Monday, 7 May 2018

प्रतापगढ़, चित्तौड़, भीलवाड़ा जिले के 30 से ज्यादा स्कूलों के 3000 छात्रों ने वैज्ञानिक सोच को समझा

चित्तौड़गढ़

                                       जिला मुख्यालय पर उदयपुर रोड स्थित नीरजा मोदी विद्यालय व विजन कॉलेज के तत्वावधान भारतीय अनुसंधान संगठन(इसरो) की प्रदर्शनी में दूसरे दिन शुक्रवार को चित्तौड़, प्रतापगढ़ एवं भीलवाड़ा जिले के 30 से अधिक स्कूलों के तीन हजार विद्यार्थी अंतरिक्ष के महाज्ञान से रूबरू होते हुए और कुछ पलों के लिए उन्होंने ऐसा अहसास किया कि वे अंतरिक्ष में वैज्ञानिकों के साथ है। सैटेलाइट से जुड़ी विज्ञान की अब तक की यात्रा से जुडे़ सवालों का इसरो के वैज्ञानिकों ने जवाब देते हुए जिज्ञासा को शांत करने का प्रयास किया। दूसरी और इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा एक ट्रैंड कॉलेज के विद्यार्थियों ने बोलचाल की भाषा में सैटेलाइट का अपने जीवन एवं देश के लिए महत्व बताया।

प्रदर्शनी का उदघाटन करते हुए बतौर मुख्य अतिथि सांसद सीपी जोशी ने इसरो की इस प्रदर्शनी को जिला मुख्यालय पर लाने के नीरजा मोदी के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के प्रयास हर शैक्षणिक संस्थानों को करना चाहिए ताकि बच्चे हमारे देश की वैज्ञानिक सोच से रूबरू हो सके। इसरो के वैज्ञानिकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह हमारे जिले के बच्चों का सौभाग्य है कि आप हम सबके बीच में आए हो। वैज्ञानिकों की सोच एवं वैज्ञानिकों से साक्षात्कार रूबरू होने से स्कूलों के हजारों बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित होगी।

इसरो के वैज्ञानिकों को सम्मानित किया...

इसरो के वैज्ञानिक दीपक पंड्या, रश्मिना शाह, जितेंद्र खरड़े, योगेश देथोलिया का सांसद सीपी जोशी सहित नीरजा मोदी स्कूल एवं विजन कॉलेज प्रशासन ने सम्मानित किया। डायरेक्टर प्रशांत बाजपेई ने बताया कि वैज्ञानिक दल ने कक्षा 11 व 12 के समस्त विद्यार्थियों को इसरो में करिअर कैसे बनाए की भी जानकारी दी।

स्काउट व गाइड को ध्वज शिष्टाचार की जानकारी दी


उदयपुर |

                 हिंदुस्तान स्काउट्स एंड गाइड्स के सात दिवसीय स्काउटर-गाइडर प्रशिक्षण शिविर के पांचवे दिन शनिवार को भी स्काउटर-गाइडर को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण दिए। सहायक राज्य संगठन आयुक्त प्रदीप मेघवाल ने बताया कि स्काउट-गाइड को ध्वज शिष्टाचार, मेपिंग, कम्पास, यूनिट लीडर की योग्यता एवं कर्तव्य एवं राष्ट्रीय एवं संगठन के ध्वज की बनावट व सम्मान आदि का प्रशिक्षण दिया गया। शांता वैष्णव, विपुल दवे, टीना कटारा, कमल मीणा आदि मौजूद थे।

सारथी : बालिकाओं को 10 मई से देंगे प्रशिक्षण


उदयपुर |

                         स्टेट क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के पुलिस अधीक्षक पंकज चौधरी ने बताया कि बालिकाओं को पुलिस और न्याय प्रक्रिया के लिए जागरूक करने वाली सारथी योजना 10 मई को बीएन कॉलेज ग्राउंड पर शुरू होगी। राज्य की एक लाख बालिकाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। पुलिस लाइन में शनिवार को चौधरी ने बताया कि अभियान का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं काे पुलिस, न्याय प्रक्रिया और सूचनाओं से रूबरू कराना है। ताकि वे अपने अधिकारों को जान सकें और यह जानकारी घर-घर तक पहुंचा सकें। सारथी उदयपुर रेंज प्रभारी एसआई गिरधारी सिंह ने बताया कि जिला मुख्यालय पर तीन माह की निशुल्क कार्यशाला में बालिकाओं और महिलाओं को आत्म रक्षा, पुलिस नवाचारों की जानकारी देंगे।

