Monday, 7 May 2018
शाला दर्पण पर स्थानीय परीक्षा परिणाम से सम्बंधित ध्यातव्य बिन्दु
1. यदि परीक्षा परिणाम में कोई त्रुटि सुधर करना है तो निम्न चरण अपनाएं => cancel Result promotion=> Unlock Green Sheet =>Edit in Praptra 5 => Save marks in First Test for Particular Student Only ( any one Subject) => Process Green Sheet => Lock Green Sheet
2. कक्षा 6 में यदि GreenSheet में संस्कृत विषय नहीं प्रदर्शित हो रहा हो तो => Unlock Green Sheet => Select Sanskrit Subject in Praptra 7A and Save All Students in Praptra 7A =>Save marks in First Test in Sanskrit Subject Only=> Process GreenSheet
2. पूरक / पुन: परीक्षा हेतु मोड्यूल प्रारम्भ कर दिया है कृपया अतिशीघ्र परिणाम की पूर्ति करें|
3. कक्षा 8/10 के यदि किसी परीक्षार्थी के सत्रांक शाला दर्पण पर प्रविष्ट नहीँ किये है तो 2 दिवस में सत्रांक की प्रविष्टी करें
डॉ देवेन्द्र जोशी
कार्यक्रम अधिकारी शाला दर्पण
जयपुर
2. कक्षा 6 में यदि GreenSheet में संस्कृत विषय नहीं प्रदर्शित हो रहा हो तो => Unlock Green Sheet => Select Sanskrit Subject in Praptra 7A and Save All Students in Praptra 7A =>Save marks in First Test in Sanskrit Subject Only=> Process GreenSheet
2. पूरक / पुन: परीक्षा हेतु मोड्यूल प्रारम्भ कर दिया है कृपया अतिशीघ्र परिणाम की पूर्ति करें|
3. कक्षा 8/10 के यदि किसी परीक्षार्थी के सत्रांक शाला दर्पण पर प्रविष्ट नहीँ किये है तो 2 दिवस में सत्रांक की प्रविष्टी करें
डॉ देवेन्द्र जोशी
कार्यक्रम अधिकारी शाला दर्पण
जयपुर
निजी स्कूलों की मनमानी कलक्टर पर भी भारी, यहां के स्कूलों के बच्चों की नहीं हैं ‘परवाह’ पारा 44 पर, तपती धूप में बच्चे परेशान, विद्यालयों ने नहीं घटाया समय
राजसमंद.
मई में गर्मी के प्रकोप को देखते हुए सरकारी और निजी विद्यालयों में समय घटाने के जिला कलक्टर के आदेशों की कई स्कूल अवहेलना कर रहे हैं। गर्मी से बचने अभिभावक कईजतन कर रहे हैं, लेकिन कतिपय स्कूलों को कोईफिक्र नहीं है। स्कूली विद्यार्थियों को काफी परेशानी हो रही है। पूर्व जिला कलक्टर बेरवाल ने गर्मी एवं लू के दौर में विद्यार्थियों की परेशानी को ध्यान में रखकर राजकीय, गैर राजकीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व माध्यमिक और उच्च् माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाई कर रहे कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों के लिए दो से नौ मई तक विद्यालय समय सबह ७.३० से दोपहर १२ बजे तक करने के आदेश जारी किए थे। साथ ही शिक्षक और कर्मचारियों को पूर्ववत कार्य करने के निर्देश दिए गए। इसके बावजूद कई विद्यालयों ने कलक्टर के आदेशों की सुध ही नहीं ली। अनेकों स्कूलों का समय अभी भी पूर्ववत ही है। शुक्रवार को कक्षा १ से आठ तक के छोटे बच्चे गर्मी में परेशान दिखाई दिए। निजी स्कूलों की मनमानी बच्चों की सेहत से भी खिलवाड़ कर रही है।
स्कूलों में नहीं हैं पंखे
अभिभावकों और बच्चों की शिकायत है कि कई कक्षाओं मे पंखे नहीं हैं। कहीं पंखे हैं तो दोपहर में गर्म हवा फेंकने लगते हैं। ऐसे में बच्चों की तबीयत खराब होने की आशंका है।
सुबह ही सताती है गर्मी
एक निजी स्कूल की सातवीं कक्षा के विद्यार्थीविकास ने बताया कि जब वह सुबह स्कूल जाता है, तभी कड़ी धूप आ जाती है। कक्षाओं में केवल पंखे होने से गर्म हवाएं आती है। पढ़ाई करने में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। पूरे दिन माथे से पसीन नहीं उतरता। एक निजी स्कूल में नौवी के छात्र नीतिन दशोरा का कहना है कि उनकी स्कूल में कई कमरों में पंखों तक की व्यवस्था नहीं है। गर्मी में एक कक्षा में लगातार चार घंटे बैठे रहना काफी परेशान कर देने वाला है। स्कूल के समय में बदलाव की जरूरत है।
