Tuesday, 23 October 2018

सरकारी स्कूलों में 1 से 15 नामांकन पर 12500 रुपए, 16 से 100 नामांकन पर 25 हजार रुपए तो 251 से 1 हजार नामांकन पर हर साल मिलेंगे 1 लाख रुपए


अति आवश्यक सूचना:-

विद्यालय प्रोफाइल (प्रपत्र-1) व विद्यालयवार विद्यार्थी विस्तृत विवरण में कक्षावार नामांकन (प्रपत्र-3a) में प्रविष्ट अनिवार्यतः अपडेट करे। 
समस्त सीबीईओ/पीईईओ अधीनस्थ विद्यालय के नामांकन की प्रमाणित प्रति समन्धित संस्था प्रधान से प्राप्त कर शालादर्शन पर मिलान कर लेवे।
पॉर्टल व वास्तविक नामांकन में अंतर होने की स्थिति में निम्न अनुसार मिलान करे  ---
1.नामांकन कम प्रदर्शित होने के स्थिति में
(i) विद्यार्थी की नव प्रविष्टि करे।
(ii) यदि गलती से नाम पृथक हो गया है तो नाम पृथक करे मॉडुएल से पुनः जोड़े।
(iii) TC इशू कर दी गई है और विद्यार्थी ने पुनः प्रवेश लिया है तो नए SR से नव प्रविष्ट करे।
(iv) नव प्रवेशित मॉडुएल में पेंडिंग स्टूडेंट्स की सम्पूर्ण प्रविष्टि कर प्रवेश को कंफर्म करे।
2.नामांकन अधिक प्रदर्शित होने के स्थिति में --
(i)  विद्यालय से नाम पृथक कर दिया गया है तो पोर्टल से भी नाम पृथक करे मॉडुएल से नाम पृथक करे।
(ii) विद्यालय से TC जारी कर दी गई है तो पॉर्टल से भी TC जारी करे।
नोट - यदि किसी विद्यार्थी के नव प्रवेश के समय डुप्लीकेट SR की error आ रही है तो , उक्त sr की प्रविष्ट किस विद्यार्थी के की जा चुकी की पुष्टि आप tc जारी करे व नाम पृथक करे मॉडुएल में sr सर्च कर जांच सकते है।
राजेश शर्मा (prog &res. off.)
शालादर्शन प्रकोष्ठ, जयपुर।
रा प्रा शि प, जयपुर।

Friday, 19 October 2018

कर्मचारी महासंघ ने मांगा हड़ताल अवधि का वेतन

उदयपुर |

अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत ने मुख्य सचिव को ज्ञापन देकर कर्मचारियों को हड़ताल अवधि का वेतन देने, नो वर्क- नो पे के आदेश को वापस लेने आदि मांग की। प्रदेशाध्यक्ष महेंद्र सिंह ने बताया कि मुख्य सचिव ने महासंघ को आश्वासन दिया हैं इस पर पुनर्विचार करेंगे।

विडंबना / सरकारी स्कूलों में अभी भी नहीं मनाया जा रहा ‘आनंदवार’ दूसरे व चौथे शनिवार को बच्चों को बिना बैग स्कूल बुलाने की थी याेजना इस योजना के तहत बच्चों में पढ़ाई के साथ शौक को भी बढ़ाने की थी मंशा

जोधपुर।

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए माह के दूसरे और चौथे शनिवार को “आनंदवार’ मनाने की योजना फलीभूत नहीं हो पाई। इसके तहत बच्चों को इन दिनों में बिना बस्ते स्कूल आना था, ताकि उनकी क्रिएटिविटी को बढ़ाया जा सके। राजस्थान सरकार की मंशा तो यह थी कि बच्चों को पढ़ाई बोझ न लगे अौर उन्हें अपनी प्रतिभा को बाहर लाने मौका मिले लेकिन शिक्षा विभाग के अफसरों की उदासीनता और स्कूल मैनेजमेंट की लापरवाही से यह योजना लागू ही नहीं हो सकी।
माह के दूसरे और चौथे शनिवार को भी बच्चों को रोजाना की तरह बैग ले जाना पड़ रहा है। स्कूलों में ना तो क्रिएटिविटी की बात हो रही है और न ही उनकी प्रतिभा को पहचानने की कोशिश की जा रही है। हैरानी की बात तो यह है कि स्कूलों में बरती जा रही उदासीनता पर अफसर भी मौन हैं। शिक्षा विभाग ने यह जानने की कोशिश तक नहीं की कि स्कूलों में आनंदवार मनाया भी जा रहा है या नहीं। इस बारे में जब जिला शिक्षा अधिकारी धर्मेंद्र कुमार जोशी से पूछा गया तो उन्होंने कहा, यह सरकारी आदेश है कि हर स्कूल में दूसरे व चौथे शनिवार को आनंदवार मनाया चाहिए। अगर स्कूलों में कोताही बरती जा रही है जो हम जांच करवा देंगे। आगामी बैठक में सभी स्कूलों से इस बारे में रिपोर्ट भी लेंगे कि वहां अब तक क्या-क्या कार्रवाई हुई है। 
शनिवार को आनंदवार करने के पीछे ध्येय था कि बच्चे पढ़ाई के साथ वाद-विवाद, कहानी सुनाना, कविता पाठ, पहेली सुलझाना, डांस, पेंटिंग, डांसिंग जैसी कई तरह की एक्टिविटीज में शामिल हों। इसके अलावा पौधरोपण, स्वच्छता और समाजसेवा सरीखे गुण भी बच्चों में पैदा करने की मंशा थी। इसके तहत कक्षा पहली से 5वीं, कक्षा 6 से 8वीं और 9 वीं से 12वीं के अलग-अलग ग्रुप बनाने थे, लेकिन कई स्कूलों में एेसे ग्रुप ही नहीं बने। हर ग्रुप में एक-एक प्रभारी और सह प्रभारी की नियुक्ति भी कागजों में की गई।

ओबीसी स्टूडेट्ंस के लिए अच्छी खबर... अब इन्हें भी मिलेगी स्कॉलरशिप केंद्र सरकार ने उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति में ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए बढ़ाई आय की सीमा

जयपुर।

अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के विद्यार्थियों के अच्छी खबर। जिनकी विद्यार्थियों के परिवारों की सालाना आय डेढ लाख रुपए है, अब उन्हें भी उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति दी जाएगी। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए आय की सीमा में 50 फीसदी तक बढोतरी की है। इस नई आय सीमा का लाभ छात्र-छात्राओं को वर्तमान शैक्षिक सत्र में ही मिल सकेगा। दरअसल, मंत्रालय ने ओबीसी वर्ग की उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति की नई गाइडलाइन जारी की है। यह गाइडलाइन इसी सत्र से प्रभावी होंगी।
गाइडलाइन के संबंध में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को 15-20 दिन पहले ही निर्देश मिले हैं। उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति के आवेदन पत्र माह के अंत तक भरने शुरू हो जाएंगे। इस साल ओबीसी वर्ग के हजारों विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा।

नई गाइडलाइन के अनुसार इस डेढ लाख आय सीमा में मकान किराए से होने वाली आय को शामिल नहीं किया जाएगा। वहीं ओबीसी वर्ग के लिए आने वाले कुल बजट में से 30 फीसदी बजट बालिकाओं के लिए व 5 फीसदी बजट नि:शक्तजनों के लिए खर्च किया जा सकेगा। साथ ही विद्यार्थियों से हर साल आय प्रमाण पत्र भी नहीं लिया जाएगा। एक से अधिक वर्ष के कोर्स में केवल दाखिले के समय ही आय प्रमाण पत्र लिया जाएगा। उसी प्रमाण पत्र से आगामी दो-तीन वर्षों (कोर्स पूरा होने तक) छात्रवृत्ति दी जाएगी।

Monday, 1 October 2018

नवनियुक्त कार्मिक की एम्प्लोयी ID कैसे बनाएं

प्रश्न 1.  Sipf पोर्टल पर DDO लॉगिन कैसे करें? 
प्रश्न 2. नवनियुक्त कार्मिक की एम्प्लोयी ID कैसे बनाएं?


