Tuesday, 8 May 2018

बच्चों की देखभाल की उम्र के शिक्षा विभाग में दो पैमाने, विवाद बढ़ा तो ट्रेनिंग रद्‌द


               शिक्षा विभाग में शिक्षकों के प्रशिक्षण शिविरों के दो आदेशों ने नई बहस छेड़ दी है। बहस यह है कि आखिर बच्चों को किस उम्र तक देखभाल की जरूरत है। सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रारंभिक शिक्षा में उन शिक्षिकाओं को प्रशिक्षण शिविर से छूट दी गई है, जिनके बच्चे की आयु 6 माह तक है। वहीं माध्यमिक शिक्षा में शिक्षिकाओं को यह छूट पांच साल के बच्चों तक के लिए दी है। एक ही विभाग में बच्चों की देखभाल के मामले में दोहरे मापदंड तय किए जाने से शिक्षकों में आश्चर्य है। हालांकि अब बजट के अभाव में और विवाद बढ़ता देख माध्यमिक शिक्षा विभाग ने प्रशिक्षण शिविरों को स्थगित कर दिया है। अब वरिष्ठ अध्यापकों के शिविर राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत होंगे। सर्व शिक्षा अभियान की ओर से कक्षा 1 से 5 तक के तृतीय श्रेणी शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी किया है। प्रशिक्षण शिविर 6 दिवसीय और पांच चरणों में होंगे। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने भी वरिष्ठ अध्यापकों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम तय किया था।

6 माह नहीं 5 साल तक बच्चे पर मिले छूट

एक ही विभाग में उम्र का दोहरा मापदंड अधिकारियों की समझ पर सवालिया निशान है। एक जगह 6 माह और एक जगह 5 साल। इस अंतर को दूर कर एक ही क्राइटेरिया रखा जाए कि 5 साल तक का बच्चा होगा,तो शिक्षिका को ट्रेनिंग से छूट मिलेगी। - शशिभूषण शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ

माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के शिक्षकों का प्रशिक्षण शिविर स्थगित कर दिया गया है। अब रमसा के जरिए ही शिविर होंगे। अब उम्र का क्राइटेरिया रमसा को तय करना है। - मोहन लाल स्वामी, संयुक्त निदेशक (ट्रेनिंग) माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर

शिक्षा विभाग के नए कर्मचारियों व अधिकारियों को ससुर व पत्नी से लिखवाना होगा-नहीं लिया दहेज

           शिक्षा विभाग में कार्यरत नवनियुक्त कर्मचारियों व अधिकारियों को दहेज नहीं लेने का प्रमाण पत्र विभाग को जमा कराना होगा। इस बार इस प्रमाण पत्र की खास बात यह भी रहेगी कि घोषणा पत्र में स्वयं कर्मचारी व अधिकारी के अलावा उसकी प|ी, ससुर व पिता के हस्ताक्षर होने जरूरी होंगे। माध्यमिक शिक्षा उपनिदेशक ने जिला शिक्षा अधिकारियों को इन घोषणा पत्रों को शीघ्र भिजवाने के आदेश दिए हैं। अधिकारी व कर्मचारी को यह घोषणा करनी होगी कि मैंने न तो दहेज लिया है और न ही दिया है। भविष्य में दहेज लिए जाने के संबंध में मेरी प|ी या ससुराल पक्ष की ओर से कोई शिकायत विभाग या न्यायालय को की जाती है तो मेरी नियुक्ति समाप्त करने का पूर्ण अधिकार विभाग को होगा। इसमें ससुराल व पिता पक्ष की ओर से दो साक्षी के हस्ताक्षर भी करवाकर देने होंगे।

नवनियुक्त कर्मचारियों व अधिकारियों के संबंध में दहेज नहीं लेने का घोषणा पत्र लेने के उपनिदेशक के आदेश मिले हैं। प्रारूप में घोषणा पत्र पर इस बार ससुर व प|ी के साथ पिता के साइन होना भी जरूरी हैं। - अरुणेश सिन्हा, जिला शिक्षा अधिकारी