कुम्हला जाते हैं बच्चे
समय में बदलाव को लेकर पत्रिका टीम जब बच्चों के अभिभावकों की, तो चिंताजनक स्थिति सामने आई। जयप्रकाश शर्मा बताते हैं कि निजी स्कूल में उनका बच्चा दूसरी कक्षा में पढ़ता है। तेज गर्मी के कारण स्कूल की छुट्टी होने के बाद घर आते-आते वह बीमार जैसा सा बर्ताव करता है। स्कूल संचालकों को समय में बदलाव करना चाहिए।
1 किमी की दूरी और लम्बा वक्त
मदारा के जगदीश कुमावत ने बताया कि उनका लडक़ा और लडक़ी दोनों करीब 14 किलोमीटर की दूरी तय कर स्कूल जाते हैं। सुबह एक घंटे पहले स्कूल के लिए निकलना पड़ता है। दोपहर की छुट्टी के दौरान सूरज आग बरसाने लगता है। स्कूल बसों के खुले में खड़ी रहने से सीटें गर्म हो जाती हैं। छोटे बच्चों को बैठने में काफी तकलीफ होती है। उनकी सेहत को लेकर चिंता बढ़ रही है।
&गर्मी में बच्चों के परेशानी को देखते हुए समय बदला गया था। जो भी स्कूल पालना नहीं करेगा, उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। गर्मी में बच्चों को लेकर कोई भी लापरवाही नहीं बरती जाए।
भरत जोशी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक राजसमंद
निर्देशों के बावजूद एक चौथाई अध्यापक ही शामिल हुए
प्रतापगढ़.
जिले के कई प्राथमिक, उच्च प्राथमिक , माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में स्काउट, गाइड गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित नहीं हो पा रही हैं। इसके लिए राज्य स्काउट गाईड विभाग की ओर से 10 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर बांसवाड़ा रोड स्थित राजकीय एकलव्य मॉडल जनजाति आवासीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय टिमरवां में संचालित किया जा रहा है। शिविर का समापन 8 मई को होगा। शिविर में जिले भर के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यालयों के तकरीबन 4 दर्जन से अधिक अध्यापक शामिल हुए हैं। जिन्हें दक्ष प्रशिक्षक प्रशिक्षण दे रहे हैं। शिविर का मुख्य उद्देश्य स्काउट एवं गाइड गतिविधियों से वंचित स्कूलों में भी इन गतिविधियों का सुचारु संचालन हो। जिससे की बच्चों को शिक्षा के साथ समाज सेवा का बीजारोपण किया जा सके।
हालांकि जिला कलक्टर के निर्देश के बावजूद शिविर में एक चौथाई अध्यापक ही प्रशिक्षण लेने पहुंचे हैं।जबकि निजी विद्यालयों ने इस प्रशिक्षण शिविर में कोई रुचि नहीं दिखाई ।
जिले के कई प्राथमिक, उच्च प्राथमिक , माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में स्काउट, गाइड गतिविधियां सुचारू रूप से संचालित नहीं हो पा रही हैं। इसके लिए राज्य स्काउट गाईड विभाग की ओर से 10 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर बांसवाड़ा रोड स्थित राजकीय एकलव्य मॉडल जनजाति आवासीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय टिमरवां में संचालित किया जा रहा है। शिविर का समापन 8 मई को होगा। शिविर में जिले भर के प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यालयों के तकरीबन 4 दर्जन से अधिक अध्यापक शामिल हुए हैं। जिन्हें दक्ष प्रशिक्षक प्रशिक्षण दे रहे हैं। शिविर का मुख्य उद्देश्य स्काउट एवं गाइड गतिविधियों से वंचित स्कूलों में भी इन गतिविधियों का सुचारु संचालन हो। जिससे की बच्चों को शिक्षा के साथ समाज सेवा का बीजारोपण किया जा सके।
हालांकि जिला कलक्टर के निर्देश के बावजूद शिविर में एक चौथाई अध्यापक ही प्रशिक्षण लेने पहुंचे हैं।जबकि निजी विद्यालयों ने इस प्रशिक्षण शिविर में कोई रुचि नहीं दिखाई ।
मां शारदे बालिका छात्रावास में प्रवेश प्रारम्भ जिले की 100 छात्राओं को प्रवेश का लक्ष्य श्रेष्ठ प्राप्तांक पर मिलेगी स्कूटी
प्रतापगढ़.
