Monday, 14 May 2018

कई प्रतियोगी परीक्षाओं का पाठ्यक्रम वेबसाइट पर जारी किया

डूंगरपुर|

 राजस्थान लोक सेवा आयोग ने विभिन्न परीक्षाओं का पाठ्यक्रम वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।

उपसचिव दीप्ति शर्मा ने बताया कि आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रधानाध्यापक प्रतियोगी परीक्षा 2018 माध्यमिक शिक्षा विभाग, फिजियोथेरेपिस्ट (नॉन टीएसपी एवं टीएसपी) संवीक्षा परीक्षा 2018 तथा उपाचार्य, अधीक्षक, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संवीक्षा परीक्षा 2018 तकनीकी शिक्षा विभाग का पाठ्यक्रम जारी कर दिया गया है। अभ्यर्थी www.rpsc.rajasthan.gov.in पर पाठ्यक्रम देख सकते हैं।

सीबीएसई की बड़ी पहल: अब परीक्षा केंद्र पर ही प्रिंट होगा प्रश्नपत्र

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में पेपर लीक होने की घटनाओं की रोकथाम के लिए पुख्ता इंतजाम कर रहा है। परीक्षा केंद्रों को प्रश्नपत्र बैंकों की बजाय ऑनलाइन उपलब्ध कराए जाएंगे। परीक्षा के एक घंटे पहले केंद्राधीक्षकों को वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) उपलब्ध कराया जाएगा और छात्रों के परीक्षा केंद्र में पहुंचने के बाद कुल संख्या के अनुसार प्रश्नपत्र के प्रिंटआउट निकाले जाएंगे। यह जानकारी केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने शुक्रवार को विशेष बातचीत में दी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नई व्यवस्था में छात्रों को हर हाल में परीक्षा शुरू होने के एक घंटे पहले सेंटर पर पहुंचना होगा। सीबीएसई की प्रतिष्ठा व साख पर किसी तरह की आंच नहीं आए इसलिए प्रश्नपत्र वायरल होने की घटना रोकने के कारगर उपाय किए जा रहे हैं।

मंत्री ने बताया कि ऑनलाइन प्रश्नपत्र का खाका तैयार कर लिया गया है। इसे जल्द ही अमल में लाया जाएगा।

राजस्थान सरकार ने बेरोजगारों को ठगा, प्रदेश में करोड़ों का खेल शिक्षित व प्रशिक्षक युवा न्याय के लिए भटकने को मजबूर

राजसमंद/आईडाणा.

विद्यालय सहायक भर्ती के नाम से सरकार ने बेरोजगारों की जेब ढीली कर अपना खजाना तो भर लिया। लेकिन, विज्ञप्ति निकालने के दो वर्ष 9 माह बाद भी भर्ती पूरी नही हुई। ऐसे में अभ्यर्थी चिंतित हैं कि कहीं इस भर्ती का हश्र भी शिक्षा सहायक भर्ती के जैसा नही हो जाए। राज्य सरकार ने प्रारम्भिक शिक्षा विभाग में 33493 विद्यालय सहायक के पदों पर सीधी भर्ती के लिए 8 अगस्त 2015 को विज्ञप्ति जारी कर जिला केडर के अनुसार निर्धारित ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। इसमें 30522 पद नॉन टीएसपी एवं 2971 पद टीएसपी के लिए थे। भर्ती के लिए योग्यता सीनियर सैकण्डरी या समतुल्य परीक्षा उतीर्ण होना आवश्यक थी। विद्यालय सहायक भर्ती की आवेदन प्रक्रिया में 275 रुपए सामान्य वर्ग, 175 रुपए आरक्षित वर्ग एवं 75 रुपए निशक्तजन तथा बारां जिले की सहरिया जनजाति के आवेदन मेंं परीक्षा शुल्क वसूला गया था। भर्ती जिला स्तर पर होने से कई अभ्यर्थियों द्वारा 33 ही जिलों में आवेदन किया गया। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों द्वारा 33 जिलों में आवेदन करने पर करीब दस हजार रुपए का भुगतान करना पड़ा। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियोंं द्वारा 33 जिलों में आवेदन करने पर सात हजार रुपए का भुगतान करना पड़ा। भर्ती में विद्यार्थी मित्र सहित अन्य सरकारी परियोजनाओं में लगे संविदा कार्मिकों को बोनस अंकों का लाभ मिलने वाला था।

