Sunday, 6 May 2018

दो से ज्यादा बच्चों के होने पर आवेदक अनुकंपा नौकरी के लिए योग्य नहीं

जोधपुर.

राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग और न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने राज्य सरकार की अपील याचिकाओं को स्वीकार करते हुए तीन बच्चे होने पर आवेदक को अनुकंपा नौकरी देने के योग्य नहीं माना है। खंडपीठ ने इस मामले में एकलपीठ द्वारा दिए गए आदेश को भी अपास्त कर दिया।

- राज्य सरकार की ओर से एएजी एसएस लदरेचा ने अपील याचिका दायर कर कोर्ट को बताया, कि ज्ञानचंद, मांगूसिंह व सुरेश चंद सैनी ने अनुकंपा नौकरी के लिए आवेदन किया। इनके पिता अलग-अलग विभाग में कार्यरत थे। संबंधित विभाग ने यह कहते हुए नौकरी देने से इनकार कर दिया, कि इन सभी आवेदकों के एक जून 2002 के बाद तीन संतान है। अनुकंपा नौकरी देने के लिए बने हुए नियम के अनुसार एक जून 2002 के बाद दो से ज्यादा संतान नहीं होनी चाहिए।

- एएजी लदरेचा ने कोर्ट को यह भी बताया, कि एकलपीठ ने तीनों रेस्पोडेंट को अनुकंपा नौकरी देने के आदेश दिए हैं, जो कि अनुचित है। अनुकंपा नौकरी देने के नियमों में संशोधन के बाद दो से ज्यादा बच्चे होने पर किसी भी सूरत में अनुकंपा नौकरी देने के लिए आवेदन को कंसीडर नहीं किया जा सकता है। रेस्पाेडेंट की ओर से एकलपीठ के आदेश को उचित ठहराया गया।

- दोनों पक्ष सुनने के बाद खंडपीठ ने स्पष्ट किया, कि नियमों के अनुसार दो से ज्यादा संतान होने पर अनुकंपा नौकरी नहीं दी जा सकती। खंडपीठ ने राज्य स्वीकार की अपील याचिकाएं स्वीकार करते हुए एकलपीठ के 3 फरवरी 2014, 25 मार्च 2014 व 3 नवंबर 2014 को दिए आदेश को अपास्त कर दिया।

13 विषयों के सैकंड ग्रेड टीचर्स होंगे पदोन्नत

बीकानेर |

सैकंड ग्रेड से व्याख्याता पदों पर पदोन्नति का इंतजार कर रहे शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। 13 विषयों के सैकंड ग्रेड शिक्षकों की डीपीसी 10 मई को अजमेर में होने की संभावना है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने वर्ष 2018-19 की डीपीसी के लिए आरपीएससी प्रस्ताव भेज दिए है। इससे पूर्व पांच विषय हिंदी, अंग्रेजी, राजनीति विज्ञान, इतिहास और वाणिज्य विषय के सैकंड ग्रेड टीचर्स की डीपीसी 25 अप्रैल को संपन्न हो चुकी है। शेष बचे 13 विषयों की डीपीसी अब होगी। वर्ष 2018-19 की डीपीसी में एक अप्रैल, 2018 से 31 मार्च, 2019 तक के रिक्त पदों के लिए अभ्यर्थी चयनित होंगे। 

1.34 लाख शिक्षकों को चेतावनी, प्रशिक्षण नहीं लेने पर कटेगा वेतन

मानव संसाधन विकास मंत्रालय और शिक्षा विभाग की ओर से लगने वाले आवासीय प्रशिक्षण शिविरों के प्रति शिक्षकों ने लापरवाही बरती तो ना केवल उनका वेतन कटेगा, बल्कि उनकी वेतन वृद्धि भी रोकी जा सकती है। शिविरों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सुबह और रात को बॉयोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज की जाएगी। ताकि वे शिविरों से गायब नहीं हो सके। विभाग ने कक्षा 1 से 5 तक के शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का टाइमफ्रेम जारी कर दिया है। उधर, संगठनों ने शिविरों को गैर आवासीय करने की मांग उठाई है।

