Tuesday, 8 May 2018

प्राइवेट स्कूल शिक्षकों के अनुभव प्रमाण पत्र के लिए 8 की जगह अब 3 शर्तें✍🏻


5 हजार स्कूल लेक्चरर की भर्ती होगी आवेदन ऑनलाइन 17 मई से 👇🏼


अब शि‍क्षक या व‍िद्यार्थी कोई भी कक्षा में मोबाइल लाए तो होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जारी किया आदेश

उदयपुर .

यदि अब किसी शिक्षक या विद्यार्थी कक्षा संचालन के दौरान मोबाइल उपयोग करते हुए मिला या उसके मोबाइल देखा गया तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक बीएल स्वर्णकार ने सभी संस्था प्रधानों व अधिकारियों को आदेश किया कि संबंधित को पहले चेता दें और बाद में यदि नहीं संभले तो राजस्थान असैनिक सेवाएं आचरण नियम 1971 के तहत कार्रवाई करें।

सूचना पट्ट और प्रार्थना सभा में करें उल्लेख

प्रत्येक स्कूल को अब मोबाइल उपयोग नहीं का संदेश उसके सूचना पट्ट पर लिखना होगा। साथ ही प्रार्थना सभा में भी इस बारे में बताया जाए। कक्षा एवं स्कूल परिसर में कोई भी शिक्षक मोबाइल का उपयोग नहीं कर सकेगा।

शिकायतों पर आदेश

ये आदेश शिकायतों पर जारी किए गए हैं। कई बार कक्षा संचालन के दौरान किसी शिक्षक के पास फोन आने पर पढ़ाई का समय खराब होने की घटनाएं होती है। साथ ही विद्यार्थी के लिए तो मोबाइल का इस्तेमाल होना ही नहीं चाहिए। सभी को इसे सख्ती से लागू करना होगा।

नरेश डांगी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक प्रथम

Teachers Recruitment: ऐसे तो हजारों शिक्षक रह जाएंगे इस भर्ती से ​वंचित अनुभव प्रमाण पत्र के लिए परेशान हो रहे निजी स्कूलों के शिक्षक, सीबीएसई स्कूलों के अनुभव प्रमाण पत्र पर अधिकारी नहीं कर रहे हस्ताक्षर

जयपुर।

             प्रधानाध्यापक माध्यमिक विद्यालय के पदों की भर्ती के लिए अभ्यर्थी परेशान हो रहे हैं। परेशानी का कारण हैं निजी स्कूल। निजी स्कूल उनके यहां कार्यरत कर्मचारियों को अनुभव प्रमाण पत्र नहीं दे रहे हैं, जिसकी वजह से वे इस भर्ती के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। वहीं शिक्षा विभाग की सीबीएसई के स्कूलों को प्रमाण पत्र नहीं दे रहा है। अधिकारी अनुभव प्रमाण पत्र के लिए आने वाले शिक्षकों को टरका रहे हैं। उनका कहना है कि सीबीएसई स्कूल का अनुभव प्रमाण पत्र लेना है तो अजमेर जाओ। प्रमाण पत्र नहीं मिलने से प्रधानाध्यापक माध्यमिक विद्यालय भर्ती परीक्षा के लिए हजारों शिक्षक आवेदन ही नहीं कर पाएंगे।

सीबीएसई स्कूलों के शिक्षक परेशान

सबसे अधिक परेशान सीबीएसई स्कूलों के शिक्षक हो रहे हैं। उनके अनुभव प्रमाण पत्र पर जिला शिक्षा अधिकारी हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं। उन्हें यह कहकर टरकाया जा रहा है कि सीबीएसई का रीजनल सेंटर अजमेर में है, वहां से कराएं। वहां भी उन्हें राहत नहीं मिल रही है।