उत्तर 1.
इस बार sipf पोर्टल पर DDO लॉगिन करने के पुराने तरीके में पूर्णतया बदलाव कर दिए है।

सर्वप्रथम
https://sso.rajasthan.gov.in/signin
लिंक को ओपन करें।

इस लिंक में SSO ID में अपने DDO की एम्प्लोयी ID भरें।
अपने DDO संस्था प्रधान के sso ID के ही पासवर्ड भरें।
नोट:-अपनी स्कूल के sipf कोड और पासवर्ड नही भरें इसमें संस्था प्रधान के पर्सनल sso ID   में एम्प्लोयी ID और पासवर्ड भरें।

नीचे 6 अंकों का कैप्चा भरें।

लॉगिन करें।

संस्था प्रधान की व्यक्तिगत SSO ID ओपन होगी।

इसमे बहुत जारी योजनाएं जैसी भामाशाह स्वच्छता बीमा योजना,DCE, e-library,DMRD,.......…जैसी बहुत सारी योजनाएं दिखाई देंगी।
इनमे सबसे अंत से दूसरी(सेकंड लास्ट)SIPF पर क्लिक करें।

क्लिक करने परSIPF पोर्टल की नई स्क्रीन नए लुक में दिखाई देगी।यह आपकी व्यक्तिगत sipf पोर्टल हैं

इसमे ऊपर की ओर दाईं तीन टैब दिखाई देंगी।

इसमे बीच वाली टैब या पर क्लिक करने पर आपको दो विकल्प दिखाई देंगे।
पहला Customer का और दूसरा DDO का।
नोट:-आप DDO नही है तो आपके केवल एक ही विकल्प Customer ही दिखाई देगा।
इसमे दूसरी टैब से DDO का विकल्प चुनने पर आपकी स्कूल वाली sipf पोर्टल लॉगिन हो जाएगी।अब आप इससे अपने अधीनस्थ कर्मचारी का SI loan या GPF MATURITY क्लेम को वेरीफाई करके GPF आफिस भेज सकते है।
नोट:- ट्रांसफर या पदोन्नति से स्कूल के DDO बदल गए है तो Sipf पोर्टल पर भी DDO चेंज करना पड़ेगा।

DDO चेंज करने का तरीका।
नये DDO की ऊपर बताई गई विधि सेsso  ID को ओपन करें।
sso ID को ओपन करके sipf पोर्टल को ओपन करें।
sipf पोर्टल से तीसरी टैब को ओपन करें।
ओपन करने पर आपको  पांच विकल्प दिखाई देंगे।
इनमे से आप Add DDO role को पर क्लिक करने पर नई स्क्रीन खुलेगी।
इसमे आप सबसे पहले यूजर ID में अपनी स्कूल की Sipf पोर्टल की यूजर ID और स्कूल के ही पासवर्ड भरें
यूजर ID और पासवर्ड दोनो ही संख्याएं होती है।कैप्चा भरकर ओके कर दें।
अब आप sipf पोर्टल के DDO लॉगिन कर सकते है।


उत्तर 2.
न्यू कार्मिक की EMPLOY ID (कर्मचारी आई डी) बनाने की प्रोसेस
DDO लॉगिन करने के बाद आपको अपनी स्कूल या आफिस का होम पेज दिखाई देगा।
लॉगिन करने के बाद ऊपर की तरफ बाई ओर Emp पर क्लिक करे।

Transaction पर क्लिक करें।
Employee पर क्लिक करें।
Employee नाम की नई स्क्रीन खुलेगी।स्क्रीन के ऊपर
इसमे एक search और add (+)का चिह्न दिखाई देगा।
इनमे कुछ भी नही करना दोनो चिह्न पर।

चिह्न के नीचे आपको Basic Detail का विकल्प दिखाई देगा।उनमे मांगी गई सूचनाएं भरें।
नोट आधार नंबर आपका गलत बात रहा है तो इसे खाली छोड़ दें।

इसके बाद नीचे दिए गए विकल्प निम्न चार विकल्पों में से एक एक को चुनकर एंट्री करें।
Contact Detail
Service Detail
Scheme Detail
Family And Nominne Detail


सर्वप्रथम Contact Detail पर क्लिक करके सूचनाए भरें।
Contact detail की सूचनाएं भरने के बाद

 अगला विकल्प service detail पर क्लिक करें।इसमे भी मांगी गई सूचनाएं भर दें।

अगला विकल्प Scheme Detail की पूर्ति करें।


 Family aur Nominee Detail की सूचनाएं भरें।

अंत  में सभी सूचनाएं भरकर Submit कर दें।

नोट:-Pran Number, Si Number,Gpf Number को खाली छोड़ दें।

Sucessfully Submit होने के 7 से 10 दिन बाद इसे पुनः ओपन करके Employee के सामने बने सर्च के चिह्न पर क्लिक करें।और कार्मिक के नाम का विकल्प को चुने आगे के coloumn में कार्मिक का नाम भरेंगें जिसकी ID बनाई थी।यदि ID बन गई तो आपको ID दिखाई देगी।अन्यथा कुछ समय बाद पुनः चेक कर लें।

नोट:-नवनियुक्त कार्मिक की बनी नई एम्प्लोयी ID Sipf Portal पर सीधा चेक नही कर सकते इसके लिए आप DDO की ID से ही चेक करें।


प्रस्तुतकर्त्ता: चौधरी अर्जुन सिंह
(अध्यापक) खमनोर, राजसमंद

Saturday, 22 September 2018

पैमेनेजर पर मोबाईल वैरिफिकेशन कैसे करें?

राज्य सरकार के नये आदेश 20/09/2018 के अनुसार सभी राज्य कर्मचारियों यथा-शिक्षकों ,पुलिस कर्मचारियों ,पटवारियों एवं अन्य कर्मचारियों को जल्द से जल्द अपनी एम्पलॉय डिटेल मोबाइल ओटीपी के माध्यम से वैरिफाई करवाना अनिवार्य है अन्यथा उसका सितंबर माह का वेतन जारी नही होगा !

 स्टेप वाई स्टेप
 पैमेनेजर पर मोबाइल नंबर वैरिफिकेशन क वैरिफिकेशन प्रक्रिया

👉🏻सबसे पहले कर्मचारी www.paymanager2.raj.nic.in पर क्लिक करके अपनी employee id और password डालकर login करें

👉🏻उसके बाद सबसे ऊपर बांयी ओर employee corner पर क्लिक करें
उसके पश्चात सबसे आखिरी ऑप्शन employee detail verify पर क्लिक करें!

👉🏻उसके बाद आपको आपका gpf number ,mail id, employee id, mobile number ,PAN number , Aadhaar number आदि दिखाई देंगे!

👉🏻उनके आपको update और cancel का ऑप्शन दिखाई देगा जिन मेसे आपको update पर क्लिक करना है
उसके बाद आपको अपना नाम औ मोबाइल नंबर डालकर generate otp पर क्लिक करना है!

👉🏻उसके बाद आपके मोबाइल पर otpआयेगा जो इसमें डालकर submit पर क्लिक कर दें!