शिक्षकों को नवीन विधा और नई तकनीक से अवगत कराने के लिए आयोजित यह आवासीय प्रशिक्षण शिविर 6 दिवसीय होंगे और 5 चरणों में होंगे। पहला चरण 14 से 19 मई तक, दूसरा 21 से 26 मई तक, तीसरा 28 मई से 2 जून तक, चौथा 4 से 9 जून तक और पांचवां व अंतिम चरण 11 से 16 जून तक चलेगा। बॉयोमीट्रिक उपस्थिति सुबह 7 से 8 और रात को 8 से 9 के बीच ली जाएगी। दिनभर की समेकित रिपोर्ट भी डाइट के जरिए रोजाना एसएसए जयपुर कार्यालय को भेजा जाना अनिवार्य रखा है। शिविर में प्रारंभिक शिक्षा के 99,739 और माध्यमिक शिक्षा के 34,907 यानी कुल 1,34,646 शिक्षक प्रशिक्षण में हिस्सा लेंगे। जयपुर में माध्यमिक शिक्षा के 1,725 और प्रारंभिक शिक्षा के 5,594 शिक्षक प्रशिक्षण लेंगे। विभाग के प्रमुख सचिव नरेशपाल गंगवार की ओर से जारी आदेशों में कहा है कि शिविर में अनुपस्थित रहने वाले शिक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी कर शिविर की अवधि का वेतन काटा जाएगा। साथ ही मामले का निस्तारण होने तक उसकी वेतन बढ़ोतरी भी नहीं हो सकेगी। शिविर में प्रतिदिन प्रति शिक्षक खर्चा 300 रु. दिया जाएगा। अधिकतम 40 शिक्षकों के शिविर के लिए 72 हजार रु. का बजट रखा है। राजस्थान प्राथ. एवं माध्य. शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिनप्रका शर्मा का कहना है कि गर्मी की छुट्टियों में आवासीय शिविरों का आयोजन करना गलत है।

क्योंकि जिन शिक्षकों को बुलाया जा रहा है, उनमें अधिकांश शिक्षिकाएं है। शिक्षिकाओं पर घर परिवार की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में उनका लगातार 6 दिन तक घर से बाहर रहना बेहद मुश्किल है। इस मामले को हम मुख्यमंत्री तक लेकर जाएंगे और शिविरों को गैर आवासीय कराने की मांग करेंगे। इसके बाद भी मांग नहीं मानी गई तो आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।

शिक्षकों का होगा प्रशिक्षण या देंगे सजा, उदयपुर में शुरू होने वाला डीएलएड प्रशिक्षण शिविर यूं बन रहा आफत यह प्रशिक्षण सजा साबित होने वाला है।

फलासिया.

जिले के करीब 2700 शिक्षकों के लिए 12 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर सप्ताहभर बाद शुरू होना है। जिले के सभी ब्लॉक में प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित कर दिए गए, लेकिन झाड़ोल-फलासिया को छोड़ दिया गया। ऐसे में यहां के 319 शिक्षकों को 130 किलोमीटर दूर आवाजाही कर जिला मुख्यालय पर प्रशिक्षण लेना होगा। यह प्रशिक्षण सजा साबित होने वाला है।

क्योंकि गैर आवासीय शिविर में शामिल होने वालों में करीब 125 महिलाएं भी हैं, जो प्रतिदिन 130 किलोमीटर सफर करके शिविर में आएंगी और वापस इतना ही सफर कर घर जाएंगी। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान दिल्ली की ओर से होने वाले आयोजन में अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण देने की तैयारी की गई है। उदयपुर जिला मुख्यालय से शाम पांच बजे बाद डैया-अंबासा सहित भाडेर क्षेत्र के लिए यातायात के साधन नहीं मिलते। ऐसे में शिक्षकों को परेशानी होना तय है।

देशभर में प्रशिक्षण

आरटीई के अनुसार सभी सरकारी, निजी विद्यालयों में प्रशिक्षित शिक्षक ही पढ़ा सकते हैं। इसके लिए केन्द्र सरकार की ओर से देशभर के 14 लाख शिक्षकों को डीएलएड प्रशिक्षण दिया जाना है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में फलासिया व झाड़ोल पंचायत समिति क्षेत्र के कुल 319 शिक्षकों को प्रशिक्षण लेना है।