नए आदेश

घोषणा पत्र पर कर्मचारियों व अधिकािरयों के पिता के हस्ताक्षर होना भी जरूरी

दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत करनी होगी घोषणा

कर्मचारी व अधिकारी को यह घोषणा दहेज प्रतिषेध अधिनियम 2004 के तहत करनी होगी। उपनिदेशक ने डीईओ से ऐसे कर्मचारी-अधिकारी की सूचना भी मांगी है, जो घोषणा पत्र नहीं दे रहे हैं। इसके अलावा यह जानकारी भी मांगी है कि आगामी समय में कितने अधिकारी-कर्मचारियों से इस प्रकार का घोषणा पत्र प्राप्त कर लिया जाएगा

पदोन्नत सेकंड ग्रेड टीचर्स को पोस्टिंग जल्द, संगीत वाद्य के इंटरव्यू 18 को


बीकानेर/जयपुर.

माध्यमिक शिक्षा विभाग में वर्ष 2018-19 की डीपीसी में थर्ड ग्रेड से सैकंड ग्रेड पदों पर पदोन्नत हुए शिक्षकों को पोस्टिंग की तैयारियां शुरू हो गई है। मंडलवार पदोन्नत 6731 शिक्षकों को काउंसलिंग के जरिए रिक्त पदों पर पदस्थापन दिया जाएगा। शिक्षा (ग्रुप-दो) विभाग के शासन उप सचिव ने इस संबंध में निदेशक माध्यमिक को निर्देश जारी किए है। वर्ष 2018-19 की डीपीसी में प्रमोट हुए शिक्षकों को पोस्टिंग के लिए 15 से 25 मई तक काउंसलिंग कैम्प आयोजित किए जाएंगे। इसे पूर्व 10 मई को पदोन्नत सैकंड ग्रेड टीचर्स की वरीयता सूची और रिक्त पदों की सूची का प्रकाशन किया जाएगा।


लेक्चरर संगीत वाद्य के इंटरव्यू 18 को

- आरपीएससी द्वारा व्याख्याता - संगीत (वाद्य), काॅलेज शिक्षा विभाग के साक्षात्कार 18 मई 2018 को आयोजित किए जाएंगे। आयोग ने सोमवार को इंटरव्यू कार्यक्रम जारी कर दिया। आयोग उपसचिव दीप्ति शर्मा ने बताया अभ्यर्थियों को निर्देशित किया जाता है कि जिन अभ्यर्थियों ने विस्तृत आवेदन पत्र आयोग को प्रस्तुत नहीं किए हैं, वे अभ्यर्थी विस्तृत आवेदन आयोग की वेबसाइट www.rpsc.rajasthan.gov.in से डाउनलोड कर लें।

सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल लैक्चर भर्ती 2015 को लेकर दिए ये आदेश, 13 हजार पदों पर भर्ती को लेकर है मामला


जयपुर।

सुप्रीम कोर्ट ने आरपीएससी को स्कूल लैक्चरर भर्ती 2015 में पहले चयनित हो चुके उम्मीदवारों को छोड़कर परिणाम संशोधित करने के आदेश दिए हैं। अदालत के आदेश के अनुसार पहले चयनित या नियुक्त हो चुके उम्मीदवारों के साथ कोई छेड़छाड़ किए बिना ही पूरा परिणाम संशोधित किया जाएगा।

अदालत ने प्रत्येक श्रेणी के आखिरी चयनित उम्मीदवार की कट-ऑफ जारी करने,संशोधित परिणाम के अनुसार कट-ऑफ के बराबर या ज्यादा नंबर वालों को शेष बचे 1045 पदों पर नियुक्ति देने और पूरी कवायद तीन महीने में पूरी करने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश ए.के.सिकरी और न्यायाधीश अशोक भूषण ने यह आदेश रिशल व अन्य की अपीलों का निपटारा करते हुए दिए।