👉🏻जिसके बाद आपको वैरिफिकेशन successful का मैसेज आ जायेगा और आपका वैरिफिकेशन पूरा हो जायेगा।

  🎀🎀🎀🎀🎀🎀🎀


चौधरी अर्जुन सिंह (अध्यापक)
MOB : 9414182078

Sunday, 20 May 2018

द्वितीय श्रेणी अध्यापक स्थानांतरण सूचियां हुई जारी

सभी मण्डलों की स्थानांतरण सूचियां अभी प्राप्त करने हेतु क्लिक करें।
आप निम्न लिंक के जरिये  स्थानांतरण सूचियां देख सकते है👇👇👇

समस्त प्राचार्य डाइट समस्त एडीपीसी एस एस ए

ग्रीष्मकालीन पंडित दीनदयाल उपाध्याय शिक्षक प्रशिक्षण हेतु SIERT द्वारा तैयार KRP मॉड्यूल राजस्थान प्रारम्भिक शिक्षा परिषद द्वारा वितरित किए जा रहे है। अतः प्रशिक्षण के प्रथम दिवस ही प्रत्येक KRP को विषयवार मॉड्यूल की पहुँच सुनिश्चित की जाए। इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। यदि मॉड्यूल वितरण में किसी प्रकार की लापरवाही अथवा विलम्ब की स्थिति में समस्त जिम्मेदारी आप स्वयं की होगी।

दिनांक : 20-05-2018

प्रशिक्षण प्रकोष्ठ
रा.प्रा.शि.प., जयपुर

रोजेदार टीचर्स को आवासीय शिविर में रात्रि विश्राम से छूट 👇


राज्य के 44 विद्यालय अपग्रेड 👇


अफसर तो निपटा आये तबादलों का काम और लौट आए मगर सूची नहीं हुई जारी 👇


12 वीं पास छात्र अब कर सकेंगे 4 साल का BA बीएड इंटीग्रेटेड कोर्स 👇


BSTC के 2 प्रश्न निरस्त ,198 प्रश्नों की होगी मार्किंग, फिर जारी होगा परिणाम 👇


कल से प्रशिक्षण शुरू, बायोमेट्रिक से होगी हाजिरी 👇


पदोन्नति व्याख्याताओं की काउंसलिंग से पहले होंगे तबादले 👇


सत्र शुरू हुए 2 माह बीते, नहीं आई एनसीईआरटी की पुस्तकें, किताबों के लिए भटक रहे छात्र


नवोदय प्रवेश परीक्षा 100 प्रश्नों का जवाब देने के लिए 94 गोले ही दर्शाएं 👇


सरकारी स्कूल में बच्चों को कैलोरी और प्रोटीन बढ़ाने के लिए मिलेगा दूध 2 जुलाई से प्रदेश में शुरू होगी योजना 👇


खुला विश्वविद्यालय की प्री B.Ed की परीक्षा आज 👇


सरकारी स्कूलों की कुंडली बनाने का काम अटका 👇


वरिष्ठ अध्यापकों का धरना जारी निदेशालय पर प्रदर्शन करेंगे कल 👇


1 साल 2 विषय विद्यार्थी बढ़े मात्र 6283 फिर भी परिणाम लेट 👇


महिला टीचर्स को शौचालय के सामने नहाना पड़ रहा है ,26 घंटे तक चालू थे सोने वाले कमरों में सीसीटीवी कैमरे


छात्रों के लिए सफेद पेंट व शर्ट, छात्राओं के लिए सफेद या क्रीम कलर का सलवार सूट- साड़ी रहेगा ड्रेस कोड 👇


शैक्षिक खबर


छात्रों को परीक्षा हॉल में छोड़ कर तास खलते रहे वीक्षक उतर पुस्तिकाएं गायब


माध्यमिक शिक्षा:-301हेडमास्टर के तबादले,अब प्रिंसिपल के सम्भव👇🏻👇🏻


बोर्ड के दीक्षांत समारोह के लिए याद आई टॉपर्स की सूची करीब एक साल बाद सूची की जारी, अब प्रथम तीन स्थान वाले होंगे सम्मानित

जयपुर। 

आखिर एक साल बाद राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने टॉपर्स की सूची जारी कर ही दी। 24 मई को आयोजित होने वाले दीक्षान्त समारोह के लिए वर्ष 2017 की बोर्ड परीक्षाओं में स्वर्ण एवं रजत पदक प्राप्त करने वाले परीक्षार्थियों की सूची जारी कर दी गई है। इसी दिन 2016 की मेरिट में आने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया जाएगा।

अब सिर्फ प्रथम तीन स्थान वाले होंगे सम्मानित
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अब सिर्फ प्रथम तीन स्थानों पर आने वाले विद्यार्थियों को ही सम्मानित करेगा। पूर्व में कक्षा 12 में पहले 10 स्थान तक के विद्यार्थियों और कक्षा 10 में 15 स्थान तक के विद्यार्थियों को सम्मानित किया जाता था। लेकिन अब 2017 की मेरिट से सिर्फ प्रथम तीन स्थान वालों को ही सम्मानित किया जाएगा। गौरतलब है कि जल्द ही अब 2018 के परिणाम आने वाले हैं और अब जाकर बोर्ड 2017 के ही टॉपर्स की सूची जारी कर रहा है। बोर्ड को दीक्षांत समारोह में टॉपर्स की याद आई है।

इन्हें मिलेगा स्वर्ण पदक

माध्यमिक परीक्षा में सर्वोच्च अंक विद्या भारती माध्यमिक विद्यालय, मानटाऊन, सवाई माधोपुर की अर्चना मीना ने प्राप्त किए। सीनियर सैकण्डरी विज्ञान वर्ग में डी.एस.एस.एकेडमिक सीनियर सैकण्डरी स्कूल गंगापुरसिटी, सवाई माधोपुर के राजीव सिंह टॉपर रहे। कला वर्ग में लक्ष्यदीप सीनियर सैकण्डरी स्कूल, बूंदी की एंजिलिना नागपाल और वाणिज्य वर्ग में के.एम.डी. पब्लिक सीनियर सैकण्डरी स्कूल, बरकत नगर, जयपुर की कृति वर्मा टॉपर रहीं। इन सभी को स्वर्ण पदक दिया जाएगा।
इसी प्रकार वरिष्ठ उपाध्याय परीक्षा में ललित पाटीदार राजकीय श्री ई.एल.एन. वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय, गनोड़ा बांसवाड़ा, प्रवेशिका परीक्षा में ज्योति प्रजापत राजकीय प्रवेशिका संस्कृत विद्यालय, भानवरा जिला सवाई माधोपुर और माध्यमिक व्यावसायिक परीक्षा में अश्विन गुप्ता राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय चोहमेहला झालावाड़ा को भी परीक्षा में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिए स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जाएगा।