पहुंचने में 10 घंटे

दूरस्थ गांवों से बड़ी संख्या में निजी विद्यालयों के अप्रशिक्षित शिक्षकों सहित शिक्षाकर्मी विद्यालयों के शिक्षक शामिल हैं। फलासिया पंचायत समिति के डैया-अंबासा क्षेत्र से उदयपुर जिला मुख्यालय की दूरी 130 किलोमीटर है और यहां आवाजाही के साधन भी अपर्याप्त हैं। ऐसे में जिला मुख्यालय पहुंचने में 8 से 10 घंटे लगते हैं।

परीक्षा केन्द्र है, प्रशिक्षण नहीं

प्रशिक्षण के बाद शिक्षकों को तीन दिन लिखित परीक्षा देनी होगी। जो देशभर में 31 मई से 2 जून तक होगी। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रयासों से झाड़ोल में परीक्षा केन्द्र तो स्थापित कर दिया, लेकिन प्रशिक्षण केन्द्र नहीं बनाया।

 डीएलएड प्रशिक्षणार्थियों की कक्षाएं 7 से

राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय भूपालपुरा में सत्र 2017-19 के सभी डीएलएड प्रशिक्षणार्थियों की कक्षाएं 7 से 18 मई तक सुबह 10 से शाम 5 बजे तक लगेंगी। प्रधानाचार्या के अनुसार इसमें उनकी शत-प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है।

परिवेदनाएं बेअसर

तहसील क्षेत्र के 110 शिक्षकों ने आवाजाही, ठहराव और बच्चों की समस्या बताते हुए प्रशिक्षण केन्द्र झाड़ोल-फलासिया में खोलने की मांग की। विभागीय अधिकारियों ने जिले में अन्य जगह प्रशिक्षण केंद्र बनाए, लेकिन झाड़ोल-फलासिया को छोड़ दिया।

विभागीय लापरवाही का खमियाजा झाड़ोल क्षेत्र के प्रशिक्षणार्थियों को भुगतना पड़ेगा। तीन सौ से ज्यादा प्रशिक्षणार्थी होने के बावजूद झाड़ोल में प्रशिक्षण केन्द्र क्यों नहीं स्थापित किया जा रहा है? इनमें 125 से ज्यादा महिला प्रशिक्षणार्थी हैं, जिन्हें बच्चों और परिवार के साथ तालमेल बैठाकर 12 दिन प्रशिक्षण लेना पड़ेगा। उच्चाधिकारीयों को अवगत करवाया है।
जसवंतसिंह पंवार, जिलाध्यक्ष,राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय

अध्ययन केन्द्र स्थापित किए जाने की स्वीकृति उच्चाधिकारियों की ओर से जयपुर से दी जाती है। झाड़ोल क्षेत्र के लिए भी प्रस्ताव बनाकर भेज रखा है, यदि स्वीकृति मिल जाती है तो केन्द्र स्थापित कर दिया जाएगा।
गिरीजा वैष्णव, जिला शिक्षा अधिकारी (प्राशि), उदयपुर

Saturday, 5 May 2018

प्राथमिक शिक्षकों के ग्रीष्मकालीन शिविर १४ से,पांच चरणों में होंगे 6-6 दिवस के आवासीय शिविर

बीकानेर.

            राज्य की सरकारी स्कूलों में प्राथमिक कक्षाओं को पढ़ाने वाले करीब 1 लाख 34 हजार 646 शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन शिक्षक प्रशिक्षण शिविरों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। ये शिविर पूरे राज्य में 14 मई से 16 जून तक पांच चरणों में होंगे। हर चरण 6 दिवस का होगा जिसमें हिंदीएपर्यावरणए अंग्रेजी व गणित के नवाचारों से इन शिक्षकों को अवगत कराया जाएगा ताकि वे बच्चों को नई तकनीक एवं विधा से शिक्षण करा सके।

ये होंगे चरण

पांच चरणों मे होने वाले चरणों में हर चरण 6 दिवस का होगा। हर चरण में हिंदी के साथ पर्यावरण व अंग्रेजी के साथ गणित विषय के प्रशिक्षण 3.3 दिन दिए जाएंगे।

छात्रवृति योजना के लिए आवेदन 11 तक

बीकानेर.