ये है परेशानी का कारण

निजी स्कूल शिक्षकों को अपनी मर्जी से ही स्कूलों में रख लेते हैं, उसके लिए शिक्षा विभाग की गाइड लाइन का पालन नहीं करते। वेतनमान भी उनके मर्जी के होते हैं। इस वजह से शिक्षा विभाग के अधिकारी उनके प्रमाण पत्रों पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही पूर्व की परीक्षाओं में अनुभव प्रमाण पत्रों में कई फर्जीवाड़े मिले थे।

1200 पदों पर निकली भर्ती

प्रधानाध्यापक माध्यमिक विद्यालय के 1200 पदों पर अभी भर्ती निकली हुई है। विद्यार्थी भर्ती में आवेदन के लिए अनुभव प्रमाण पत्र नहीं मिलने से परेशान हो रहे हैं। इस भर्ती के लिए 5 साल का पढ़ाने का अनुभव होना जरूरी है।

ये रिकार्ड जरूरी

गैर सरकारी मान्यता प्राप्त विद्यालयों के कार्मिकों के शिक्षण अनुभव प्रमाण—पत्र पर प्रतिहस्ताक्षर कराने के लिए आवश्यक रिकार्ड व दस्तावेज चाहिए, जो स्कूल उपलब्ध ही नहीं करा रहे हैं। प्रार्थी का अनुदानित/मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थान में नियुक्ति के लिए आमंत्रित किए जाने की विज्ञप्ति, प्रार्थी के शिक्षण संस्थान में नियुक्ति के आदेश की प्रति, शिक्षण संस्थान में उपस्थिति रजिस्टर जिसमें प्रार्थी के हस्ताक्षर हों, जिस कक्षा में अध्यापन कराया गया हो उसका परीक्षा परिणाम, रोकड़ बही जिसमें प्रार्थी का भुगतान किए गए मासिक वेतन का इंद्राज हो, वेतन भुगतान रजिस्टर की प्रति, प्रार्थी व संस्था द्वारा अनुभव सही होने का शपथ पत्र देना होगा।

बच्चों की देखभाल की उम्र के शिक्षा विभाग में दो पैमाने, विवाद बढ़ा तो ट्रेनिंग रद्‌द


               शिक्षा विभाग में शिक्षकों के प्रशिक्षण शिविरों के दो आदेशों ने नई बहस छेड़ दी है। बहस यह है कि आखिर बच्चों को किस उम्र तक देखभाल की जरूरत है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रारंभिक शिक्षा में उन शिक्षिकाओं को प्रशिक्षण शिविर से छूट दी गई है, जिनके बच्चे की आयु 6 माह तक है। वहीं माध्यमिक शिक्षा में शिक्षिकाओं को यह छूट पांच साल के बच्चों तक के लिए दी है। एक ही विभाग में बच्चों की देखभाल के मामले में दोहरे मापदंड तय किए जाने से शिक्षकों में आश्चर्य है। हालांकि अब बजट के अभाव में और विवाद बढ़ता देख माध्यमिक शिक्षा विभाग ने प्रशिक्षण शिविरों को स्थगित कर दिया है। अब वरिष्ठ अध्यापकों के शिविर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत होंगे। सर्व शिक्षा अभियान की ओर से कक्षा 1 से 5 तक के तृतीय श्रेणी शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी किया है। प्रशिक्षण शिविर 6 दिवसीय और पांच चरणों में होंगे। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने भी वरिष्ठ अध्यापकों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम तय किया था।

6 माह नहीं 5 साल तक बच्चे पर मिले छूट

एक ही विभाग में उम्र का दोहरा मापदंड अधिकारियों की समझ पर सवालिया निशान है। एक जगह 6 माह और एक जगह 5 साल। इस अंतर को दूर कर एक ही क्राइटेरिया रखा जाए कि 5 साल तक का बच्चा होगा,तो शिक्षिका को ट्रेनिंग से छूट मिलेगी। - शशिभूषण शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ

माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के शिक्षकों का प्रशिक्षण शिविर स्थगित कर दिया गया है। अब रमसा के जरिए ही शिविर होंगे। अब उम्र का क्राइटेरिया रमसा को तय करना है। - मोहन लाल स्वामी, संयुक्त निदेशक (ट्रेनिंग) माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर

शिक्षा विभाग के नए कर्मचारियों व अधिकारियों को ससुर व पत्नी से लिखवाना होगा-नहीं लिया दहेज

           शिक्षा विभाग में कार्यरत नवनियुक्त कर्मचारियों व अधिकारियों को दहेज नहीं लेने का प्रमाण पत्र विभाग को जमा कराना होगा। इस बार इस प्रमाण पत्र की खास बात यह भी रहेगी कि घोषणा पत्र में स्वयं कर्मचारी व अधिकारी के अलावा उसकी प|ी, ससुर व पिता के हस्ताक्षर होने जरूरी होंगे। माध्यमिक शिक्षा उपनिदेशक ने जिला शिक्षा अधिकारियों को इन घोषणा पत्रों को शीघ्र भिजवाने के आदेश दिए हैं। अधिकारी व कर्मचारी को यह घोषणा करनी होगी कि मैंने न तो दहेज लिया है और न ही दिया है। भविष्य में दहेज लिए जाने के संबंध में मेरी प|ी या ससुराल पक्ष की ओर से कोई शिकायत विभाग या न्यायालय को की जाती है तो मेरी नियुक्ति समाप्त करने का पूर्ण अधिकार विभाग को होगा। इसमें ससुराल व पिता पक्ष की ओर से दो साक्षी के हस्ताक्षर भी करवाकर देने होंगे।

नवनियुक्त कर्मचारियों व अधिकारियों के संबंध में दहेज नहीं लेने का घोषणा पत्र लेने के उपनिदेशक के आदेश मिले हैं। प्रारूप में घोषणा पत्र पर इस बार ससुर व प|ी के साथ पिता के साइन होना भी जरूरी हैं। - अरुणेश सिन्हा, जिला शिक्षा अधिकारी

नए आदेश

घोषणा पत्र पर कर्मचारियों व अधिकािरयों के पिता के हस्ताक्षर होना भी जरूरी

दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत करनी होगी घोषणा

कर्मचारी व अधिकारी को यह घोषणा दहेज प्रतिषेध अधिनियम 2004 के तहत करनी होगी। उपनिदेशक ने डीईओ से ऐसे कर्मचारी-अधिकारी की सूचना भी मांगी है, जो घोषणा पत्र नहीं दे रहे हैं। इसके अलावा यह जानकारी भी मांगी है कि आगामी समय में कितने अधिकारी-कर्मचारियों से इस प्रकार का घोषणा पत्र प्राप्त कर लिया जाएगा

पदोन्नत सेकंड ग्रेड टीचर्स को पोस्टिंग जल्द, संगीत वाद्य के इंटरव्यू 18 को


बीकानेर/जयपुर.

माध्यमिक शिक्षा विभाग में वर्ष 2018-19 की डीपीसी में थर्ड ग्रेड से सैकंड ग्रेड पदों पर पदोन्नत हुए शिक्षकों को पोस्टिंग की तैयारियां शुरू हो गई है। मंडलवार पदोन्नत 6731 शिक्षकों को काउंसलिंग के जरिए रिक्त पदों पर पदस्थापन दिया जाएगा। शिक्षा (ग्रुप-दो) विभाग के शासन उप सचिव ने इस संबंध में निदेशक माध्यमिक को निर्देश जारी किए है। वर्ष 2018-19 की डीपीसी में प्रमोट हुए शिक्षकों को पोस्टिंग के लिए 15 से 25 मई तक काउंसलिंग कैम्प आयोजित किए जाएंगे। इसे पूर्व 10 मई को पदोन्नत सैकंड ग्रेड टीचर्स की वरीयता सूची और रिक्त पदों की सूची का प्रकाशन किया जाएगा।