नहीं लौटाया शुल्क

प्रमुख शासन सचिव पवन कुमार गोयल ने मार्च 2015 में प्रारम्भिक शिक्षा विभाग को आदेश दिया कि शिक्षा सहायक भर्ती 2013 के नियम में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अपरिहार्य कारणों से शिक्षा सहायक भर्ती 2013 को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर आवंटित  पदों को प्रत्याहारित कर दिया। इसकी पालना में प्रारम्भिक शिक्षा विभाग बीकानेर ने 6 अप्रेल 2015 को आदेश जारी कर उपनिदेशक एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को शिक्षा सहायक भर्ती को निरस्त करने की सूचना दी। राज्य सरकार ने इसके स्थान पर प्रारम्भिक शिक्षा विभाग में 33493 विद्यालय सहायक के पदों पर सीधी भर्ती के लिए 8 अगस्त 2015 को विज्ञप्ति जारी कर जिला केडर के अनुसार निर्धारित ऑनलाइन आवेदन पत्र मांगे है। इस भर्ती में शिक्षा सहायक भर्ती के आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों से शुल्क नहीं लिया गया। लेकिन, भर्ती में अनुभव की शर्त के कारण वे अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पाए, जिन्होंने बिना अनुभव के भी शिक्षा सहायक भर्ती के लिए आवेदन किया था। वहीं अन्य भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों ने भी आवेदन नहीं किया था। ऐसे अभ्यर्थियों को विभाग की ओर से शुल्क नहीं लौटाया गया।

जिला कैडर की भर्ती में आवेदन अधिक

जिला केडर की सीधी भर्ती परीक्षा में आवेदन करने वालो की संख्या अधिक होती है। अभ्यर्थी अधिक सीटों के लालच एवं एक जिले की वरीयता सूची में नहीं आने के डर से एक से अधिक जिलों में आवेदन किया, जिससे सरकार को आवेदन शुल्क के नाम पर मोटी रकम मिली। जिला केडर की पटवारी एवं सचिव की सीधी भर्ती प्रतियोगिताओं में भी अभ्यर्थी अलग-अलग जिलो में आवेदन करते हैं एवं बाद में अभ्यर्थियों की संख्या एवं पदों के अनुसार परीक्षा के लिए जिले का विकल्प चयन करते हैं।

समायोजन के लिए निकाली थी भर्ती

राजकीय विद्यालयों में लम्बे समय तक संविदा पर सेवा देने वाले विद्यार्थी मित्रों को स्थायी करने के लिए सरकार ने पूर्व में मई 2013 में शिक्षा सहायक भर्ती निकाली। बोनस अंको पर कोर्ट के निर्णय को लेकर उक्त भर्ती को मार्च 2015 में निरस्त कर दिया।

उदयपुर में सात ब्लॉक के विशेष बच्चों की पढ़ाई के साथ हो रहा ऐसा खिलवाड़, सातों ब्लॉक में एक भी विशेष शिक्षक नहीं ये वो विशेष बच्चे हैं, जो सामान्य बच्चों से अलग हैं।

उदयपुर .