यहां नीमच रोड स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर स्थित मां शारदे बालिका छात्रावास में प्रवेश प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। स्कूल प्रधानाचार्य सुमन मीणा के मुताबिक क्षेत्र की एससी, एसटी, ओबीसी, सामान्य एवं अल्पसंख्यक वर्ग की छात्राएं इसमें प्रवेश ले सकेगी। प्रवेश लेनी वाली छात्राओं को अध्ययन के लिए राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय एवं राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में ही अध्ययन करना होगा। मीणा ने बताया कि प्रवेश प्राप्त छात्राओं का आवास, भोजन के साथ दैनिक उपयोगी की सामग्री व विद्यालय गणवेश भी नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। छात्राओं के समग्र विकास के लिए खेल मैदान के साथ अध्ययन के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध रहेगे। श्रेष्ठ प्राप्तांक प्राप्त छात्राओं को योजना के तहत स्कूटी प्रदान कराई जाएगी।
यहां नीमच रोड स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय परिसर स्थित मां शारदे बालिका छात्रावास में प्रवेश प्रक्रिया शुरु हो चुकी है। स्कूल प्रधानाचार्य सुमन मीणा के मुताबिक क्षेत्र की एससी, एसटी, ओबीसी, सामान्य एवं अल्पसंख्यक वर्ग की छात्राएं इसमें प्रवेश ले सकेगी। प्रवेश लेनी वाली छात्राओं को अध्ययन के लिए राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय एवं राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में ही अध्ययन करना होगा। मीणा ने बताया कि प्रवेश प्राप्त छात्राओं का आवास, भोजन के साथ दैनिक उपयोगी की सामग्री व विद्यालय गणवेश भी नि:शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। छात्राओं के समग्र विकास के लिए खेल मैदान के साथ अध्ययन के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध रहेगे। श्रेष्ठ प्राप्तांक प्राप्त छात्राओं को योजना के तहत स्कूटी प्रदान कराई जाएगी।
प्रतापगढ़, चित्तौड़, भीलवाड़ा जिले के 30 से ज्यादा स्कूलों के 3000 छात्रों ने वैज्ञानिक सोच को समझा
चित्तौड़गढ़
जिला मुख्यालय पर उदयपुर रोड स्थित नीरजा मोदी विद्यालय व विजन कॉलेज के तत्वावधान भारतीय अनुसंधान संगठन(इसरो) की प्रदर्शनी में दूसरे दिन शुक्रवार को चित्तौड़, प्रतापगढ़ एवं भीलवाड़ा जिले के 30 से अधिक स्कूलों के तीन हजार विद्यार्थी अंतरिक्ष के महाज्ञान से रूबरू होते हुए और कुछ पलों के लिए उन्होंने ऐसा अहसास किया कि वे अंतरिक्ष में वैज्ञानिकों के साथ है। सैटेलाइट से जुड़ी विज्ञान की अब तक की यात्रा से जुडे़ सवालों का इसरो के वैज्ञानिकों ने जवाब देते हुए जिज्ञासा को शांत करने का प्रयास किया। दूसरी और इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा एक ट्रैंड कॉलेज के विद्यार्थियों ने बोलचाल की भाषा में सैटेलाइट का अपने जीवन एवं देश के लिए महत्व बताया।
प्रदर्शनी का उदघाटन करते हुए बतौर मुख्य अतिथि सांसद सीपी जोशी ने इसरो की इस प्रदर्शनी को जिला मुख्यालय पर लाने के नीरजा मोदी के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रयास हर शैक्षणिक संस्थानों को करना चाहिए ताकि बच्चे हमारे देश की वैज्ञानिक सोच से रूबरू हो सके। इसरो के वैज्ञानिकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह हमारे जिले के बच्चों का सौभाग्य है कि आप हम सबके बीच में आए हो। वैज्ञानिकों की सोच एवं वैज्ञानिकों से साक्षात्कार रूबरू होने से स्कूलों के हजारों बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित होगी।
इसरो के वैज्ञानिकों को सम्मानित किया...