इन्हें मिलेगा रजत पदक

माध्यमिक परीक्षा 2017 में द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर विजेता मीणा, श्लोम अंग्रेजी माध्यमिक विद्यालय राजगढ, अलवर और तृतीय स्थान पर संयुक्त रूप से ममता, श्री बी.सी. सरावगी आदर्श विद्या मंदिर तारानगर, चूरू और मुस्कान शर्मा हैप्पी चिल्ड्रन स्कूल छबडा बारां को रजत पदक दिया जाएगा। 
सीनियर सैकण्डरी विज्ञान वर्ग में द्वितीय स्थान के लिए संयुक्त रूप से अंजलि जोशी पायोनियर सीनियर सैकण्डरी स्कूल गढी बांसवाड़ा, युक्ता जोशी स्प्रिंग्डेल्स सीनियर सैकण्डरी स्कूल सागवाड़ा डूंगरपुर, प्रियंका कुमावत सुप्रीम बाल भारती सीनियर सैकण्डरी स्कूल, हिंगोनिया जयपुर, अरूण प्रसाद नवजीवन शिक्षण संस्थान ज्योति नगर, सीकर और तृतीय स्थान पर संयुक्त रूप से अमित कुमार संत कृपाल सीनियर सैकण्डरी स्कूल भरतपुर, मनोज कुमार नवजीवन शिक्षण संस्थान सीनियर सैकण्डरी स्कूल ज्योति नगर, सीकर और सुमित अजमेरा एस.बी.एस. मेमोरियल सीनियर सैकण्डरी स्कूल, सबलपुरा, सीकर को रजत पदक दिया जाएगा। 
सीनियर सैकण्डरी वाणिज्य वर्ग में द्वितीय स्थान के लिए गौरव भोजवानी यश विद्या मंदिर सीनियर सैकण्डरी स्कूल, हवा सड़क, जयपुर और तृतीय स्थान के लिए सोनम शर्मा के.एम.डी. पब्लिक सीनियर सैकण्डरी स्कूल, बरकत नगर, जयपुर को रजत पद दिया जाएगा। सीनियर सैकण्डरी कला वर्ग में द्वितीय स्थान पर साक्षी जैन राजकीय सीनियर सैकण्डरी स्कूल, लोहाड़िया बांसवाड़ा, तृतीय स्थान पर संयुक्त रूप से देशराज मीना के.एम.डी. पब्लिक सीनियर सैकण्डरी स्कूल, बरकत नगर, जयपुर व सचिन यादव श्री कृष्णा विद्या मंदिर सीनियर सैकण्डरी स्कूल मनोहरपुरा, जयपुर को रजत पदक दिया जाएगा। 
इसी प्रकार प्रवेशिका परीक्षा में द्वितीय स्थान पर निकिता राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय, कोटकासिम जिला अलवर, तृतीय स्थान के लिए हर्षित डुंखवाल  श्री एस.एम.टी. वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय, जसवंतगढ जिला नागौर को रजत पदक दिया जाएगा।
वरिष्ठ उपाध्याय वर्ग में द्वितीय स्थान पर संयुक्त रूप से निशि कुमारी पाण्ड्या राजकीय श्री ई.एल.एन. वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय, गनोड़ा जिला बांसवाड़ा व अभीजित सिंह दरिया एस.एम.एस. ए.जी. राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय, बिलोंची जयपुर, तृतीय स्थान पर महेश चन्द्र पाटीदार राजकीय श्री ई.एल.एन. वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय, गनोड़ा कनोरा बांसवाड़ा को रजत पदक दिया जाएगा। माध्यमिक व्यवसायिक में वैशाली गुर्जर राजकीय गल्र्स सीनियर सैकण्डरी स्कूल, नसीराबाद, तृतीय स्थान पर नितेश राठौड़ राजकीय सीनियर सैकण्डरी स्कूल चैहुमंहला पंचायत समिति डग जिला झालावाड़ को सम्मानित किया जाएगा।

1 जुलाई 17 के बाद नियुक्त शिक्षक नहीं किए जाएंगे प्रशिक्षण में शामिल


बाड़मेर |

 राज्य सरकार ने शिक्षकों के ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण को लेकर गुरुवार को गाइडलाइन जारी कर दी। इसमें कक्षा 1 से 5 में अध्यापन कार्य करवाने वाले सभी शिक्षकों को पहले आवंटित लक्ष्य अनुरूप ग्रीष्मकालीन शिक्षक प्रशिक्षण 21 मई से 16 जून तक दिया जाएगा। नए आदेशों में सभी लेवल-1 के शिक्षक, जो लेवल-2, प्रबोधक लेवल-2 हैं किंतु लेवल-1 के पद के विरुद्ध कार्यरत हैं, अन्य श्रेणी के शिक्षक जैसे प्रबोधक लेवल-1, ट्रेनी टीचर, कला शिक्षक, विशेष शिक्षक, शिक्षाकर्मी, वरिष्ठ शिक्षाकर्मी, अति. वरिष्ठ शिक्षाकर्मी, पैराटीचर, महिला पैरा टीचर को प्रशिक्षण दिया जाएगा। 1 जुलाई 2017 के बाद के नव नियुक्त शिक्षकों को ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण में शामिल नहीं किया जाएगा, उन्हें बाद में इंडेक्शन प्रशिक्षण में शामिल किया जाएगा। 

इस साल 12वीं बोर्ड के दो विषयों में 6283 विद्यार्थी बढ़े, परिणाम लेट


अजमेर. 

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं कक्षा के कॉमर्स व विज्ञान विषयों की परीक्षाओं में गत वर्ष की तुलना में इस बार केवल 6 हजार 283 विद्यार्थी बढ़े हैं। बोर्ड ने गत वर्ष 15 मई को इन दोनों विषयों के परिणाम एक साथ घोषित कर दिए थे। इस बार बोर्ड अब तक परिणाम की तिथि तय नहीं कर पा रहा है। शनिवार को हुई बैठक में भी कोई निर्णय नहीं हुआ।

- बोर्ड की इन दोनों परीक्षाओं के 6 हजार 283 विद्यार्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं जंचने में ही संभवतया अधिक समय लगा है। माना जा रहा है कि इसके चलते ही परिणाम में विलंब हुआ है। हालांकि बोर्ड ने परिणाम में हुई देरी का अब तक कोई कारण नहीं बताया है।

12वीं की दोनों कक्षाओं में ये है स्थिति

- इस वर्ष बोर्ड की 12वीं विज्ञान और कॉमर्स की परीक्षाओं के लिए कुल 2 लाख 88 हजार 635 विद्यार्थी पंजीकृत किए गए। इनमें कॉमर्स के 42 हजार 665 विद्यार्थी हैं और विज्ञान वर्ग के 2 लाख 46 हजार 254 विद्यार्थी शामिल हैं। इसके विपरीत वर्ष 2017 की बोर्ड परीक्षा में 12वीं कॉमर्स व साइंस के लिए कुल 2 लाख 82 हजार 636 विद्यार्थी पंजीकृत किए गए थे। इनमें से कॉमर्स में 48 हजार 113 विद्यार्थी पंजीकृत किए थे। विज्ञान वर्ग में 2 लाख 34 हजार 523 विद्यार्थी पंजीकृत थे। दोनों परीक्षाओं में एक साल में कुल 6 हजार 283 विद्यार्थी ही अधिक हैं।

परिणाम समिति की हुई बैठक

- बोर्ड अध्यक्ष प्रोफेसर बी एल चौधरी की अध्यक्षता में शनिवार को परीक्षा परिणाम समिति की बैठक हुई । इस में 12 वीं कामर्स और साइंस के परिणाम की तैयारी को लेकर चर्चा हुई । बोर्ड सूत्रों के अनुसार अभी परिणाम में एकाध दिन लगेंगे । कुछ और तैयारी शेष है ।

शिक्षा विभाग में 301 हैडमास्टर इधर-उधर

 बीकानेर.

आखिरकार माध्यमिक शिक्षा विभाग में तबादलों की शुरूआत हो गई है। पहले चरण में 301 हैडमास्टरों के स्थानांतरण किए गए है।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक नथमल डिडेल ने इस संबंध में आदेश जारी किए है। इन्हें 28 मई तक नव पदस्थापन स्थान पर कार्य ग्रहण करना होगा। शिक्षा विभाग की ओर से जारी हैडमास्टर की तबादला सूची में 21 एचएम को इच्छा के बिना हटाकर उनकी जगह दूसरों को लगाया गया है। तीन को अगले महीने में रिक्त होने वाले पदों पर लगाया गया है। एचएम के बाद अब प्रिंसिपल और सैकंड ग्रेड शिक्षकों की तैयारियां है। इनके तबादलों के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से टीम पिछले कुछ दिनों से जयपुर कैम्प में ही है। बताया जा रहा है कि प्रिंसिपल की तबादला सूचियां भी तैयार हो गई है। एक-दो दिन में प्रिंसिपल के तबादला भी होंगे। उधर, शिक्षा विभाग की ओर से जारी तबादला सूची में 21 एचएम के वाइसवरसा स्थानांतरण किए गए है। इनमें प्रत्येक को सात हजार रुपए यात्रा भत्ता और 10 पीएल के रूप में योगकाल दिया गया है। एक दिन का वेतन यदि दो हजार रुपए भी माना जाए तो 21 एचएम की पीएल राशि 4.20 लाख और 1.47 लाख यात्रा भत्ते पर खर्च होंगे।