यह है मामला

आरपीएससी ने 2015 में स्कूल लैक्चर 13 हजार पदों पर भर्ती निकाली और 17 जुलाई,2016 को दो पेपर की परीक्षा ली गई। 12 अगस्त,2016 को परिणाम और उत्तर कुंजी जारी कर आपत्तियां मांगी। कई उम्मीदवारों ने अलग-अलग विषयों से संबंधित आपत्तियां दर्ज करवाईं। 22 सितंबर,2016 को आरपीएससी ने फाइनल उत्तर कुंजी के साथ परिणाम जारी किए। कई उम्मीदवारों ने गलत उत्तरों को लेकर याचिकाएं दायर कीं। एकलपीठ ने संशोधित उत्तर कुंजी व एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट अपलोड करने के निर्देश देकर याचिकाओं का निपटारा कर दिया।

आरपीएससी ने इस आदेश की पालना में फाईनल उत्तर कुंजी प्रकाशित की और पेपर-प्रथम के 18 प्रश्न हटा दिए। इसके बाद फिर से याचिकाएं दायर हुईं,लेकिन जोधपुर मुख्य पीठ ने एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट को सही मानकर याचिकाएं खारिज कर दीं। एकलपीठ के आदेश को खंडपीठ ने भी बहाल रखा। जयपुर में याचिकाएं और अपील खारिज हो गईं। इस पर सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गईं थीं। सुप्रीम कोर्ट ने हटाए गए प्रश्नों के नंबर सभी उम्मीदवारों में समान रुप से बांटने के आरपीएससी और हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया है। अदालत ने कहा है मामले में उम्मीदवारों की नहीं बल्कि आरपीएससी की गलती है। इसलिए परीक्षा में शामिल होकर सही जवाब देने वाले सभी उम्मीदवारों को इसका लाभ मिलना ही चाहिए भले ही वह अदालत में आए हों या नहीं।

5 हजार व्याख्याता पदों पर होगी भर्तियां

अजमेर.

प्रदेश के सरकारी स्कूलोंं में 5 हजार स्कूल लेक्चरर की भर्ती होगी। ये सारे पद प्रदेश के छात्र स्कूलों में ही भरे जाएंगे, छात्रा स्कूलो के लिए इनमें से एक भी पद नहीं है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा इन पदों पर भर्ती की जाएगी। आयोग द्वारा इन पदों के लिए ऑन लाइन आवेदन की प्रक्रिया 17 मई से शुरू की जा रही है।

इन पदों पर होगी भर्ती

- आयोग द्वारा सरकारी स्कूलों में 20 विषयों में स्कूल लेक्चररों के 5 हजार पदों के लिए भर्ती होगी। आयोग ने इनका विस्तृत विवरण जारी कर दिया है।

- आयोग की वेबसाइट www.rpsc.rajasthan.gov.in पर विस्तृत दिशा-निर्देश उपलब्ध हैं। लेकिन इस विज्ञापन के सामने आने के बाद महिला अभ्यर्थी राज्य सरकार से खफा नजर आ रही हैं। कारण, महिला अभ्यर्थियों का आरोप है कि राज्य सरकार द्वारा महिला शिक्षण संस्थानों की अनदेखी की गई है।

- महिला अभ्यर्थियों का कहना है कि पूर्व में जो भी भर्ती निकली हैं, उनमें छात्र और छात्रा संस्थाओं के अलग-अलग पद होते थे। च्वाइस में भी छात्र या छात्रा संस्थान भरवाए जाते रहे हैं।

- राज्य सरकार ने वर्ष 2015 में स्कूल लेक्चरर के 13 हजार 98 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था। इनमें 12 हजार 910 पद छात्र संस्थाएं में 18 विषयों के लिए थे, जबकि छात्रा संस्थाओं के लिए अलग से 188 पद थे। कुल 9 विषयों में छात्रा संस्थाओं में भर्ती की गई थी। इस बार राज्य सरकार ने छात्रा संस्था के लिए अलग से पद नहीं घोषित किए हैं।

