र के लिए 33-33 प्रकार की सामग्री खरीद कर इसे ब्लॉक पर भेज दिया है। लाखों के इस सामान का उपयोग केवल इसलिए नहीं हो पा रहा है क्योंकि इन बच्चों को पढ़ाने वाला कोई नहीं।


तीन केन्द्रों पर द्वितीय श्रेणी शिक्षक

आइइडी सेल के जिला प्रभारी नेतराम कुमावत ने बताया कि जिले के गिर्वा, बड़ी व मावली में विशेष प्रशिक्षित तीन शिक्षक द्वितीय श्रेणी के हैं, जबकि सात ब्लॉक में तृतीय श्रेणी के शिक्षक कार्यरत है। वर्तमान में जिले में कुल 4705 विद्यार्थी विशेष आवश्यकता वाले हैं।

केवल चार बच्चे पढ़ रहे हैं यहां...

सर्व शिक्षा अभियान व राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान को मर्ज करने के बाद डाइट से संदर्भ कक्ष को फतह स्कूल में ले जाया गया है। फिलहाल यहां संदर्भ कक्ष तो हैं, लेकिन यहां केवल चार बच्चे पढ़ रहे हैं। यहां शिक्षिका दीपिकासिंह चंदेल बच्चों को पढ़ाती है। हालांकि इस कक्ष में भी सामग्री वर्षों पुरानी है। चंदेल का कहना है कि पुरानी सामग्री के इस्तेमाल में कुछ परेशनी हो रही है, लेकिन नए सामान के लिए लिख कर दे दिया है। मुख्यालय के संदर्भ कक्ष तक केवल चार बच्चे पहुंच रहे हैं तो ब्लॉक स्तर के संदर्भ कक्षों के हाल खुद ब खुद बयां हो जाते हैं।


नए संदर्भ कक्ष खोले जा रहे हैं। सभी सात ब्लॉक के लिए सामग्री भेज दी गई है। शिक्षकों को जल्द लगाने की तैयारी हो रही है। जैसे ही शिक्षक आ जाएंगे इन विशेष बच्चों की पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी।
मुरलीधर चौबीसा, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, सर्व शिक्षा अभियान, उदयपुर

135 दिन बाद एक सितंबर से खुलेंगे स्कूल:9वीं-11वीं की सुबह 7:30 से 12:30 तक लगेगी क्लास, 10वीं-12वीं वालों को 8 बजे से जाना होगा, पेरेंट्स की लिखित में अनुमति जरूरी...

 बीकानेर लेखक: दिलीप सिंह पंवार बीकानेर जिले में 56 और सबसे अधिक बाड़मेर जिले में 113 स्कूलों को क्रमोन्नत किया गया है। - Dainik Bhaskar बीक...