                     मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृति योजना 2017-18 के अन्तर्गत आक्षेप पूर्ति का अन्तिम अवसर दिया है। मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृति योजना के अन्तर्गत पूर्व में आवेदित विधार्थियों को आक्षेपों की पूर्ति आनलाईन पार्टल ५ से ११ मइ्र्र तक 2018 तक आवश्यक रूप से कर देंवे। संबंधित महाविद्यालय 15 मई 2018 तक प्राप्त आक्षेपों की पूर्ति सहित आवेदन नोडल अधिकारी राजकीय डूंगर महाविद्यालय को प्रेषित किया जाना सुनिश्चित् करेंगे। छात्रवृति प्रभारी डॉ. सुरेन्द्र पाल मेघ ने बताया की उक्त तिथियों के बाद आक्षेपो की पूर्ति का अवसर प्रदान नहीं किया जाएगा।

ग्रेड थर्ड शिक्षक तबादले की पहली सूची कभी भी अधिकारियों के फोन बंद

                                    एजुकेशन रिपोर्टर. जोधपुर | तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों की पहली सूची कभी भी आ सकती है। शिक्षा विभाग के अधिकारी वरीयता सूची बना रहे हैं। डिप्टी डायरेक्टर, डीईओ और संस्थापन शाखा से जुड़े मंत्रालयिक कर्मचारियों को शिक्षा संकुल जयपुर में कैंप लगाया गया है। इस कैंप स्थल में किसी भी व्यक्ति को घुसने नहीं दिया जा रहा। यहां तक कि शिक्षा अधिकारियों के फोन भी बंद करवा दिए गए हैं। इस बार 1 हजार से अधिक आवेदन आए हैं। ट्रांसफर के लिए शिक्षकों को चार श्रेणी में बांटा गया है। ए श्रेणी में आने वाले शिक्षकों का तबादला अनिवार्य रूप से होगा। बी श्रेणी के आवेदनों को खाली जगह होने पर तबादला किया जाएगा। वहीं सी व डी के आवेदनों को भी तबादलों की श्रेणी में तो लिया गया है, लेकिन रिक्त स्थान होने पर ही किया जाएगा। शिक्षकों ने सांसद, विधायकों और मंत्रियों के चक्कर काटने शुरू कर दिए हैं। कुछ शिक्षक अपने-अपने क्षेत्र के एमएलए को शिक्षा मंत्री के पास में ले जा रहे हैं। वहीं कुछ मंत्रियों व सांसदों ने शिक्षकों की सूचियां शिक्षा मंत्री को भेज दी हैं।

ग्रेड प्रथम व द्वितीय के तबादलों की प्रक्रिया अभी शुरू नहीं हुई, हजारों बैठे उम्मीद में

माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसरों को अभी तक जयपुर में नहीं बुलाया गया है। पहले प्रांरभिक शिक्षा के तबादले होंगे। इसके बाद में माध्यमिक शिक्षा के तबादले होंगे। वहीं अभी तक ग्रेड प्रथम व द्वितीय के तबादलों के लिए अभी तक प्रक्रिया शुरू नहीं हुई हैं। ऐसे में हजारों शिक्षक प्रतिबंध खुलने के बाद में तबादलों की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री, एमएलए, एमपी के पास डाला डेरा, ट्रांसफर के लिए झोंक दी ताकत

प्राथमिक शिक्षा निदेशालय के नए निदेशक एसएस राजपुरोहित ने संभाला कार्यभार, कहा जमीनी स्तर पर कराएंगे काम, देखें वीडियो

BIKANER, RAJASTHAN

प्राथमिक स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा और बेहतर सुविधाओं के लिए जमीनी स्तर पर काम करना उनकी प्राथमिकता रहेगी।

प्रारंभिक शिक्षा निदेशक श्यामसिंह राजपुरोहित ने गुरुवार दोपहर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में पदभार ग्रहण किया। इससे पहले उन्होंने मंगलवार को जयपुरमें निदेशक का कार्यभार ग्रहण किया था। इस मौके पर नए निदेशक ने कहा कि प्राथमिक स्कूलों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा और बेहतर सुविधाओं के लिए जमीनी स्तर पर काम करना उनकी प्राथमिकता रहेगी।