 ये वो विशेष बच्चे हैं, जो सामान्य बच्चों से अलग हैं। उन्हें मुख्यधारा में जोडऩे के लिए प्रत्येक ब्लॉक में संदर्भ कक्ष खोले जा रहे हैं, लेकिन ये कक्ष या सामग्री किस काम की जब इस सामग्री का उपयोग करवाने वाला कोई नहीं? कारण साफ है कि जिले में ऋषभदेव, लसाडिय़ा, कुराबड़, झल्लारा, सेमारी, फलासिया और सायरा में एक भी संदर्भ शिक्षक नहीं होने से जिले के करीब एक हजार से अधिक विशेष बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। विशेष आवश्यकता वाले इन बच्चों के लिए सरकार ने जिले के दस ब्लॉक में संदर्भ शिक्षक लगा रखे हैं, लेकिन ये सात ब्लॉक सौतेले हैं।

इन केन्द्रों के लिए 20 लाख की सामग्री

इन सात केन्द्रों पर संदर्भ कक्ष स्थापित करने के लिए 20 लाख रुपए का सामान खरीदा गया है, लेकिन ये सामग्री फिलहाल या तो ब्लॉक के बड़े स्कूल में या किसी कार्यालय में रखवाई गई है। सर्व शिक्षा अभियान ने प्रत्येक संदर्भ केन्द्र के लिए 33-33 प्रकार की सामग्री खरीद कर इसे ब्लॉक पर भेज दिया है। लाखों के इस सामान का उपयोग केवल इसलिए नहीं हो पा रहा है क्योंकि इन बच्चों को पढ़ाने वाला कोई नहीं।


तीन केन्द्रों पर द्वितीय श्रेणी शिक्षक

आइइडी सेल के जिला प्रभारी नेतराम कुमावत ने बताया कि जिले के गिर्वा, बड़ी व मावली में विशेष प्रशिक्षित तीन शिक्षक द्वितीय श्रेणी के हैं, जबकि सात ब्लॉक में तृतीय श्रेणी के शिक्षक कार्यरत है। वर्तमान में जिले में कुल 4705 विद्यार्थी विशेष आवश्यकता वाले हैं।

केवल चार बच्चे पढ़ रहे हैं यहां...

सर्व शिक्षा अभियान व राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान को मर्ज करने के बाद डाइट से संदर्भ कक्ष को फतह स्कूल में ले जाया गया है। फिलहाल यहां संदर्भ कक्ष तो हैं, लेकिन यहां केवल चार बच्चे पढ़ रहे हैं। यहां शिक्षिका दीपिकासिंह चंदेल बच्चों को पढ़ाती है। हालांकि इस कक्ष में भी सामग्री वर्षों पुरानी है। चंदेल का कहना है कि पुरानी सामग्री के इस्तेमाल में कुछ परेशनी हो रही है, लेकिन नए सामान के लिए लिख कर दे दिया है। मुख्यालय के संदर्भ कक्ष तक केवल चार बच्चे पहुंच रहे हैं तो ब्लॉक स्तर के संदर्भ कक्षों के हाल खुद ब खुद बयां हो जाते हैं।


नए संदर्भ कक्ष खोले जा रहे हैं। सभी सात ब्लॉक के लिए सामग्री भेज दी गई है। शिक्षकों को जल्द लगाने की तैयारी हो रही है। जैसे ही शिक्षक आ जाएंगे इन विशेष बच्चों की पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी।
मुरलीधर चौबीसा, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, सर्व शिक्षा अभियान, उदयपुर

उदयपुर में सात ब्लॉक के विशेष बच्चों की पढ़ाई के साथ हो रहा ऐसा खिलवाड़, सातों ब्लॉक में एक भी विशेष शिक्षक नहीं ये वो विशेष बच्चे हैं, जो सामान्य बच्चों से अलग हैं।

उदयपुर .

मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय में विभिन्न शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। इस बीच विवि की ओर से गत नौ मई को एक बार फिर नियमावली जारी की गई। इससे साफ जाहिर है कि भर्ती प्रक्रिया अभी तक नियमों के भंवर में है। विश्वविद्यालय के तर्क से यह भी स्पष्ट नहीं हो रहा है कि प्रक्रिया के बीच में नियमावली जारी करने का कारण क्या है?