हर थाना स्तर पर 10 बालिकाओं को सर्टिफाइड सारथी वॉलंटियर : चौधरी ने बताया कि सीएलजी सदस्यों की तरह प्रत्येक थाने से सर्टिफाइड सारथी वॉलंटियर बनाएंगे। किसी भी महिला के साथ कोई भी अत्याचार हुआ है और थाने में सुनवाई नहीं हो रही है तो उनकी मदद सारथी वॉलंटियर करेगी। इन वॉलंटियर को उच्चाधिकारियों के फोन नंबर दिए जाएंगे और सीधी शिकायत सुनी जाएगी। उदयपुर संभाग में करीब 300 सारथी वॉलंटियर बनाई जाएंगी। 

7वें वेतनमान के बाद वेतन फिर बढ़ाने की तैयारी, चुनावी साल में तोहफा देने में जुटी सरकार

जयपुर.

                         चुनावी साल में जिस तरह पिछली अशोक गहलोत सरकार ने कर्मचारियों के लिए प्रमोशन और इंक्रीमेंट के दरवाजे खोल दिए थे, अब मौजूदा भाजपा सरकार भी उसी राह पर चल पड़ी है। सरकार की तैयारी कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन कर बड़ा तोहफा देने की है। लगभग हर कैडर को इसका फायदा मिलेगा। इसके लिए सरकार ने वेतन विसंगति मामलों को निपटाने के लिए गठित सामंत कमेटी के काम का दायरा बढ़ाते हुए उसे वेतनमान संशोधन और भत्तों में इजाफे से जुड़े ज्ञापनों पर भी रिपोर्ट देने को कहा है। कमेटी का कार्यकाल भी मई से बढ़ाकर अगस्त तक कर दिया गया है। वित्त विभाग ने प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास भेजा था, जिसे शनिवार को मंजूरी मिल गई।  जल्द ही इसके आदेश जारी कर दिए जाएंगे।

 गहलोत के छह महीने के फैसलों पर सवाल, खुद वही दोहरा रही है सरकार

- गहलोत सरकार ने चुनावी साल में कर्मचारियों को जो भी फायदा दिया उसे मौजूदा सरकार ने आखिरी छह महीने किए गए फैसलों के तहत समीक्षा में शामिल कर दिया। गहलोत सरकार ने अधीनस्थ सेवाओं में जिन कैडर्स की ग्रेड पे बढ़ाई थी, मौजूदा सरकार ने उसे विसंगति बताकर फैसले को पलट दिया। इसके बाद कर्मचारियों की ग्रेड पे घटा दी गई। करीब 60 हजार से ज्यादा कर्मचारी इसकी जद में आए। इसके अलावा अधिकारी वर्ग में हायर सुपर टाइम स्केल के प्रमोशनों  के पदों में भी कटौती की गई। हालांकि गहलोत सरकार ने अपने स्तर पर ही सभी घोषणाएं की थी लेकिन मौजूदा सरकार यह काम सामंत कमेटी के जरिए करवाएगी। ताकि सरकार के पास यह तर्क हो कि वह सिर्फ कमेटी की सिफारिशों को ही लागू कर रही है।

अब तक सिर्फ इन मुद्दों पर देनी थी सिफारिशें

- सामंत कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सरकार ने पिछले साल अक्टूबर में प्रदेश के साढ़े आठ लाख कर्मचारियों और पौने चार लाख पेंशनर्स के लिए सातवें वेतनमान की घोषणा कर दी थी। वेतनमान लागू होने के बाद ज्यादातर कैडर्स वेतन विसंगतियों की शिकायतें लेकर सरकार के पास पहुंचे।