लेक्चरर संगीत वाद्य के इंटरव्यू 18 को

- आरपीएससी द्वारा व्याख्याता - संगीत (वाद्य), काॅलेज शिक्षा विभाग के साक्षात्कार 18 मई 2018 को आयोजित किए जाएंगे। आयोग ने सोमवार को इंटरव्यू कार्यक्रम जारी कर दिया। आयोग उपसचिव दीप्ति शर्मा ने बताया अभ्यर्थियों को निर्देशित किया जाता है कि जिन अभ्यर्थियों ने विस्तृत आवेदन पत्र आयोग को प्रस्तुत नहीं किए हैं, वे अभ्यर्थी विस्तृत आवेदन आयोग की वेबसाइट www.rpsc.rajasthan.gov.in से डाउनलोड कर लें।

सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल लैक्चर भर्ती 2015 को लेकर दिए ये आदेश, 13 हजार पदों पर भर्ती को लेकर है मामला


जयपुर।

सुप्रीम कोर्ट ने आरपीएससी को स्कूल लैक्चरर भर्ती 2015 में पहले चयनित हो चुके उम्मीदवारों को छोड़कर परिणाम संशोधित करने के आदेश दिए हैं। अदालत के आदेश के अनुसार पहले चयनित या नियुक्त हो चुके उम्मीदवारों के साथ कोई छेड़छाड़ किए बिना ही पूरा परिणाम संशोधित किया जाएगा।

अदालत ने प्रत्येक श्रेणी के आखिरी चयनित उम्मीदवार की कट-ऑफ जारी करने,संशोधित परिणाम के अनुसार कट-ऑफ के बराबर या ज्यादा नंबर वालों को शेष बचे 1045 पदों पर नियुक्ति देने और पूरी कवायद तीन महीने में पूरी करने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश ए.के.सिकरी और न्यायाधीश अशोक भूषण ने यह आदेश रिशल व अन्य की अपीलों का निपटारा करते हुए दिए।

यह है मामला

आरपीएससी ने 2015 में स्कूल लैक्चर 13 हजार पदों पर भर्ती निकाली और 17 जुलाई,2016 को दो पेपर की परीक्षा ली गई। 12 अगस्त,2016 को परिणाम और उत्तर कुंजी जारी कर आपत्तियां मांगी। कई उम्मीदवारों ने अलग-अलग विषयों से संबंधित आपत्तियां दर्ज करवाईं। 22 सितंबर,2016 को आरपीएससी ने फाइनल उत्तर कुंजी के साथ परिणाम जारी किए। कई उम्मीदवारों ने गलत उत्तरों को लेकर याचिकाएं दायर कीं। एकलपीठ ने संशोधित उत्तर कुंजी व एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट अपलोड करने के निर्देश देकर याचिकाओं का निपटारा कर दिया।

आरपीएससी ने इस आदेश की पालना में फाईनल उत्तर कुंजी प्रकाशित की और पेपर-प्रथम के 18 प्रश्न हटा दिए। इसके बाद फिर से याचिकाएं दायर हुईं,लेकिन जोधपुर मुख्य पीठ ने एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट को सही मानकर याचिकाएं खारिज कर दीं। एकलपीठ के आदेश को खंडपीठ ने भी बहाल रखा। जयपुर में याचिकाएं और अपील खारिज हो गईं। इस पर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गईं थीं। सुप्रीम कोर्ट ने हटाए गए प्रश्नों के नंबर सभी उम्मीदवारों में समान रुप से बांटने के आरपीएससी और हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया है। अदालत ने कहा है मामले में उम्मीदवारों की नहीं बल्कि आरपीएससी की गलती है। इसलिए परीक्षा में शामिल होकर सही जवाब देने वाले सभी उम्मीदवारों को इसका लाभ मिलना ही चाहिए भले ही वह अदालत में आए हों या नहीं।

5 हजार व्याख्याता पदों पर होगी भर्तियां

अजमेर.