सुगबुगाहट है कि विवि के कुछ अधिकारी जिन्हें उपकृत करना चाहते हैं,वे इन नियमों में फंस रहे हैं। ऐसे में जैसे-तैसे गलियां निकालने का प्रयास किया जा रहा है। नियमावली को लेकर अधिकारी तर्क दे रहे हैं कि जहां कहीं उलझन या भ्रम होता है तो नियमों को स्पष्ट करना जरूरी है। हालांकि इसमें से एक नियम पर अभी तक विवि स्पष्ट नहीं है। ऐसे में विवि ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से मार्गदर्शन मांगा है।

इसमें भी निकाली गली

यूजीसी ने वर्ष 2009 में जारी अपने मूल नियम में 6 जुलाई, 2015 को कोई भी विश्वविद्यालय अपने एम्प्लॉय शिक्षक से यदि पीएचडी या एमफिल करवाता है तो वह एमफिल या पीएचडी किया व्यक्ति मान्य होगा। जबकि यदि कोई विवि बाहर के या अन्य किसी शिक्षक के माध्यम से पीएचडी करवाता है तो वह एमफिल या पीएचडी किया अभ्यर्थी शैक्षणिक पदों के लिए पात्र नहीं होगा। जबकि सुखाडिय़ा विवि ने भर्ती नियमों में गली निकालते हुए हाल में जारी नई नियमावली में स्पष्ट किया कि वर्ष 2015 से पहले के जो भी अभ्यर्थी हैं, उन्होंने कहीं से भी पीएचडी व एमफिल किया है तो वे पद के लिए पात्र होंगे।

इसमें अस्पष्टता, मांगा मार्गदर्शन

यूजीसी के नियमानुसार एसोसिएट प्रोफेसर के लिए आठ वर्ष का असिस्टेंट प्रोफेसर पद या समकक्ष शैक्षणिक नियमित अनुभव जरूरी है। इसमें विवि ने यूजीसी से मार्गदर्शन मांगा है कि आठ वर्ष के अनुभव वाले बिन्दु को स्पष्ट किया जाए। यह अनुभव यदि टुकड़ों में पूरा किया गया हो तो उसे लिया जा सकता है या नहीं? जबकि यूजीसी ने इसे नियमित लिखा है।

सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय: भर्ती के भंवरजाल में नियमों की गलियां, एसोसिएट प्रोफेसर पद पर आठ वर्ष के अनुभव पर मांगा यूजीसी से मागदर्शन मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय में विभिन्न शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है।

उदयपुर .

मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय में विभिन्न शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। इस बीच विवि की ओर से गत नौ मई को एक बार फिर नियमावली जारी की गई। इससे साफ जाहिर है कि भर्ती प्रक्रिया अभी तक नियमों के भंवर में है। विश्वविद्यालय के तर्क से यह भी स्पष्ट नहीं हो रहा है कि प्रक्रिया के बीच में नियमावली जारी करने का कारण क्या है?

सुगबुगाहट है कि विवि के कुछ अधिकारी जिन्हें उपकृत करना चाहते हैं,वे इन नियमों में फंस रहे हैं। ऐसे में जैसे-तैसे गलियां निकालने का प्रयास किया जा रहा है। नियमावली को लेकर अधिकारी तर्क दे रहे हैं कि जहां कहीं उलझन या भ्रम होता है तो नियमों को स्पष्ट करना जरूरी है। हालांकि इसमें से एक नियम पर अभी तक विवि स्पष्ट नहीं है। ऐसे में विवि ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से मार्गदर्शन मांगा है।