इसरो के वैज्ञानिक दीपक पंड्या, रश्मिना शाह, जितेंद्र खरड़े, योगेश देथोलिया का सांसद सीपी जोशी सहित नीरजा मोदी स्कूल एवं विजन कॉलेज प्रशासन ने सम्मानित किया। डायरेक्टर प्रशांत बाजपेई ने बताया कि वैज्ञानिक दल ने कक्षा 11 व 12 के समस्त विद्यार्थियों को इसरो में करिअर कैसे बनाए की भी जानकारी दी।
जिला मुख्यालय पर उदयपुर रोड स्थित नीरजा मोदी विद्यालय व विजन कॉलेज के तत्वावधान भारतीय अनुसंधान संगठन(इसरो) की प्रदर्शनी में दूसरे दिन शुक्रवार को चित्तौड़, प्रतापगढ़ एवं भीलवाड़ा जिले के 30 से अधिक स्कूलों के तीन हजार विद्यार्थी अंतरिक्ष के महाज्ञान से रूबरू होते हुए और कुछ पलों के लिए उन्होंने ऐसा अहसास किया कि वे अंतरिक्ष में वैज्ञानिकों के साथ है। सैटेलाइट से जुड़ी विज्ञान की अब तक की यात्रा से जुडे़ सवालों का इसरो के वैज्ञानिकों ने जवाब देते हुए जिज्ञासा को शांत करने का प्रयास किया। दूसरी और इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा एक ट्रैंड कॉलेज के विद्यार्थियों ने बोलचाल की भाषा में सैटेलाइट का अपने जीवन एवं देश के लिए महत्व बताया।
प्रदर्शनी का उदघाटन करते हुए बतौर मुख्य अतिथि सांसद सीपी जोशी ने इसरो की इस प्रदर्शनी को जिला मुख्यालय पर लाने के नीरजा मोदी के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रयास हर शैक्षणिक संस्थानों को करना चाहिए ताकि बच्चे हमारे देश की वैज्ञानिक सोच से रूबरू हो सके। इसरो के वैज्ञानिकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह हमारे जिले के बच्चों का सौभाग्य है कि आप हम सबके बीच में आए हो। वैज्ञानिकों की सोच एवं वैज्ञानिकों से साक्षात्कार रूबरू होने से स्कूलों के हजारों बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित होगी।
इसरो के वैज्ञानिकों को सम्मानित किया...