- इसे देखते हुए नवंबर में कमेटी को कर्मचारियों के ज्ञापनों का परीक्षण कर अपनी सिफारिशें सरकार को देने के लिए छह महीने का समय दिया गया। इसमें शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक योग्यता, विभिन्न पदों के लिए निर्धारित योग्यता, भर्ती प्रक्रिया व पदों से जुड़े कामों का निर्धारण करने के लिए सिफारिशें दी जानी थी। विशेष वेतन व विशेष भत्तों का परीक्षण कर नई दरों की सिफारिश करना। वरिष्ठ व कनिष्ठ कर्मचारियों के वेतन में विसंगतियों का परीक्षण कर सिफारिशें सरकार को देने की जिम्मेदारी भी कमेटी को दी गई थी। अब इसके साथ वेतनमान संशोधन व नियमित भत्तों में इजाफे को लेकर भी कमेटी सरकार को अपनी सिफारिशें देगी।

 वेतनमान संशोधन का ये होगा असर

- गहलोत सरकार ने 2013 में 60 से ज्यादा सेवाओं के लिए प्रमोशन व अतिरिक्त पे बैंड स्वीकृत किया था। इससे आरएएस, आरपीएस, आरएसीएस समेत कई कैडर्स में अधिकारियों का वेतन 20 से 30 हजार रुपए तक बढ़ गया। अधीनस्थ सेवाओं में 1700 से लेकर 4400 ग्रेड पे तक के कर्मचारियों के लिए भी पे बैंड रिवाइज हुआ और इनका वेतन 5 से 10 हजार रु. बढ़ा।

- अब मौजूदा सरकार में अधीनस्थ मंत्रालयिक, डॉक्टर, इंडस्ट्रीज, सांख्यिकी, अायोजना, सचिवालय समेत कई कैडर्स पे-लेवल रिवाइज करने की मांग कर रहे हैं। डॉक्टर्स अधिकतम ग्रेड पे 8700 को बढ़ाकर 10 हजार रु. करने व अधीनस्थ मंत्रालयिक कर्मचारी 2800 के बजाय 3600 ग्रेड पे की मांग रहे हैं।

चयनित अभ्यर्थियों को टीएसपी क्षेत्र में पदस्थापन के आदेश


                           स्टेट मेरीट में अधिक अंकों से चयनित टीएसपी के अभ्यर्थियों को भी टीएसपी क्षेत्र में ही पद स्थापन के न्यायालय के आदेश पर अभ्यर्थियों ने हर्ष जताया। आरपीएससी की ओर से आयोजित वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा 2016 में टीएसपी क्षेत्र के वे अभ्यर्थी जो अधिक अंक लाने से राज्य मेरीट में चयनित हुए थे।

उन्हे माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर द्वारा नॉन टीएसपी की कांउसलिंग में सम्मिलित कर टीएसपी क्षेत्र से दूर पद स्थापन कर दिया जा रहा था। जबकि कम अंक लाने वाले अभ्यर्थियों को गृह जिले में पद स्थापित किया गया। अभ्यर्थी सागर जोशी ने बताया कि डूंगरपुर-बांसवाड़ा के हेमेंद्रसिंह राठौड, निलेश जैन, हर्षद त्रिवेदी, अर्पित जोशी सहित राज्य मेरीट में चयनित18 अभ्यार्थियों ने राजस्थान शिक्षक एवं पंचायतीराज कर्मचारी संघ के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष शेरसिंह चौहान के नेतृत्व में उच्च न्यायालय जोधपुर में वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस कोटवानी के माध्यम से याचिका दायर की थी। न्यायाधीष पुष्पेंद्रसिंह भाटी ने अलग अलग सुनवाइयों पर फैसला देते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर , राजस्थान लोक सेवा आयोग अजमेर व उपनिदेशक उदयपुर को आदेशित किया कि याचिकाकर्ताओं ने टीएसपी के मूल निवासी होने और टीएसपी के लिए अलग से जारी पदों के लिए आवेदन किया था। इसलिए इन्हें टीएसपी की कांउसलिंग में सम्मिलित कर टीएसपी क्षेत्र में ही पद स्थापित किया जाए

Sunday, 6 May 2018

सातवें वेतनमान के बाद कर्मचारियों का वेतन फिर बढ़ाने की तैयारी 👇


दो से ज्यादा बच्चों के होने पर आवेदक अनुकंपा नौकरी के लिए योग्य नहीं

जोधपुर.

राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंद्राजोग और न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ ने राज्य सरकार की अपील याचिकाओं को स्वीकार करते हुए तीन बच्चे होने पर आवेदक को अनुकंपा नौकरी देने के योग्य नहीं माना है। खंडपीठ ने इस मामले में एकलपीठ द्वारा दिए गए आदेश को भी अपास्त कर दिया।

- राज्य सरकार की ओर से एएजी एसएस लदरेचा ने अपील याचिका दायर कर कोर्ट को बताया, कि ज्ञानचंद, मांगूसिंह व सुरेश चंद सैनी ने अनुकंपा नौकरी के लिए आवेदन किया। इनके पिता अलग-अलग विभाग में कार्यरत थे। संबंधित विभाग ने यह कहते हुए नौकरी देने से इनकार कर दिया, कि इन सभी आवेदकों के एक जून 2002 के बाद तीन संतान है। अनुकंपा नौकरी देने के लिए बने हुए नियम के अनुसार एक जून 2002 के बाद दो से ज्यादा संतान नहीं होनी चाहिए।

- एएजी लदरेचा ने कोर्ट को यह भी बताया, कि एकलपीठ ने तीनों रेस्पोडेंट को अनुकंपा नौकरी देने के आदेश दिए हैं, जो कि अनुचित है। अनुकंपा नौकरी देने के नियमों में संशोधन के बाद दो से ज्यादा बच्चे होने पर किसी भी सूरत में अनुकंपा नौकरी देने के लिए आवेदन को कंसीडर नहीं किया जा सकता है। रेस्पाेडेंट की ओर से एकलपीठ के आदेश को उचित ठहराया गया।

- दोनों पक्ष सुनने के बाद खंडपीठ ने स्पष्ट किया, कि नियमों के अनुसार दो से ज्यादा संतान होने पर अनुकंपा नौकरी नहीं दी जा सकती। खंडपीठ ने राज्य स्वीकार की अपील याचिकाएं स्वीकार करते हुए एकलपीठ के 3 फरवरी 2014, 25 मार्च 2014 व 3 नवंबर 2014 को दिए आदेश को अपास्त कर दिया।

13 विषयों के सैकंड ग्रेड टीचर्स होंगे पदोन्नत

बीकानेर |

सैकंड ग्रेड से व्याख्याता पदों पर पदोन्नति का इंतजार कर रहे शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। 13 विषयों के सैकंड ग्रेड शिक्षकों की डीपीसी 10 मई को अजमेर में होने की संभावना है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने वर्ष 2018-19 की डीपीसी के लिए आरपीएससी प्रस्ताव भेज दिए है। इससे पूर्व पांच विषय हिंदी, अंग्रेजी, राजनीति विज्ञान, इतिहास और वाणिज्य विषय के सैकंड ग्रेड टीचर्स की डीपीसी 25 अप्रैल को संपन्न हो चुकी है। शेष बचे 13 विषयों की डीपीसी अब होगी। वर्ष 2018-19 की डीपीसी में एक अप्रैल, 2018 से 31 मार्च, 2019 तक के रिक्त पदों के लिए अभ्यर्थी चयनित होंगे। 

1.34 लाख शिक्षकों को चेतावनी, प्रशिक्षण नहीं लेने पर कटेगा वेतन

मानव संसाधन विकास मंत्रालय और शिक्षा विभाग की ओर से लगने वाले आवासीय प्रशिक्षण शिविरों के प्रति शिक्षकों ने लापरवाही बरती तो ना केवल उनका वेतन कटेगा, बल्कि उनकी वेतन वृद्धि भी रोकी जा सकती है। शिविरों में शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सुबह और रात को बॉयोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज की जाएगी। ताकि वे शिविरों से गायब नहीं हो सके। विभाग ने कक्षा 1 से 5 तक के शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम का टाइमफ्रेम जारी कर दिया है। उधर, संगठनों ने शिविरों को गैर आवासीय करने की मांग उठाई है।