- छात्रा संस्थाओं के अलग से पद होने पर महिला अभ्यर्थी छात्रा संस्थाओं को ही प्राथमिकता देतीं, लेकिन इस बार महिला अभ्यर्थियों को अब छात्र संस्थाओं में ही आवेदन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

2018 की भर्ती में हिंदी, राजनीति विज्ञान, भूगोल और इतिहास में अधिक पद

आयोग द्वारा जारी विवरण के अनुसार स्कूल लेक्चरर हिंदी के सर्वाधिक 849 पदों पर भर्ती होगी। इसके बाद राजनीति विज्ञान के 815 पदों के लिए भर्ती होगी। तीसरे नंबर पर भूगोल के 782 पद भरे जाएंगे और चौथे नंबर पर इतिहास विषय में 613 पदों के लिए भर्ती होगी। इधर लेक्चरर कृषि के 370 पदों के लिए भी भर्ती निकली है। माना जा रहा है कि लंबे समय बाद इन पदों के लिए भर्ती निकली है।

आवश्यक सूचना⤵

             समस्त शिक्षक बन्धु कृपया ध्यान दे व भ्रमित न हो रमसा के द्वारा होने वाला कोई भी प्रशिक्षण स्थगित नही हुआ है वे सभी प्रशिक्षण अपने निर्धारित समयानुसार ही होंगे उपरोक्त स्थगन आदेश केवल निदेशालय बीकानेर द्वारा होने वाले प्रशिक्षणों के स्थगन का है।
सहायक निदेशक रमसा जयपुर
अजय शर्मा 

Monday, 7 May 2018

सेवारत प्रशिक्षण कार्यक्रम स्थगन बाबत 👇🏻👇🏻


शाला दर्पण पर स्थानीय परीक्षा परिणाम से सम्बंधित ध्यातव्य बिन्दु

1. यदि परीक्षा परिणाम में कोई त्रुटि सुधर करना है तो निम्न चरण अपनाएं => cancel Result promotion=> Unlock Green Sheet =>Edit in Praptra 5 => Save marks in First Test  for Particular Student Only ( any one Subject) => Process Green Sheet => Lock Green Sheet

2. कक्षा 6 में यदि GreenSheet में संस्कृत विषय नहीं प्रदर्शित हो रहा हो तो => Unlock Green Sheet => Select Sanskrit Subject in Praptra 7A and Save All  Students in Praptra 7A =>Save marks in First Test  in Sanskrit Subject Only=> Process  GreenSheet

2. पूरक / पुन: परीक्षा हेतु मोड्यूल प्रारम्भ कर दिया है कृपया अतिशीघ्र परिणाम की पूर्ति करें|
3. कक्षा 8/10 के यदि किसी परीक्षार्थी के सत्रांक शाला दर्पण पर प्रविष्ट नहीँ किये है तो 2 दिवस में सत्रांक की प्रविष्टी करें

डॉ देवेन्द्र जोशी
कार्यक्रम अधिकारी शाला दर्पण
जयपुर

एक तरफ से निजी स्कूलों की बढ़ती फीस पर आंदोलन वही सरकारी मॉडल स्कूल में एडमिशन की मारामारी 👇


निजी स्कूलों की मनमानी कलक्टर पर भी भारी, यहां के स्कूलों के बच्चों की नहीं हैं ‘परवाह’ पारा 44 पर, तपती धूप में बच्चे परेशान, विद्यालयों ने नहीं घटाया समय


राजसमंद.