इसरो के वैज्ञानिक दीपक पंड्या, रश्मिना शाह, जितेंद्र खरड़े, योगेश देथोलिया का सांसद सीपी जोशी सहित नीरजा मोदी स्कूल एवं विजन कॉलेज प्रशासन ने सम्मानित किया। डायरेक्टर प्रशांत बाजपेई ने बताया कि वैज्ञानिक दल ने कक्षा 11 व 12 के समस्त विद्यार्थियों को इसरो में करिअर कैसे बनाए की भी जानकारी दी।
स्काउट व गाइड को ध्वज शिष्टाचार की जानकारी दी
उदयपुर |
हिंदुस्तान स्काउट्स एंड गाइड्स के सात दिवसीय स्काउटर-गाइडर प्रशिक्षण शिविर के पांचवे दिन शनिवार को भी स्काउटर-गाइडर को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण दिए। सहायक राज्य संगठन आयुक्त प्रदीप मेघवाल ने बताया कि स्काउट-गाइड को ध्वज शिष्टाचार, मेपिंग, कम्पास, यूनिट लीडर की योग्यता एवं कर्तव्य एवं राष्ट्रीय एवं संगठन के ध्वज की बनावट व सम्मान आदि का प्रशिक्षण दिया गया। शांता वैष्णव, विपुल दवे, टीना कटारा, कमल मीणा आदि मौजूद थे।
सारथी : बालिकाओं को 10 मई से देंगे प्रशिक्षण
उदयपुर |
स्टेट क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी ने बताया कि बालिकाओं को पुलिस और न्याय प्रक्रिया के लिए जागरूक करने वाली सारथी योजना 10 मई को बीएन कॉलेज ग्राउंड पर शुरू होगी। राज्य की एक लाख बालिकाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। पुलिस लाइन में शनिवार को चौधरी ने बताया कि अभियान का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं काे पुलिस, न्याय प्रक्रिया और सूचनाओं से रूबरू कराना है। ताकि वे अपने अधिकारों को जान सकें और यह जानकारी घर-घर तक पहुंचा सकें। सारथी उदयपुर रेंज प्रभारी एसआई गिरधारी सिंह ने बताया कि जिला मुख्यालय पर तीन माह की निशुल्क कार्यशाला में बालिकाओं और महिलाओं को आत्म रक्षा, पुलिस नवाचारों की जानकारी देंगे।
हर थाना स्तर पर 10 बालिकाओं को सर्टिफाइड सारथी वॉलंटियर : चौधरी ने बताया कि सीएलजी सदस्यों की तरह प्रत्येक थाने से सर्टिफाइड सारथी वॉलंटियर बनाएंगे। किसी भी महिला के साथ कोई भी अत्याचार हुआ है और थाने में सुनवाई नहीं हो रही है तो उनकी मदद सारथी वॉलंटियर करेगी। इन वॉलंटियर को उच्चाधिकारियों के फोन नंबर दिए जाएंगे और सीधी शिकायत सुनी जाएगी। उदयपुर संभाग में करीब 300 सारथी वॉलंटियर बनाई जाएंगी।
7वें वेतनमान के बाद वेतन फिर बढ़ाने की तैयारी, चुनावी साल में तोहफा देने में जुटी सरकार
जयपुर.
चुनावी साल में जिस तरह पिछली अशोक गहलोत सरकार ने कर्मचारियों के लिए प्रमोशन और इंक्रीमेंट के दरवाजे खोल दिए थे, अब मौजूदा भाजपा सरकार भी उसी राह पर चल पड़ी है। सरकार की तैयारी कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन कर बड़ा तोहफा देने की है। लगभग हर कैडर को इसका फायदा मिलेगा। इसके लिए सरकार ने वेतन विसंगति मामलों को निपटाने के लिए गठित सामंत कमेटी के काम का दायरा बढ़ाते हुए उसे वेतनमान संशोधन और भत्तों में इजाफे से जुड़े ज्ञापनों पर भी रिपोर्ट देने को कहा है। कमेटी का कार्यकाल भी मई से बढ़ाकर अगस्त तक कर दिया गया है। वित्त विभाग ने प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास भेजा था, जिसे शनिवार को मंजूरी मिल गई। जल्द ही इसके आदेश जारी कर दिए जाएंगे।