निदेशक ने कहा कि शिक्षकों की समस्याओं का स्थाई समाधान करने का प्रयास किया जाएगा। ताकि एक ही तरह की परेशानी के लिए बार-बार परेशान नहीं होना पड़े। तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती को लेकर कहा कि ५४ हजार शिक्षकों की भर्तियां समय पर की जाएगी। प्रारंभिक शिक्षा से सभी बच्चों को जोडऩे के लिए प्रचार-प्रसार कर नामांकन के लिए हर घर तक पहुंचा जाएगा। कार्यभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने निदेशालय के कर्मचारियों-अधिकारियों के साथ बैठक भी की।

ब्राह्मण समाज ने किया स्वागत
प्राशि निदेशक श्याम सिंह राजपुरोहित का बीकानेरब्राह्मण समाज ने स्वागत किया। संभागीय संयोजक केके शर्मा ने बताया कि तरुण गौड़ एवं अरुण शर्मा ने साफा भेंट किया। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ प्रकल्प प्रदेश संयोजक डॉ. मीना आसोपा, अंतरराष्ट्रीय ब्राह्मण फैडरेशन प्रदेशाध्यक्ष सविता गौड़, पार्षद भगवती प्रसाद गौड़ तथा संभागीय अध्यक्ष देवेंद्र सारस्वत ने प्रतीक चिन्ह देकर अभिनन्दन किया।'

लाखों स्टूडेंट्स के मतलब की खबर, सीबीएसई के रिजल्ट आएंगे मई अंत या जून में

AJMER, RAJASTHAN

मूल्यांकन खत्म होते ही मुख्यालय सभी रीजन के परिणामों की समीक्षा करेगा।

सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं कक्षा के परिणाम मई के दूसरे पखवाड़े या जून में घोषित होंगे। बोर्ड विद्यार्थियों की कॉपियों का मूल्यांकन करा रहा है।

सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं खत्म हो चुकी हैं। अजमेर , इलाहाबाद, चेन्नई, नई दिल्ली, तिरुवनंतपुरम, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, पटना, देहरादून रीजन में कॉपियों की जांच जारी है। मूल्यांकन खत्म होते ही मुख्यालय सभी रीजन के परिणामों की समीक्षा करेगा। इसके बाद रिजल्ट कमेटी की बैठक होगी। अध्यक्ष की मंजूरी मिलने के बाद सभी रीजन का परिणाम जारी किया जाएगा।

पेपर आउट घटना ने किया परेशान

बोर्ड और विद्यार्थी इस बार काफी तनाव में रहे। मार्च में दसवीं का गणित और बारहवीं का इकोनॉमिक्स का पेपर आउट हुआ था। इस घटना ने देश में हलचल मचा दी। जांच और तथ्यों के आकलन के बाद गणित का पेपर दोबारा नहीं कराने का फैसला हुआ। अलबत्ता बारहवीं का इकोनोमिक्स विषय का पेपर 25 अप्रेल को कराया गया। इसी तरह भारत बंद के चलते पंजाब में दसवीं और बारहवीं के कुछ विषयों के पेपर 27 अप्रेल को कराए गए थे।

दसवीं का रिजल्ट खास

सात साल बाद सीबीएसई ने दसवीं के सभी विद्यार्थियों की परीक्षा खुद कराई है। इससे पहले साल 2010 से 2017 तक सीसीई पैटर्न के तहत स्टूडेंट्स को स्कूल या बोर्ड से दसवीं की परीक्षा देने का विकल्प चुनना पड़ता था। पिछले साल ही बोर्ड ने दसवीं के सभी विद्यार्थियों की परीक्षा खुद कराने का फैसला किया था। इसमें ग्रेडिंग सिस्टम यथावत रखने का फैसला किया गया है। अलबत्ता इस बाद दसवीं में प्रत्येक विषय में पास होने के लिए 33 प्रतिशत से ज्यादा अंक प्राप्त करना जरूरी किया गया है।

ले सकेंगे विशेषज्ञों से परामर्श
सीबीएसई के विद्यार्थी रिजल्ट आउट होने तक विशेषज्ञों से परामर्श ले सकेंगे। वे हेल्प लाइन नम्बर पर संपर्क कर सकेंगे। इसके लिए सीबीएसई ने मनोविज्ञानी, विषय विशेषज्ञ, कॅरियर काउंसर, चिकित्सक और प्राचार्यों को प्रशिक्षण प्रदान किया है।