शिक्षकों को नवीन विधा और नई तकनीक से अवगत कराने के लिए आयोजित यह आवासीय प्रशिक्षण शिविर 6 दिवसीय होंगे और 5 चरणों में होंगे। पहला चरण 14 से 19 मई तक, दूसरा 21 से 26 मई तक, तीसरा 28 मई से 2 जून तक, चौथा 4 से 9 जून तक और पांचवां व अंतिम चरण 11 से 16 जून तक चलेगा। बॉयोमीट्रिक उपस्थिति सुबह 7 से 8 और रात को 8 से 9 के बीच ली जाएगी। दिनभर की समेकित रिपोर्ट भी डाइट के जरिए रोजाना एसएसए जयपुर कार्यालय को भेजा जाना अनिवार्य रखा है। शिविर में प्रारंभिक शिक्षा के 99,739 और माध्यमिक शिक्षा के 34,907 यानी कुल 1,34,646 शिक्षक प्रशिक्षण में हिस्सा लेंगे। जयपुर में माध्यमिक शिक्षा के 1,725 और प्रारंभिक शिक्षा के 5,594 शिक्षक प्रशिक्षण लेंगे। विभाग के प्रमुख सचिव नरेशपाल गंगवार की ओर से जारी आदेशों में कहा है कि शिविर में अनुपस्थित रहने वाले शिक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी कर शिविर की अवधि का वेतन काटा जाएगा। साथ ही मामले का निस्तारण होने तक उसकी वेतन बढ़ोतरी भी नहीं हो सकेगी। शिविर में प्रतिदिन प्रति शिक्षक खर्चा 300 रु. दिया जाएगा। अधिकतम 40 शिक्षकों के शिविर के लिए 72 हजार रु. का बजट रखा है। राजस्थान प्राथ. एवं माध्य. शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विपिनप्रका शर्मा का कहना है कि गर्मी की छुट्टियों में आवासीय शिविरों का आयोजन करना गलत है।

क्योंकि जिन शिक्षकों को बुलाया जा रहा है, उनमें अधिकांश शिक्षिकाएं है। शिक्षिकाओं पर घर परिवार की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में उनका लगातार 6 दिन तक घर से बाहर रहना बेहद मुश्किल है। इस मामले को हम मुख्यमंत्री तक लेकर जाएंगे और शिविरों को गैर आवासीय कराने की मांग करेंगे। इसके बाद भी मांग नहीं मानी गई तो आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।

शिक्षकों का होगा प्रशिक्षण या देंगे सजा, उदयपुर में शुरू होने वाला डीएलएड प्रशिक्षण शिविर यूं बन रहा आफत यह प्रशिक्षण सजा साबित होने वाला है।

फलासिया.

जिले के करीब 2700 शिक्षकों के लिए 12 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर सप्ताहभर बाद शुरू होना है। जिले के सभी ब्लॉक में प्रारंभिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित कर दिए गए, लेकिन झाड़ोल-फलासिया को छोड़ दिया गया। ऐसे में यहां के 319 शिक्षकों को 130 किलोमीटर दूर आवाजाही कर जिला मुख्यालय पर प्रशिक्षण लेना होगा। यह प्रशिक्षण सजा साबित होने वाला है।

क्योंकि गैर आवासीय शिविर में शामिल होने वालों में करीब 125 महिलाएं भी हैं, जो प्रतिदिन 130 किलोमीटर सफर करके शिविर में आएंगी और वापस इतना ही सफर कर घर जाएंगी। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान दिल्ली की ओर से होने वाले आयोजन में अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षण देने की तैयारी की गई है। उदयपुर जिला मुख्यालय से शाम पांच बजे बाद डैया-अंबासा सहित भाडेर क्षेत्र के लिए यातायात के साधन नहीं मिलते। ऐसे में शिक्षकों को परेशानी होना तय है।