मई में गर्मी के प्रकोप को देखते हुए सरकारी और निजी विद्यालयों में समय घटाने के जिला कलक्टर के आदेशों की कई स्कूल अवहेलना कर रहे हैं। गर्मी से बचने अभिभावक कईजतन कर रहे हैं, लेकिन कतिपय स्कूलों को कोईफिक्र नहीं है। स्कूली विद्यार्थियों को काफी परेशानी हो रही है। पूर्व जिला कलक्टर बेरवाल ने गर्मी एवं लू के दौर में विद्यार्थियों की परेशानी को ध्यान में रखकर राजकीय, गैर राजकीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व माध्यमिक और उच्च् माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों के लिए दो से नौ मई तक विद्यालय समय सबह ७.३० से दोपहर १२ बजे तक करने के आदेश जारी किए थे। साथ ही शिक्षक और कर्मचारियों को पूर्ववत कार्य करने के निर्देश दिए गए। इसके बावजूद कई विद्यालयों ने कलक्टर के आदेशों की सुध ही नहीं ली। अनेकों स्कूलों का समय अभी भी पूर्ववत ही है। शुक्रवार को कक्षा १ से आठ तक के छोटे बच्चे गर्मी में परेशान दिखाई दिए। निजी स्कूलों की मनमानी बच्चों की सेहत से भी खिलवाड़ कर रही है।

स्कूलों में नहीं हैं पंखे

अभिभावकों और बच्चों की शिकायत है कि कई कक्षाओं मे पंखे नहीं हैं। कहीं पंखे हैं तो दोपहर में गर्म हवा फेंकने लगते हैं। ऐसे में बच्चों की तबीयत खराब होने की आशंका है।

सुबह ही सताती है गर्मी

एक निजी स्कूल की सातवीं कक्षा के विद्यार्थीविकास ने बताया कि जब वह सुबह स्कूल जाता है, तभी कड़ी धूप आ जाती है। कक्षाओं में केवल पंखे होने से गर्म हवाएं आती है। पढ़ाई करने में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। पूरे दिन माथे से पसीन नहीं उतरता। एक निजी स्कूल में नौवी के छात्र नीतिन दशोरा का कहना है कि उनकी स्कूल में कई कमरों में पंखों तक की व्यवस्था नहीं है। गर्मी में एक कक्षा में लगातार चार घंटे बैठे रहना काफी परेशान कर देने वाला है। स्कूल के समय में बदलाव की जरूरत है।

कुम्हला जाते हैं बच्चे

समय में बदलाव को लेकर पत्रिका टीम जब बच्चों के अभिभावकों की, तो चिंताजनक स्थिति सामने आई। जयप्रकाश शर्मा बताते हैं कि निजी स्कूल में उनका बच्चा दूसरी कक्षा में पढ़ता है। तेज गर्मी के कारण स्कूल की छुट्टी होने के बाद घर आते-आते वह बीमार जैसा सा बर्ताव करता है। स्कूल संचालकों को समय में बदलाव करना चाहिए।

1 किमी की दूरी और लम्बा वक्त

मदारा के जगदीश कुमावत ने बताया कि उनका लडक़ा और लडक़ी दोनों करीब 14 किलोमीटर की दूरी तय कर स्कूल जाते हैं। सुबह एक घंटे पहले स्कूल के लिए निकलना पड़ता है। दोपहर की छुट्टी के दौरान सूरज आग बरसाने लगता है। स्कूल बसों के खुले में खड़ी रहने से सीटें गर्म हो जाती हैं। छोटे बच्चों को बैठने में काफी तकलीफ होती है। उनकी सेहत को लेकर चिंता बढ़ रही है।
&गर्मी में बच्चों के परेशानी को देखते हुए समय बदला गया था। जो भी स्कूल पालना नहीं करेगा, उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। गर्मी में बच्चों को लेकर कोई भी लापरवाही नहीं बरती जाए।
भरत जोशी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक राजसमंद 

135 दिन बाद एक सितंबर से खुलेंगे स्कूल:9वीं-11वीं की सुबह 7:30 से 12:30 तक लगेगी क्लास, 10वीं-12वीं वालों को 8 बजे से जाना होगा, पेरेंट्स की लिखित में अनुमति जरूरी...

 बीकानेर लेखक: दिलीप सिंह पंवार बीकानेर जिले में 56 और सबसे अधिक बाड़मेर जिले में 113 स्कूलों को क्रमोन्नत किया गया है। - Dainik Bhaskar बीक...