एचएम की सूची में थर्ड ग्रेड टीचर का नाम

एचएम की तबादला सूची के संबंध में संयुक्त निदेशक कार्मिक नूतन बाला कपिला में दो संशोधित आदेश जारी किए है। 18 मई की तिथि में जारी 301 एचएम के तबादला आदेश में दो त्रुटियां होने के कारण यह संशोधन किए है। तबादला सूची में 186 नंबर पर रूपकौर बोडा का नाम अंकित है। बोडा जालौर में थर्ड ग्रेड टीचर के पद पर कार्यरत है। बावजूद इसके एचएम की सूची में इस शिक्षिका का नाम शामिल कर जोधपुर स्थानांतरण कर दिया गया। गलती पकड़ में आने के बाद संबंधित शिक्षिका के तबादला आदेश प्रत्याहरित किए गए हैं। वहीं आदेश के अंतिम पैरा में अंकित आरवीएसआर शब्द के स्थान पर आरवीआरईएस पढ़े जाने का संशोधन जारी किया गया है।

Friday, 18 May 2018

शाला दर्पण न्यू इन्फ्रा unlock अपडेट

न्यू इन्फ्रा मॉड्यूल को unlock करने हेतु आज दि0  18/5/18  तक ईमेल करने वाले विद्यालयो का लॉक खोल दिया गया है।

ध्यान दे - न्यू इन्फ्रा मॉड्यूल को एक बार unlock करवाने के लिये rmsaccr@gmail.com पर एक बार ही मेल करे, इस सम्बन्ध मे दोबारा मेल उसी स्थिति मे किया जाये जब आपको दूसरी बार unlock करवाना हो। साथ ही पत्र मे स्कूल का UDISE कोड का उल्लेख अवश्य करें।

मॉड्यूल मे प्रत्येक जानकारी सावधानी से ओर सही सही भरे।

योगेश कुमावत
शाला दर्पण शिक्षा संकुल
जयपुर

महिला शिक्षकों को दो दिन बाद चला पता, भीलवाड़ा के स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल, सुवाणा का मामला

मोहित शर्मा/ जयपुर।

एक ओर तो सरकार महिला सुरक्षा की बात कर रही है, दूसरी ओर महिला शिक्षकों के आवासीय शिविरों में महिला सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। हाल ही भीलवाड़ा जिले के स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल, सुवाणा में चल रहे उदयपुर जिले के वरिष्ठ अध्यापकों के प्रशिक्षण शिविर में हंगामा हो गया। महिला शिक्षकों के आवासीय शिविर में कैमरे लगे हुए थे। महिलाएं इन कमरों में दो दिन तक ठहरी रही। बाद में पता चला की इन कैमरों में उनकी रिकार्डिंग हो रही है। महिला शिक्षकों ने इसका जमकर विरोध भी किया। उनका कहना था कि महिलाओं के कमरों में कैमरे लगाना गलत है। स्कूल प्रशासन को इन्हें दूसरे कैमरों में ठहराना चाहिए था। उन्होंने कहा कि यह उनकी निजता का हनन है। उन्होंने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ जांच की मांग की है।



राजस्थान माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से भुवाणा के मॉडल स्कूल में यह 10 दिवसीय चल रहा है। महिलाओं ने उनके कमरों में कैमरे लगे होने की बात पता चलने पर हंगामा किया और शुक्रवार को धरने पर बैठ गई। वहीं दूसरी ओर शिविर प्रभारी अशोक कुमार श्रोत्रिय ने बताया कि कमरों में कैमरे तो लगे हुए हैं, लेकिन रिकॉर्डिंग चालू नहीं है। शिक्षकों की संतुष्टि के लिए आज इन पर टेप रोल लगवा देंगे।



शिविर का करेंगे बहिष्कार
आवासीय शिविर में आए शिक्षकों ने बताया कि महिला सुरक्षा के नाम पर शिविर में कोई व्यवस्था नहीं थी। लैट बाथ में भी पानी की उचित व्यवस्था नहीं होने से उन्हें परेशानी हुई। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार की व्यवस्था रही तो वे इन शिविरों का बहिष्कार करेंगे।



टॉयलेट में पानी नहीं
महिला शिक्षिकाओं ने बताया कि टॉयलेट में भी पानी की उचित व्यवस्था नहीं है। जिसकी वजह से महिलाओं को दैनिक कार्यों में परेशानी हुई। नहाने के लिए भी पानी वॉसवेशन ले लेना पड़ा।



मालूम करती हूं
मैं अवकाश पर हूं। कैमरे तो लगे हैं पर उन्हें तो हमने ढंकवा दिया था। मालूम करती हूं क्या मामला है।
इंदिरा आर्य, संस्था प्रधान, स्वामी विवेकानंद राजकीय मॉडल स्कूल, सुवाणा



दोषियों के खिलाफ हो कार्रवाई
शिक्षकों को गृह जिले में ही गैर आवासीय शिविर कराएं जाएं। महिला शिक्षकों के लिए सुरक्षा की विशेष व्यवस्था होनी चाहिए। शिक्षकों को शिविर के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा है। भीलवाड़ा जिले में महिला शिक्षिकाओं के कमरों में जो कैमरे लगे हुए थे वह निंदनीय है, इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
शेर सिंह चौहान, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष, राजस्थान शिक्षक एवं पंचायती राज कर्मचारी संघ

BLO को लेना होगा 6 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण ... नही मिलेगी प्रशिक्षण से छूट 👉 शिक्षा विभाग का इस हेतु आज जारी आदेश


शिक्षा निदेशालय से पुष्टि के बाद ही मान्य होंगे तबादला आदेश 👇


शिक्षकों ने वेतन से ₹200000 एकत्रित कर आवासीय स्कूल में फर्नीचर में प्रोजेक्टर लगाएं सेवानिवृत्त अध्यापक ने बनवाया सरस्वती मंदिर 👇


शिक्षकों का निदेशालय पर अर्धनग्न प्रदर्शन ,आगामी रणनीति बनाई 👇


स्कूल शिक्षा में 14 हज़ार से अधिक पदोन्नतियां⤵


फर्जी स्थानांतरण लिस्ट बनाने वाले 3 शिक्षक निलंबित 👇


Monday, 14 May 2018

2 साल में भामाशाह व शिक्षकों के आर्थिक सहयोग से बदले स्कूल की तस्वीर, इस सरकारी स्कूल के हर क्लास रूम की दीवार बच्चों को देती है सीख 👇


खिलाड़ियों के लिए CBSE ने शुरू की बोर्ड परीक्षा 👇


अव्यवस्था और लापरवाही में 80 बच्चों की परीक्षा छूटी 👇


सी आई सी एस ई के दसवीं और बारहवीं के नतीजे आज 👇


सरकारी स्कूल ₹1200 वेतन पर रख सकेंगे सफाई कर्मी 👇


स्कूलों में श्रेष्ठ बोर्ड परीक्षा परिणाम के नाम पर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ ,तो कहां जाएं फेल होने वाले विद्यार्थी 👇


तबादला कैंप की वजह से अटकी पोस्टिंग जिला परिषद अजमेर 👇


अगले सप्ताह तय होगी 12वीं के रिजल्ट की तारीख, इस साल भी मेरिट जारी नहीं होगी

डूंगरपुर|

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं कक्षा के रिजल्ट जारी करने की तारीख अगले सप्ताह तक तय हो सकती है। इस साल भी बोर्ड मेरिट सूची जारी नहीं करेगा। इसे लेकर स्कूल सवाल उठा रहे हैं। बोर्ड ने 60 साल की परंपरा को यह कहते हुए बंद कर दिया था कि योग्यता सूची में स्थान बनाने के लिए स्कूल, शिक्षक व अभिभावक विद्यार्थियों पर दबाव बनाते हैं।इससे प्रतिभाशाली परीक्षार्थी अनावश्यक मानसिक तनाव में रहते हैं। हालांकि बोर्ड ने निर्णय लिया था कि प्रथम विद्यार्थी को स्वर्ण पदक, द्वितीय व तृतीय को रजत पदक दिया जाएगा। यह सूची नए सत्र से पहले जारी करनी थी, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी जारी नहीं किया। 