इसमें भी निकाली गली

यूजीसी ने वर्ष 2009 में जारी अपने मूल नियम में 6 जुलाई, 2015 को कोई भी विश्वविद्यालय अपने एम्प्लॉय शिक्षक से यदि पीएचडी या एमफिल करवाता है तो वह एमफिल या पीएचडी किया व्यक्ति मान्य होगा। जबकि यदि कोई विवि बाहर के या अन्य किसी शिक्षक के माध्यम से पीएचडी करवाता है तो वह एमफिल या पीएचडी किया अभ्यर्थी शैक्षणिक पदों के लिए पात्र नहीं होगा। जबकि सुखाडिय़ा विवि ने भर्ती नियमों में गली निकालते हुए हाल में जारी नई नियमावली में स्पष्ट किया कि वर्ष 2015 से पहले के जो भी अभ्यर्थी हैं, उन्होंने कहीं से भी पीएचडी व एमफिल किया है तो वे पद के लिए पात्र होंगे।

इसमें अस्पष्टता, मांगा मार्गदर्शन

यूजीसी के नियमानुसार एसोसिएट प्रोफेसर के लिए आठ वर्ष का असिस्टेंट प्रोफेसर पद या समकक्ष शैक्षणिक नियमित अनुभव जरूरी है। इसमें विवि ने यूजीसी से मार्गदर्शन मांगा है कि आठ वर्ष के अनुभव वाले बिन्दु को स्पष्ट किया जाए। यह अनुभव यदि टुकड़ों में पूरा किया गया हो तो उसे लिया जा सकता है या नहीं? जबकि यूजीसी ने इसे नियमित लिखा है।

PTET 2018 : पीटीइटी छात्रों के लिए काम की खबर, यहां से देख सकते हैं परीक्षा की उत्तर कुंजी!

जयपुर।

महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर की ओर से रविवार को PTET परीक्षा का आयोजन हुआ। पीटीइटी के अलावा चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीए/बीएससी बीएड प्रवेश परीक्षा का भी रविवार को आयोजन हुआ। परीक्षा के दौरान बहुत सख्ती देखी गई। हर परीक्षा केन्द्र पर दो पुलिसकर्मी तैनात रहे।

परीक्षा में सख्ती छात्रों के साथ-साथ कर्मचारी/अधिकारीयों पर भी लागू हुई। परीक्षा केंद्र पर परीक्षा के दौरान कोई भी कर्मचारी और अधिकारी मोबाइल नहीं ला सके। परीक्षा 2 से 5 बजे तक चली। पीटीइटी परीक्षा के लिए पूरे राज्य में 734 और बीए एवं बीएससी बीएड परीक्षा के लिए 125 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। साथ ही दो लाख 80 हजार 532 अभ्यर्थियों ने दो वर्षीय बीएड और 63 हजार 401 अभ्यर्थियों ने चार वर्षीय इन्टीग्रेटेड बी.ए. बी.एड./बी.एससी. बी.एड के लिए आवेदन किए हैं।

राजस्थान प्री टीचर प्रवेश परीक्षा पीटीईटी की उत्तर कुंजी आधिकारिक वेबसाइट पर जल्द ही अपलोड कर दी जाएगी। इस तरीके से आप Rajasthan PTET Answer Key 2018 डाउनलोड कर सकते हैं।

STEP 1: सबसे पहले महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (MSDSU) की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग ऑन करें। इस वेबसाइट पर क्लिक कर http://www.mdsuajmer.ac.in/ यहां PTET 2018 पर क्लिक करने पर पेज खुल जाएगा।

STEP 2: राजस्थान पीटीईटी उत्तर कुंजी 2018 सेलेक्ट करें और अपना पेपर का कोड A B C D डाले।

STEP 3: यहां आपके पेपर के कोड के अनुसार उत्तर कुंजी आ जाएगी।

जल्द ही राजस्थान प्री टीचर प्रवेश परीक्षा पीटीईटी की उत्तर कुंजी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी।

प्रारम्भिक शिक्षकों को तबादला सूची का इंतजार लेकिन अब हुआ ये फैसला शिक्षकों के तबादलों के लिए जयपुर गए जिला शिक्षा अधिकारी बिना तबादला सूचियों के खाली हाथ लौट रहे हैं

बीकानेर .