गहलोत के छह महीने के फैसलों पर सवाल, खुद वही दोहरा रही है सरकार
- गहलोत सरकार ने चुनावी साल में कर्मचारियों को जो भी फायदा दिया उसे मौजूदा सरकार ने आखिरी छह महीने किए गए फैसलों के तहत समीक्षा में शामिल कर दिया। गहलोत सरकार ने अधीनस्थ सेवाओं में जिन कैडर्स की ग्रेड पे बढ़ाई थी, मौजूदा सरकार ने उसे विसंगति बताकर फैसले को पलट दिया। इसके बाद कर्मचारियों की ग्रेड पे घटा दी गई। करीब 60 हजार से ज्यादा कर्मचारी इसकी जद में आए। इसके अलावा अधिकारी वर्ग में हायर सुपर टाइम स्केल के प्रमोशनों के पदों में भी कटौती की गई। हालांकि गहलोत सरकार ने अपने स्तर पर ही सभी घोषणाएं की थी लेकिन मौजूदा सरकार यह काम सामंत कमेटी के जरिए करवाएगी। ताकि सरकार के पास यह तर्क हो कि वह सिर्फ कमेटी की सिफारिशों को ही लागू कर रही है।
अब तक सिर्फ इन मुद्दों पर देनी थी सिफारिशें
- सामंत कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में प्रदेश के साढ़े आठ लाख कर्मचारियों और पौने चार लाख पेंशनर्स के लिए सातवें वेतनमान की घोषणा कर दी थी। वेतनमान लागू होने के बाद ज्यादातर कैडर्स वेतन विसंगतियों की शिकायतें लेकर सरकार के पास पहुंचे।
- इसे देखते हुए नवंबर में कमेटी को कर्मचारियों के ज्ञापनों का परीक्षण कर अपनी सिफारिशें सरकार को देने के लिए छह महीने का समय दिया गया। इसमें शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक योग्यता, विभिन्न पदों के लिए निर्धारित योग्यता, भर्ती प्रक्रिया व पदों से जुड़े कामों का निर्धारण करने के लिए सिफारिशें दी जानी थी। विशेष वेतन व विशेष भत्तों का परीक्षण कर नई दरों की सिफारिश करना। वरिष्ठ व कनिष्ठ कर्मचारियों के वेतन में विसंगतियों का परीक्षण कर सिफारिशें सरकार को देने की जिम्मेदारी भी कमेटी को दी गई थी। अब इसके साथ वेतनमान संशोधन व नियमित भत्तों में इजाफे को लेकर भी कमेटी सरकार को अपनी सिफारिशें देगी।
वेतनमान संशोधन का ये होगा असर
- गहलोत सरकार ने 2013 में 60 से ज्यादा सेवाओं के लिए प्रमोशन व अतिरिक्त पे बैंड स्वीकृत किया था। इससे आरएएस, आरपीएस, आरएसीएस समेत कई कैडर्स में अधिकारियों का वेतन 20 से 30 हजार रुपए तक बढ़ गया। अधीनस्थ सेवाओं में 1700 से लेकर 4400 ग्रेड पे तक के कर्मचारियों के लिए भी पे बैंड रिवाइज हुआ और इनका वेतन 5 से 10 हजार रु. बढ़ा।
- अब मौजूदा सरकार में अधीनस्थ मंत्रालयिक, डॉक्टर, इंडस्ट्रीज, सांख्यिकी, अायोजना, सचिवालय समेत कई कैडर्स पे-लेवल रिवाइज करने की मांग कर रहे हैं। डॉक्टर्स अधिकतम ग्रेड पे 8700 को बढ़ाकर 10 हजार रु. करने व अधीनस्थ मंत्रालयिक कर्मचारी 2800 के बजाय 3600 ग्रेड पे की मांग रहे हैं।
चुनावी साल में जिस तरह पिछली अशोक गहलोत सरकार ने कर्मचारियों के लिए प्रमोशन और इंक्रीमेंट के दरवाजे खोल दिए थे, अब मौजूदा भाजपा सरकार भी उसी राह पर चल पड़ी है। सरकार की तैयारी कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन कर बड़ा तोहफा देने की है। लगभग हर कैडर को इसका फायदा मिलेगा। इसके लिए सरकार ने वेतन विसंगति मामलों को निपटाने के लिए गठित सामंत कमेटी के काम का दायरा बढ़ाते हुए उसे वेतनमान संशोधन और भत्तों में इजाफे से जुड़े ज्ञापनों पर भी रिपोर्ट देने को कहा है। कमेटी का कार्यकाल भी मई से बढ़ाकर अगस्त तक कर दिया गया है। वित्त विभाग ने प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास भेजा था, जिसे शनिवार को मंजूरी मिल गई। जल्द ही इसके आदेश जारी कर दिए जाएंगे।