कई प्रतियोगी परीक्षाओं का पाठ्यक्रम वेबसाइट पर जारी किया

डूंगरपुर|

 राजस्थान लोक सेवा आयोग ने विभिन्न परीक्षाओं का पाठ्यक्रम वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।

उपसचिव दीप्ति शर्मा ने बताया कि आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रधानाध्यापक प्रतियोगी परीक्षा 2018 माध्यमिक शिक्षा विभाग, फिजियोथेरेपिस्ट (नॉन टीएसपी एवं टीएसपी) संवीक्षा परीक्षा 2018 तथा उपाचार्य, अधीक्षक, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान संवीक्षा परीक्षा 2018 तकनीकी शिक्षा विभाग का पाठ्यक्रम जारी कर दिया गया है। अभ्यर्थी www.rpsc.rajasthan.gov.in पर पाठ्यक्रम देख सकते हैं।

सीबीएसई की बड़ी पहल: अब परीक्षा केंद्र पर ही प्रिंट होगा प्रश्नपत्र

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में पेपर लीक होने की घटनाओं की रोकथाम के लिए पुख्ता इंतजाम कर रहा है। परीक्षा केंद्रों को प्रश्नपत्र बैंकों की बजाय ऑनलाइन उपलब्ध कराए जाएंगे। परीक्षा के एक घंटे पहले केंद्राधीक्षकों को वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) उपलब्ध कराया जाएगा और छात्रों के परीक्षा केंद्र में पहुंचने के बाद कुल संख्या के अनुसार प्रश्नपत्र के प्रिंटआउट निकाले जाएंगे। यह जानकारी केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने शुक्रवार को विशेष बातचीत में दी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नई व्यवस्था में छात्रों को हर हाल में परीक्षा शुरू होने के एक घंटे पहले सेंटर पर पहुंचना होगा। सीबीएसई की प्रतिष्ठा व साख पर किसी तरह की आंच नहीं आए इसलिए प्रश्नपत्र वायरल होने की घटना रोकने के कारगर उपाय किए जा रहे हैं।

मंत्री ने बताया कि ऑनलाइन प्रश्नपत्र का खाका तैयार कर लिया गया है। इसे जल्द ही अमल में लाया जाएगा।

राजस्थान सरकार ने बेरोजगारों को ठगा, प्रदेश में करोड़ों का खेल शिक्षित व प्रशिक्षक युवा न्याय के लिए भटकने को मजबूर

राजसमंद/आईडाणा.

विद्यालय सहायक भर्ती के नाम से सरकार ने बेरोजगारों की जेब ढीली कर अपना खजाना तो भर लिया। लेकिन, विज्ञप्ति निकालने के दो वर्ष 9 माह बाद भी भर्ती पूरी नही हुई। ऐसे में अभ्यर्थी चिंतित हैं कि कहीं इस भर्ती का हश्र भी शिक्षा सहायक भर्ती के जैसा नही हो जाए। राज्य सरकार ने प्रारम्भिक शिक्षा विभाग में 33493 विद्यालय सहायक के पदों पर सीधी भर्ती के लिए 8 अगस्त 2015 को विज्ञप्ति जारी कर जिला केडर के अनुसार निर्धारित ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। इसमें 30522 पद नॉन टीएसपी एवं 2971 पद टीएसपी के लिए थे। भर्ती के लिए योग्यता सीनियर सैकण्डरी या समतुल्य परीक्षा उतीर्ण होना आवश्यक थी। विद्यालय सहायक भर्ती की आवेदन प्रक्रिया में 275 रुपए सामान्य वर्ग, 175 रुपए आरक्षित वर्ग एवं 75 रुपए निशक्तजन तथा बारां जिले की सहरिया जनजाति के आवेदन मेंं परीक्षा शुल्क वसूला गया था। भर्ती जिला स्तर पर होने से कई अभ्यर्थियों द्वारा 33 ही जिलों में आवेदन किया गया। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों द्वारा 33 जिलों में आवेदन करने पर करीब दस हजार रुपए का भुगतान करना पड़ा। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियोंं द्वारा 33 जिलों में आवेदन करने पर सात हजार रुपए का भुगतान करना पड़ा। भर्ती में विद्यार्थी मित्र सहित अन्य सरकारी परियोजनाओं में लगे संविदा कार्मिकों को बोनस अंकों का लाभ मिलने वाला था।

नहीं लौटाया शुल्क

प्रमुख शासन सचिव पवन कुमार गोयल ने मार्च 2015 में प्रारम्भिक शिक्षा विभाग को आदेश दिया कि शिक्षा सहायक भर्ती 2013 के नियम में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए अपरिहार्य कारणों से शिक्षा सहायक भर्ती 2013 को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर आवंटित  पदों को प्रत्याहारित कर दिया। इसकी पालना में प्रारम्भिक शिक्षा विभाग बीकानेर ने 6 अप्रेल 2015 को आदेश जारी कर उपनिदेशक एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को शिक्षा सहायक भर्ती को निरस्त करने की सूचना दी। राज्य सरकार ने इसके स्थान पर प्रारम्भिक शिक्षा विभाग में 33493 विद्यालय सहायक के पदों पर सीधी भर्ती के लिए 8 अगस्त 2015 को विज्ञप्ति जारी कर जिला केडर के अनुसार निर्धारित ऑनलाइन आवेदन पत्र मांगे है। इस भर्ती में शिक्षा सहायक भर्ती के आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों से शुल्क नहीं लिया गया। लेकिन, भर्ती में अनुभव की शर्त के कारण वे अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पाए, जिन्होंने बिना अनुभव के भी शिक्षा सहायक भर्ती के लिए आवेदन किया था। वहीं अन्य भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों ने भी आवेदन नहीं किया था। ऐसे अभ्यर्थियों को विभाग की ओर से शुल्क नहीं लौटाया गया।

जिला कैडर की भर्ती में आवेदन अधिक

जिला केडर की सीधी भर्ती परीक्षा में आवेदन करने वालो की संख्या अधिक होती है। अभ्यर्थी अधिक सीटों के लालच एवं एक जिले की वरीयता सूची में नहीं आने के डर से एक से अधिक जिलों में आवेदन किया, जिससे सरकार को आवेदन शुल्क के नाम पर मोटी रकम मिली। जिला केडर की पटवारी एवं सचिव की सीधी भर्ती प्रतियोगिताओं में भी अभ्यर्थी अलग-अलग जिलो में आवेदन करते हैं एवं बाद में अभ्यर्थियों की संख्या एवं पदों के अनुसार परीक्षा के लिए जिले का विकल्प चयन करते हैं।

समायोजन के लिए निकाली थी भर्ती

राजकीय विद्यालयों में लम्बे समय तक संविदा पर सेवा देने वाले विद्यार्थी मित्रों को स्थायी करने के लिए सरकार ने पूर्व में मई 2013 में शिक्षा सहायक भर्ती निकाली। बोनस अंको पर कोर्ट के निर्णय को लेकर उक्त भर्ती को मार्च 2015 में निरस्त कर दिया।

उदयपुर में सात ब्लॉक के विशेष बच्चों की पढ़ाई के साथ हो रहा ऐसा खिलवाड़, सातों ब्लॉक में एक भी विशेष शिक्षक नहीं ये वो विशेष बच्चे हैं, जो सामान्य बच्चों से अलग हैं।

उदयपुर .