प्रदेश के सरकारी स्कूलोंं में 5 हजार स्कूल लेक्चरर की भर्ती होगी। ये सारे पद प्रदेश के छात्र स्कूलों में ही भरे जाएंगे, छात्रा स्कूलो के लिए इनमें से एक भी पद नहीं है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा इन पदों पर भर्ती की जाएगी। आयोग द्वारा इन पदों के लिए ऑन लाइन आवेदन की प्रक्रिया 17 मई से शुरू की जा रही है।

इन पदों पर होगी भर्ती

- आयोग द्वारा सरकारी स्कूलों में 20 विषयों में स्कूल लेक्चररों के 5 हजार पदों के लिए भर्ती होगी। आयोग ने इनका विस्तृत विवरण जारी कर दिया है।

- आयोग की वेबसाइट www.rpsc.rajasthan.gov.in पर विस्तृत दिशा-निर्देश उपलब्ध हैं। लेकिन इस विज्ञापन के सामने आने के बाद महिला अभ्यर्थी राज्य सरकार से खफा नजर आ रही हैं। कारण, महिला अभ्यर्थियों का आरोप है कि राज्य सरकार द्वारा महिला शिक्षण संस्थानों की अनदेखी की गई है।

- महिला अभ्यर्थियों का कहना है कि पूर्व में जो भी भर्ती निकली हैं, उनमें छात्र और छात्रा संस्थाओं के अलग-अलग पद होते थे। च्वाइस में भी छात्र या छात्रा संस्थान भरवाए जाते रहे हैं।

- राज्य सरकार ने वर्ष 2015 में स्कूल लेक्चरर के 13 हजार 98 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। इनमें 12 हजार 910 पद छात्र संस्थाएं में 18 विषयों के लिए थे, जबकि छात्रा संस्थाओं के लिए अलग से 188 पद थे। कुल 9 विषयों में छात्रा संस्थाओं में भर्ती की गई थी। इस बार राज्य सरकार ने छात्रा संस्था के लिए अलग से पद नहीं घोषित किए हैं।

- छात्रा संस्थाओं के अलग से पद होने पर महिला अभ्यर्थी छात्रा संस्थाओं को ही प्राथमिकता देतीं, लेकिन इस बार महिला अभ्यर्थियों को अब छात्र संस्थाओं में ही आवेदन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

2018 की भर्ती में हिंदी, राजनीति विज्ञान, भूगोल और इतिहास में अधिक पद

आयोग द्वारा जारी विवरण के अनुसार स्कूल लेक्चरर हिंदी के सर्वाधिक 849 पदों पर भर्ती होगी। इसके बाद राजनीति विज्ञान के 815 पदों के लिए भर्ती होगी। तीसरे नंबर पर भूगोल के 782 पद भरे जाएंगे और चौथे नंबर पर इतिहास विषय में 613 पदों के लिए भर्ती होगी। इधर लेक्चरर कृषि के 370 पदों के लिए भी भर्ती निकली है। माना जा रहा है कि लंबे समय बाद इन पदों के लिए भर्ती निकली है।

आवश्यक सूचना⤵

             समस्त शिक्षक बन्धु कृपया ध्यान दे व भ्रमित न हो रमसा के द्वारा होने वाला कोई भी प्रशिक्षण स्थगित नही हुआ है वे सभी प्रशिक्षण अपने निर्धारित समयानुसार ही होंगे उपरोक्त स्थगन आदेश केवल निदेशालय बीकानेर द्वारा होने वाले प्रशिक्षणों के स्थगन का है।
सहायक निदेशक रमसा जयपुर
अजय शर्मा 

135 दिन बाद एक सितंबर से खुलेंगे स्कूल:9वीं-11वीं की सुबह 7:30 से 12:30 तक लगेगी क्लास, 10वीं-12वीं वालों को 8 बजे से जाना होगा, पेरेंट्स की लिखित में अनुमति जरूरी...

 बीकानेर लेखक: दिलीप सिंह पंवार बीकानेर जिले में 56 और सबसे अधिक बाड़मेर जिले में 113 स्कूलों को क्रमोन्नत किया गया है। - Dainik Bhaskar बीक...