राज्य में सरकारी सेवा की एक के बाद एक निकल रही बम्पर भर्तियों के बीच वन टाइम रजिस्ट्रेशन (ओटीआर) के लिए जरूरी “आधार” ने ऐसा पेच फंसा दिया है कि हजारों आवेदन अटक रहे हैं। अपने आधार में मोबाइल नंबर अपग्रेडेशन सहित अन्य छोटी-बड़ी गलतियों से समय पर रजिस्ट्रेशन नहीं होने के चलते आवेदकों के लिए ये हालात पैदा हुए हैं। आयोग के टि्वटर अकाउंट पर प्रदेशभर से इस तरह की शिकायतों का अंबार लग गया है। इधर, हालात भांपते हुए आयोग ने कहा फिलहाल आवेदन में आधार जरूरी नहीं रहेगा।
राज्य लोक सेवा आयोग ने भर्तियों में पारदर्शिता लाने के लिए वन टाइम रजिस्ट्रेशन की शुरुआत इसी अप्रैल माह से की है। आवेदकों के लिए बड़ी परेशानी तब सामने आने लगी जब संबंधित आवेदक के आधार को ओटीआर से लिंक कर दिया गया। उन आवेदकों के लिए यकायक परेशानी खड़ी हो गई है, जिनके आधार में पहले से मोबाइल नंबर सहित विभिन्न प्रकार की त्रुटियां रह गई हैं। सबसे ज्यादा परेशानी आधार रजिस्ट्रेशन के वक्त लिंक किए गए मोबाइल नंबरों से आ रही है। ओटीपी उन्हीं नंबरों पर फाॅरवर्ड होता है, जो पहले आधार में रजिस्टर्ड हैं। ऐसे में जिनके नंबर विभिन्न कारणों के चलते बदल गए हैं, उनके लिए ओटीआर के लिए आगे का प्रॉसेस करना मुश्किल हो गया है। कई अभ्यार्थियों ने यह भी सवाल उठाया है कि जब आरपीएससी के समनांतर भर्ती एजेंसी राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड में आधार जरूरी नहीं है, तो सिर्फ आयोग में ही ऐसा क्यों किया गया?
अधीनस्थ बोर्ड की भर्तियों में नहीं मांगा जा रहा है आधार नम्बर
आयोग ने ओटीआर के लिए आधार अनिवार्य किया है जबकि राजस्थान अधीनस्थ मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड में फिलहाल यह जरूरी नहीं है। राजस्थान हाईकोर्ट के एडवोकेट तनवीर अहमद का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार अभी भर्ती में आधार अनिवार्य नहीं है। हर रिक्रूटमेंट एजेंसी को यह भी सुनिश्चित करना होता है कि चयन में गड़बड़ी न होने पाए। इसलिए संबंधित एजेंसी आधार को इस रूप में इस्तेमाल करती है तो इसे अनुचित भी नहीं माना जा सकता।
हमने ओटीआर को आंशिक रूप से लागू कर दिया है। हालांकि, आरपीएससी की तरह इसे आधार से कनेक्ट नहीं किया गया है। यह उन आवेदकों की सुविधा के मद्देनजर है जिनके किसी वजह से आधार नहीं बने हैं। हालांकि, समय के साथ इसे आगे अपडेट कर दिया जाएगा। - बी.एल. जाटावत, अध्यक्ष, राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड
COPY & PASTE FROM:- 👬📚 एज्युकेशन न्यूज ग्रुप 📚👫
राज्य लोक सेवा आयोग ने भर्तियों में पारदर्शिता लाने के लिए वन टाइम रजिस्ट्रेशन की शुरुआत इसी अप्रैल माह से की है। आवेदकों के लिए बड़ी परेशानी तब सामने आने लगी जब संबंधित आवेदक के आधार को ओटीआर से लिंक कर दिया गया। उन आवेदकों के लिए यकायक परेशानी खड़ी हो गई है, जिनके आधार में पहले से मोबाइल नंबर सहित विभिन्न प्रकार की त्रुटियां रह गई हैं। सबसे ज्यादा परेशानी आधार रजिस्ट्रेशन के वक्त लिंक किए गए मोबाइल नंबरों से आ रही है। ओटीपी उन्हीं नंबरों पर फाॅरवर्ड होता है, जो पहले आधार में रजिस्टर्ड हैं। ऐसे में जिनके नंबर विभिन्न कारणों के चलते बदल गए हैं, उनके लिए ओटीआर के लिए आगे का प्रॉसेस करना मुश्किल हो गया है। कई अभ्यार्थियों ने यह भी सवाल उठाया है कि जब आरपीएससी के समनांतर भर्ती एजेंसी राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड में आधार जरूरी नहीं है, तो सिर्फ आयोग में ही ऐसा क्यों किया गया?
अधीनस्थ बोर्ड की भर्तियों में नहीं मांगा जा रहा है आधार नम्बर
आयोग ने ओटीआर के लिए आधार अनिवार्य किया है जबकि राजस्थान अधीनस्थ मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड में फिलहाल यह जरूरी नहीं है। राजस्थान हाईकोर्ट के एडवोकेट तनवीर अहमद का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार अभी भर्ती में आधार अनिवार्य नहीं है। हर रिक्रूटमेंट एजेंसी को यह भी सुनिश्चित करना होता है कि चयन में गड़बड़ी न होने पाए। इसलिए संबंधित एजेंसी आधार को इस रूप में इस्तेमाल करती है तो इसे अनुचित भी नहीं माना जा सकता।
हमने ओटीआर को आंशिक रूप से लागू कर दिया है। हालांकि, आरपीएससी की तरह इसे आधार से कनेक्ट नहीं किया गया है। यह उन आवेदकों की सुविधा के मद्देनजर है जिनके किसी वजह से आधार नहीं बने हैं। हालांकि, समय के साथ इसे आगे अपडेट कर दिया जाएगा। - बी.एल. जाटावत, अध्यक्ष, राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड
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