 ये वो विशेष बच्चे हैं, जो सामान्य बच्चों से अलग हैं। उन्हें मुख्यधारा में जोडऩे के लिए प्रत्येक ब्लॉक में संदर्भ कक्ष खोले जा रहे हैं, लेकिन ये कक्ष या सामग्री किस काम की जब इस सामग्री का उपयोग करवाने वाला कोई नहीं? कारण साफ है कि जिले में ऋषभदेव, लसाडिय़ा, कुराबड़, झल्लारा, सेमारी, फलासिया और सायरा में एक भी संदर्भ शिक्षक नहीं होने से जिले के करीब एक हजार से अधिक विशेष बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। विशेष आवश्यकता वाले इन बच्चों के लिए सरकार ने जिले के दस ब्लॉक में संदर्भ शिक्षक लगा रखे हैं, लेकिन ये सात ब्लॉक सौतेले हैं।

इन केन्द्रों के लिए 20 लाख की सामग्री

इन सात केन्द्रों पर संदर्भ कक्ष स्थापित करने के लिए 20 लाख रुपए का सामान खरीदा गया है, लेकिन ये सामग्री फिलहाल या तो ब्लॉक के बड़े स्कूल में या किसी कार्यालय में रखवाई गई है। सर्व शिक्षा अभियान ने प्रत्येक संदर्भ केन्द्र के लिए 33-33 प्रकार की सामग्री खरीद कर इसे ब्लॉक पर भेज दिया है। लाखों के इस सामान का उपयोग केवल इसलिए नहीं हो पा रहा है क्योंकि इन बच्चों को पढ़ाने वाला कोई नहीं।


तीन केन्द्रों पर द्वितीय श्रेणी शिक्षक

आइइडी सेल के जिला प्रभारी नेतराम कुमावत ने बताया कि जिले के गिर्वा, बड़ी व मावली में विशेष प्रशिक्षित तीन शिक्षक द्वितीय श्रेणी के हैं, जबकि सात ब्लॉक में तृतीय श्रेणी के शिक्षक कार्यरत है। वर्तमान में जिले में कुल 4705 विद्यार्थी विशेष आवश्यकता वाले हैं।

केवल चार बच्चे पढ़ रहे हैं यहां...

सर्व शिक्षा अभियान व राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान को मर्ज करने के बाद डाइट से संदर्भ कक्ष को फतह स्कूल में ले जाया गया है। फिलहाल यहां संदर्भ कक्ष तो हैं, लेकिन यहां केवल चार बच्चे पढ़ रहे हैं। यहां शिक्षिका दीपिकासिंह चंदेल बच्चों को पढ़ाती है। हालांकि इस कक्ष में भी सामग्री वर्षों पुरानी है। चंदेल का कहना है कि पुरानी सामग्री के इस्तेमाल में कुछ परेशनी हो रही है, लेकिन नए सामान के लिए लिख कर दे दिया है। मुख्यालय के संदर्भ कक्ष तक केवल चार बच्चे पहुंच रहे हैं तो ब्लॉक स्तर के संदर्भ कक्षों के हाल खुद ब खुद बयां हो जाते हैं।


नए संदर्भ कक्ष खोले जा रहे हैं। सभी सात ब्लॉक के लिए सामग्री भेज दी गई है। शिक्षकों को जल्द लगाने की तैयारी हो रही है। जैसे ही शिक्षक आ जाएंगे इन विशेष बच्चों की पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी।
मुरलीधर चौबीसा, अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक, सर्व शिक्षा अभियान, उदयपुर

उदयपुर में सात ब्लॉक के विशेष बच्चों की पढ़ाई के साथ हो रहा ऐसा खिलवाड़, सातों ब्लॉक में एक भी विशेष शिक्षक नहीं ये वो विशेष बच्चे हैं, जो सामान्य बच्चों से अलग हैं।

उदयपुर .

मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय में विभिन्न शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। इस बीच विवि की ओर से गत नौ मई को एक बार फिर नियमावली जारी की गई। इससे साफ जाहिर है कि भर्ती प्रक्रिया अभी तक नियमों के भंवर में है। विश्वविद्यालय के तर्क से यह भी स्पष्ट नहीं हो रहा है कि प्रक्रिया के बीच में नियमावली जारी करने का कारण क्या है?

सुगबुगाहट है कि विवि के कुछ अधिकारी जिन्हें उपकृत करना चाहते हैं,वे इन नियमों में फंस रहे हैं। ऐसे में जैसे-तैसे गलियां निकालने का प्रयास किया जा रहा है। नियमावली को लेकर अधिकारी तर्क दे रहे हैं कि जहां कहीं उलझन या भ्रम होता है तो नियमों को स्पष्ट करना जरूरी है। हालांकि इसमें से एक नियम पर अभी तक विवि स्पष्ट नहीं है। ऐसे में विवि ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से मार्गदर्शन मांगा है।

इसमें भी निकाली गली

यूजीसी ने वर्ष 2009 में जारी अपने मूल नियम में 6 जुलाई, 2015 को कोई भी विश्वविद्यालय अपने एम्प्लॉय शिक्षक से यदि पीएचडी या एमफिल करवाता है तो वह एमफिल या पीएचडी किया व्यक्ति मान्य होगा। जबकि यदि कोई विवि बाहर के या अन्य किसी शिक्षक के माध्यम से पीएचडी करवाता है तो वह एमफिल या पीएचडी किया अभ्यर्थी शैक्षणिक पदों के लिए पात्र नहीं होगा। जबकि सुखाडिय़ा विवि ने भर्ती नियमों में गली निकालते हुए हाल में जारी नई नियमावली में स्पष्ट किया कि वर्ष 2015 से पहले के जो भी अभ्यर्थी हैं, उन्होंने कहीं से भी पीएचडी व एमफिल किया है तो वे पद के लिए पात्र होंगे।

इसमें अस्पष्टता, मांगा मार्गदर्शन

यूजीसी के नियमानुसार एसोसिएट प्रोफेसर के लिए आठ वर्ष का असिस्टेंट प्रोफेसर पद या समकक्ष शैक्षणिक नियमित अनुभव जरूरी है। इसमें विवि ने यूजीसी से मार्गदर्शन मांगा है कि आठ वर्ष के अनुभव वाले बिन्दु को स्पष्ट किया जाए। यह अनुभव यदि टुकड़ों में पूरा किया गया हो तो उसे लिया जा सकता है या नहीं? जबकि यूजीसी ने इसे नियमित लिखा है।

सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय: भर्ती के भंवरजाल में नियमों की गलियां, एसोसिएट प्रोफेसर पद पर आठ वर्ष के अनुभव पर मांगा यूजीसी से मागदर्शन मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय में विभिन्न शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है।

उदयपुर .

मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय में विभिन्न शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। इस बीच विवि की ओर से गत नौ मई को एक बार फिर नियमावली जारी की गई। इससे साफ जाहिर है कि भर्ती प्रक्रिया अभी तक नियमों के भंवर में है। विश्वविद्यालय के तर्क से यह भी स्पष्ट नहीं हो रहा है कि प्रक्रिया के बीच में नियमावली जारी करने का कारण क्या है?