गहलोत के छह महीने के फैसलों पर सवाल, खुद वही दोहरा रही है सरकार
- गहलोत सरकार ने चुनावी साल में कर्मचारियों को जो भी फायदा दिया उसे मौजूदा सरकार ने आखिरी छह महीने किए गए फैसलों के तहत समीक्षा में शामिल कर दिया। गहलोत सरकार ने अधीनस्थ सेवाओं में जिन कैडर्स की ग्रेड पे बढ़ाई थी, मौजूदा सरकार ने उसे विसंगति बताकर फैसले को पलट दिया। इसके बाद कर्मचारियों की ग्रेड पे घटा दी गई। करीब 60 हजार से ज्यादा कर्मचारी इसकी जद में आए। इसके अलावा अधिकारी वर्ग में हायर सुपर टाइम स्केल के प्रमोशनों के पदों में भी कटौती की गई। हालांकि गहलोत सरकार ने अपने स्तर पर ही सभी घोषणाएं की थी लेकिन मौजूदा सरकार यह काम सामंत कमेटी के जरिए करवाएगी। ताकि सरकार के पास यह तर्क हो कि वह सिर्फ कमेटी की सिफारिशों को ही लागू कर रही है।
अब तक सिर्फ इन मुद्दों पर देनी थी सिफारिशें
- सामंत कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में प्रदेश के साढ़े आठ लाख कर्मचारियों और पौने चार लाख पेंशनर्स के लिए सातवें वेतनमान की घोषणा कर दी थी। वेतनमान लागू होने के बाद ज्यादातर कैडर्स वेतन विसंगतियों की शिकायतें लेकर सरकार के पास पहुंचे।
- इसे देखते हुए नवंबर में कमेटी को कर्मचारियों के ज्ञापनों का परीक्षण कर अपनी सिफारिशें सरकार को देने के लिए छह महीने का समय दिया गया। इसमें शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक योग्यता, विभिन्न पदों के लिए निर्धारित योग्यता, भर्ती प्रक्रिया व पदों से जुड़े कामों का निर्धारण करने के लिए सिफारिशें दी जानी थी। विशेष वेतन व विशेष भत्तों का परीक्षण कर नई दरों की सिफारिश करना। वरिष्ठ व कनिष्ठ कर्मचारियों के वेतन में विसंगतियों का परीक्षण कर सिफारिशें सरकार को देने की जिम्मेदारी भी कमेटी को दी गई थी। अब इसके साथ वेतनमान संशोधन व नियमित भत्तों में इजाफे को लेकर भी कमेटी सरकार को अपनी सिफारिशें देगी।
वेतनमान संशोधन का ये होगा असर
- गहलोत सरकार ने 2013 में 60 से ज्यादा सेवाओं के लिए प्रमोशन व अतिरिक्त पे बैंड स्वीकृत किया था। इससे आरएएस, आरपीएस, आरएसीएस समेत कई कैडर्स में अधिकारियों का वेतन 20 से 30 हजार रुपए तक बढ़ गया। अधीनस्थ सेवाओं में 1700 से लेकर 4400 ग्रेड पे तक के कर्मचारियों के लिए भी पे बैंड रिवाइज हुआ और इनका वेतन 5 से 10 हजार रु. बढ़ा।
- अब मौजूदा सरकार में अधीनस्थ मंत्रालयिक, डॉक्टर, इंडस्ट्रीज, सांख्यिकी, अायोजना, सचिवालय समेत कई कैडर्स पे-लेवल रिवाइज करने की मांग कर रहे हैं। डॉक्टर्स अधिकतम ग्रेड पे 8700 को बढ़ाकर 10 हजार रु. करने व अधीनस्थ मंत्रालयिक कर्मचारी 2800 के बजाय 3600 ग्रेड पे की मांग रहे हैं।
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प्रश्न 1. Sipf पोर्टल पर DDO लॉगिन कैसे करें? प्रश्न 2. नवनियुक्त कार्मिक की एम्प्लोयी ID कैसे बनाएं? उत्तर 1. इस बार sipf पोर्टल पर...