फैक्ट फाइल

सीबीएसई के रीजन-अजमेर, नई दिल्ली, इलाहाबाद, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, देहरादून, पंचकुला, गुवाहाटी, पटना, भुवनेश्वर कुल पंजीकृत विद्यार्थी-28 लाख अजमेर रीजन में विद्यार्थी-दसवीं में 1 लाख 81 हजार 304, बारहवीं में 1 लाख 43 हजार 228

अब मेडिकल बोर्ड की सिफारिश पर ही मिलेगा अवकाश

JAIPUR, RAJASTHAN, INDIA

— सीएमएचओ की अध्यक्षता में गठित होगा मेडिकल बोर्ड

जयपुर। शिक्षकों को अब प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेना ही होगा, वे अब बहाना लगाकर शिक्षक प्रशिक्षणों से बच नहीं सकेंगे। हर प्रशिक्षण कार्यक्रम में उपस्थिति शत प्रतिशत रहना अनिवार्य होगा। विशेष परिस्थितियों में ही शिक्षकों को इससे छूट मिल सकेगी।
शिक्षक प्रशिक्षणों में संभागियों की उपस्थिति व कर्मचारियों के द्वारा प्रस्तुत सिकनेस की मेडिकल बोर्ड द्वारा जांच कराई जाएगी। हाल ही इस संबंध में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद से भी आदेश जारी किए गए हैं।
गौरतलब है कि शिक्षक प्रशिक्षण शिविरों में बहुत से शिक्षक जाते नहीं हैं और बीमारी या अन्य कोई बहाना लगाकर उनसे छुटकारा पा लेते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। अब उन्हें अवकाश स्वीकृत कराना होगा तो मेडिकल बोर्ड से ही होगा, सिर्फ सिकनेस से कामनहीं चलेगा।

अब ये होगा
यदि किसी शिक्षक या संस्था प्रधान को कार्यमुक्त करने के बाद प्रशिक्षण से पूर्व या प्रशिक्षण के दौरान वह मेडिकल प्रमाण पत्र प्राप्त देता हैं तो उस स्थिति में सीएमएचओ की अध्यक्षता में गठित मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा पर ही चिकित्सकीय अवकाश स्वीकृत किया जाएगा। बिना सूचना प्रशिाण से अनुपस्थित कार्मिकों के विरूदृध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

मिल सकती है छूट
प्रशिक्षण के दौरान अत्यावश्यक कार्य होने पर ही प्रशिक्षण से छूट मिल सकती है। इसमें कोई अप्रिय घटना, दुर्घटना आदि होने की स्थिति में प्रकरण जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय भेजने की स्थिति में ही छूट मिल सकती है।

शिक्षक संगठन कर रहे विरोध
अवकाश स्वीकृत करने के लिए मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा का शिक्षक विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह राज्य सेवा के नियमों के विपरीत है।

बायोमैट्रिक से होगी उपस्थिति
प्रशिक्षण शिविरों में उपस्थिति भी बायोमैट्रिक मशीन से होगी। उपस्थिति सुबह और शाम दोनों समय होगी। इसलिए शिक्षकों को शिविरों में उपस्थित रहना भी जरूरी होगा। प्रदेशभर में इन दिनों अधिकांश शिविर अब आवासीय ही लगाए जा रहे हैं। इसका भी शिक्षक लगातार विरोध कर रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि प्रशिक्षण शिविर स्थल पर रात को रहने और दैनिक कार्यों की कोई व्यवस्था नहीं है।

135 दिन बाद एक सितंबर से खुलेंगे स्कूल:9वीं-11वीं की सुबह 7:30 से 12:30 तक लगेगी क्लास, 10वीं-12वीं वालों को 8 बजे से जाना होगा, पेरेंट्स की लिखित में अनुमति जरूरी...

 बीकानेर लेखक: दिलीप सिंह पंवार बीकानेर जिले में 56 और सबसे अधिक बाड़मेर जिले में 113 स्कूलों को क्रमोन्नत किया गया है। - Dainik Bhaskar बीक...