देशभर में प्रशिक्षण

आरटीई के अनुसार सभी सरकारी, निजी विद्यालयों में प्रशिक्षित शिक्षक ही पढ़ा सकते हैं। इसके लिए केन्द्र सरकार की ओर से देशभर के 14 लाख शिक्षकों को डीएलएड प्रशिक्षण दिया जाना है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में फलासिया व झाड़ोल पंचायत समिति क्षेत्र के कुल 319 शिक्षकों को प्रशिक्षण लेना है।

पहुंचने में 10 घंटे

दूरस्थ गांवों से बड़ी संख्या में निजी विद्यालयों के अप्रशिक्षित शिक्षकों सहित शिक्षाकर्मी विद्यालयों के शिक्षक शामिल हैं। फलासिया पंचायत समिति के डैया-अंबासा क्षेत्र से उदयपुर जिला मुख्यालय की दूरी 130 किलोमीटर है और यहां आवाजाही के साधन भी अपर्याप्त हैं। ऐसे में जिला मुख्यालय पहुंचने में 8 से 10 घंटे लगते हैं।

परीक्षा केन्द्र है, प्रशिक्षण नहीं

प्रशिक्षण के बाद शिक्षकों को तीन दिन लिखित परीक्षा देनी होगी। जो देशभर में 31 मई से 2 जून तक होगी। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रयासों से झाड़ोल में परीक्षा केन्द्र तो स्थापित कर दिया, लेकिन प्रशिक्षण केन्द्र नहीं बनाया।

 डीएलएड प्रशिक्षणार्थियों की कक्षाएं 7 से

राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय भूपालपुरा में सत्र 2017-19 के सभी डीएलएड प्रशिक्षणार्थियों की कक्षाएं 7 से 18 मई तक सुबह 10 से शाम 5 बजे तक लगेंगी। प्रधानाचार्या के अनुसार इसमें उनकी शत-प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है।

परिवेदनाएं बेअसर

तहसील क्षेत्र के 110 शिक्षकों ने आवाजाही, ठहराव और बच्चों की समस्या बताते हुए प्रशिक्षण केन्द्र झाड़ोल-फलासिया में खोलने की मांग की। विभागीय अधिकारियों ने जिले में अन्य जगह प्रशिक्षण केंद्र बनाए, लेकिन झाड़ोल-फलासिया को छोड़ दिया।

विभागीय लापरवाही का खमियाजा झाड़ोल क्षेत्र के प्रशिक्षणार्थियों को भुगतना पड़ेगा। तीन सौ से ज्यादा प्रशिक्षणार्थी होने के बावजूद झाड़ोल में प्रशिक्षण केन्द्र क्यों नहीं स्थापित किया जा रहा है? इनमें 125 से ज्यादा महिला प्रशिक्षणार्थी हैं, जिन्हें बच्चों और परिवार के साथ तालमेल बैठाकर 12 दिन प्रशिक्षण लेना पड़ेगा। उच्चाधिकारीयों को अवगत करवाया है।
जसवंतसिंह पंवार, जिलाध्यक्ष,राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय

अध्ययन केन्द्र स्थापित किए जाने की स्वीकृति उच्चाधिकारियों की ओर से जयपुर से दी जाती है। झाड़ोल क्षेत्र के लिए भी प्रस्ताव बनाकर भेज रखा है, यदि स्वीकृति मिल जाती है तो केन्द्र स्थापित कर दिया जाएगा।
गिरीजा वैष्णव, जिला शिक्षा अधिकारी (प्राशि), उदयपुर

135 दिन बाद एक सितंबर से खुलेंगे स्कूल:9वीं-11वीं की सुबह 7:30 से 12:30 तक लगेगी क्लास, 10वीं-12वीं वालों को 8 बजे से जाना होगा, पेरेंट्स की लिखित में अनुमति जरूरी...

 बीकानेर लेखक: दिलीप सिंह पंवार बीकानेर जिले में 56 और सबसे अधिक बाड़मेर जिले में 113 स्कूलों को क्रमोन्नत किया गया है। - Dainik Bhaskar बीक...