प्रारंभिक शिक्षा में शिक्षकों के तबादलों के लिए जयपुर गए जिला शिक्षा अधिकारी बिना तबादला सूचियों के खाली हाथ लौट रहे हैं। पहले शिक्षा राज्य मंत्री कार्यालय ने राज्य के सभी प्रारंभिक शिक्षा के जिला शिक्षा अधिकारियों को संस्थापन सूचना के साथ जयपुर बुला लिया था। अधिकारी पिछले दिनों से तृतीय श्रेणी शिक्षकों की तबादला सूचियों पर माथापच्ची कर रहे थे कभी मंत्री की सूचियों को तो कभी मुख्यमंत्री की अभिशंषा से आने वाले नामों पर लिस्ट बन बिगड़ रही थी।

सूत्रों का कहना है कि मामला तृतीय श्रेणी अध्यापकों के अंतरजिला तबादलों को लेकर उलझ गया। इस बार सरकार की ओर से अंतर जिला तबादलों की छूट देकर वर्षो से गृह जिलों में आने का इंतजार कर रहे शिक्षकों का जनप्रतिनिधियों पर भारी दवाब बना दिया। मंत्री व विधायक हर हाल में उनके द्वारा की गई सिफारिशों की पालना करने का दवाब बना रहे थे।

शिक्षकों का मानना है कि इस बार वे अपने गृह जिले में नही आ सके तो फिर पता नहीं कब मौका मिले। जनप्रतिनिधि भी जानते है कि चुनावी वर्ष होने के कारण अगर वे अपने लोगों को इच्छित स्थानों पर नहीं ला सके तो उनके लिए चुनावी वैतरणी पार करना मुश्किल होगा। ऐसे में शिक्षा राज्य मंत्री के लिए सभी जनप्रतिनिधियों की सिफारिशों को मानना संभव नहीं हो पा रहा था।

 मामला उलझता देख मंत्री कार्यालय ने शिक्षा अधिकारियों को अपने संस्थापन रिकार्ड को समेट कर अपने-अपने जिलों के लिए प्रस्थान करने के निर्देश दे दिए। अधिकारियों को बताया ये गया है कि पहले माध्यमिक शिक्षा के तबादले किए जाएंगे, उसके बाद प्रारंभिक शिक्षा के तबादले किए जाएंगे। प्रारंभिक शिक्षा के जिला शिक्षा अधिकारी बैरंग अपने-अपने जिलों के लिए रवाना हो गए है।

माशि के उप निदेशक को जयपुर बुलाया

सूत्रों ने बताया कि रविवार या सोमवार को माध्यमिक शिक्षा के सभी उपनिदेशको को जयपुर बुलाया जा सकता है। सेकेंड ग्रेड शिक्षकों के स्वीकृत पदों व रिक्त पदों की जानकारी उपनिदेशकों से पहले ही मंत्री कार्यालय ने मंगवा ली है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों को भी तबादलों के लिए बुलाया जा रहा है ऐसी संभावना है कि 15 मई के बाद कभी भी तबादलों की पहली सूची आ सकती है।

135 दिन बाद एक सितंबर से खुलेंगे स्कूल:9वीं-11वीं की सुबह 7:30 से 12:30 तक लगेगी क्लास, 10वीं-12वीं वालों को 8 बजे से जाना होगा, पेरेंट्स की लिखित में अनुमति जरूरी...

 बीकानेर लेखक: दिलीप सिंह पंवार बीकानेर जिले में 56 और सबसे अधिक बाड़मेर जिले में 113 स्कूलों को क्रमोन्नत किया गया है। - Dainik Bhaskar बीक...