सुगबुगाहट है कि विवि के कुछ अधिकारी जिन्हें उपकृत करना चाहते हैं,वे इन नियमों में फंस रहे हैं। ऐसे में जैसे-तैसे गलियां निकालने का प्रयास किया जा रहा है। नियमावली को लेकर अधिकारी तर्क दे रहे हैं कि जहां कहीं उलझन या भ्रम होता है तो नियमों को स्पष्ट करना जरूरी है। हालांकि इसमें से एक नियम पर अभी तक विवि स्पष्ट नहीं है। ऐसे में विवि ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से मार्गदर्शन मांगा है।

इसमें भी निकाली गली

यूजीसी ने वर्ष 2009 में जारी अपने मूल नियम में 6 जुलाई, 2015 को कोई भी विश्वविद्यालय अपने एम्प्लॉय शिक्षक से यदि पीएचडी या एमफिल करवाता है तो वह एमफिल या पीएचडी किया व्यक्ति मान्य होगा। जबकि यदि कोई विवि बाहर के या अन्य किसी शिक्षक के माध्यम से पीएचडी करवाता है तो वह एमफिल या पीएचडी किया अभ्यर्थी शैक्षणिक पदों के लिए पात्र नहीं होगा। जबकि सुखाडिय़ा विवि ने भर्ती नियमों में गली निकालते हुए हाल में जारी नई नियमावली में स्पष्ट किया कि वर्ष 2015 से पहले के जो भी अभ्यर्थी हैं, उन्होंने कहीं से भी पीएचडी व एमफिल किया है तो वे पद के लिए पात्र होंगे।

इसमें अस्पष्टता, मांगा मार्गदर्शन

यूजीसी के नियमानुसार एसोसिएट प्रोफेसर के लिए आठ वर्ष का असिस्टेंट प्रोफेसर पद या समकक्ष शैक्षणिक नियमित अनुभव जरूरी है। इसमें विवि ने यूजीसी से मार्गदर्शन मांगा है कि आठ वर्ष के अनुभव वाले बिन्दु को स्पष्ट किया जाए। यह अनुभव यदि टुकड़ों में पूरा किया गया हो तो उसे लिया जा सकता है या नहीं? जबकि यूजीसी ने इसे नियमित लिखा है।

PTET 2018 : पीटीइटी छात्रों के लिए काम की खबर, यहां से देख सकते हैं परीक्षा की उत्तर कुंजी!

जयपुर।

महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर की ओर से रविवार को PTET परीक्षा का आयोजन हुआ। पीटीइटी के अलावा चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीए/बीएससी बीएड प्रवेश परीक्षा का भी रविवार को आयोजन हुआ। परीक्षा के दौरान बहुत सख्ती देखी गई। हर परीक्षा केन्द्र पर दो पुलिसकर्मी तैनात रहे।

परीक्षा में सख्ती छात्रों के साथ-साथ कर्मचारी/अधिकारीयों पर भी लागू हुई। परीक्षा केंद्र पर परीक्षा के दौरान कोई भी कर्मचारी और अधिकारी मोबाइल नहीं ला सके। परीक्षा 2 से 5 बजे तक चली। पीटीइटी परीक्षा के लिए पूरे राज्य में 734 और बीए एवं बीएससी बीएड परीक्षा के लिए 125 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। साथ ही दो लाख 80 हजार 532 अभ्यर्थियों ने दो वर्षीय बीएड और 63 हजार 401 अभ्यर्थियों ने चार वर्षीय इन्टीग्रेटेड बी.ए. बी.एड./बी.एससी. बी.एड के लिए आवेदन किए हैं।

राजस्थान प्री टीचर प्रवेश परीक्षा पीटीईटी की उत्तर कुंजी आधिकारिक वेबसाइट पर जल्द ही अपलोड कर दी जाएगी। इस तरीके से आप Rajasthan PTET Answer Key 2018 डाउनलोड कर सकते हैं।

STEP 1: सबसे पहले महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (MSDSU) की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग ऑन करें। इस वेबसाइट पर क्लिक कर http://www.mdsuajmer.ac.in/ यहां PTET 2018 पर क्लिक करने पर पेज खुल जाएगा।

STEP 2: राजस्थान पीटीईटी उत्तर कुंजी 2018 सेलेक्ट करें और अपना पेपर का कोड A B C D डाले।

STEP 3: यहां आपके पेपर के कोड के अनुसार उत्तर कुंजी आ जाएगी।

जल्द ही राजस्थान प्री टीचर प्रवेश परीक्षा पीटीईटी की उत्तर कुंजी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी।

प्रारम्भिक शिक्षकों को तबादला सूची का इंतजार लेकिन अब हुआ ये फैसला शिक्षकों के तबादलों के लिए जयपुर गए जिला शिक्षा अधिकारी बिना तबादला सूचियों के खाली हाथ लौट रहे हैं

बीकानेर .

प्रारंभिक शिक्षा में शिक्षकों के तबादलों के लिए जयपुर गए जिला शिक्षा अधिकारी बिना तबादला सूचियों के खाली हाथ लौट रहे हैं। पहले शिक्षा राज्य मंत्री कार्यालय ने राज्य के सभी प्रारंभिक शिक्षा के जिला शिक्षा अधिकारियों को संस्थापन सूचना के साथ जयपुर बुला लिया था। अधिकारी पिछले दिनों से तृतीय श्रेणी शिक्षकों की तबादला सूचियों पर माथापच्ची कर रहे थे कभी मंत्री की सूचियों को तो कभी मुख्यमंत्री की अभिशंषा से आने वाले नामों पर लिस्ट बन बिगड़ रही थी।

सूत्रों का कहना है कि मामला तृतीय श्रेणी अध्यापकों के अंतरजिला तबादलों को लेकर उलझ गया। इस बार सरकार की ओर से अंतर जिला तबादलों की छूट देकर वर्षो से गृह जिलों में आने का इंतजार कर रहे शिक्षकों का जनप्रतिनिधियों पर भारी दवाब बना दिया। मंत्री व विधायक हर हाल में उनके द्वारा की गई सिफारिशों की पालना करने का दवाब बना रहे थे।

शिक्षकों का मानना है कि इस बार वे अपने गृह जिले में नही आ सके तो फिर पता नहीं कब मौका मिले। जनप्रतिनिधि भी जानते है कि चुनावी वर्ष होने के कारण अगर वे अपने लोगों को इच्छित स्थानों पर नहीं ला सके तो उनके लिए चुनावी वैतरणी पार करना मुश्किल होगा। ऐसे में शिक्षा राज्य मंत्री के लिए सभी जनप्रतिनिधियों की सिफारिशों को मानना संभव नहीं हो पा रहा था।

 मामला उलझता देख मंत्री कार्यालय ने शिक्षा अधिकारियों को अपने संस्थापन रिकार्ड को समेट कर अपने-अपने जिलों के लिए प्रस्थान करने के निर्देश दे दिए। अधिकारियों को बताया ये गया है कि पहले माध्यमिक शिक्षा के तबादले किए जाएंगे, उसके बाद प्रारंभिक शिक्षा के तबादले किए जाएंगे। प्रारंभिक शिक्षा के जिला शिक्षा अधिकारी बैरंग अपने-अपने जिलों के लिए रवाना हो गए है।

माशि के उप निदेशक को जयपुर बुलाया

सूत्रों ने बताया कि रविवार या सोमवार को माध्यमिक शिक्षा के सभी उपनिदेशको को जयपुर बुलाया जा सकता है। सेकेंड ग्रेड शिक्षकों के स्वीकृत पदों व रिक्त पदों की जानकारी उपनिदेशकों से पहले ही मंत्री कार्यालय ने मंगवा ली है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारियों को भी तबादलों के लिए बुलाया जा रहा है ऐसी संभावना है कि 15 मई के बाद कभी भी तबादलों की पहली सूची आ सकती है।

Sunday, 13 May 2018

PTI भर्ती 2013 का मामला 👇🏼


आवासीय केम्पो का विरोध ,CM को सौप ज्ञापन⤵


थर्ड ग्रेड शिक्षको का तबादला कैम्प खत्म,सूचियों के लिए अभी इंतजार⤵⤵


संस्कृत सेवा नियमो में बदलाव के विरोध में उतरे कांग्रेस के दो पूर्व मंत्री⤵⤵


आनन फानन में निकाली भर्तियां,नही रखा नियमो का ध्यान⤵⤵


प्रवेशोत्सव के ढोलों के बीच भी एक स्कूल में औसत दो बच्चों का भी नहीं हुआ नामांकन जिले में कुल 1150 स्कूल, नामांकन 2012 प्रारम्भिक शिक्षा के स्कूलों का हाल

प्रतापगढ़.

जिले में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रवेशोत्सव के ढोल बजाने, रैली निकालने सहित कईप्रयासों के बाद भी बच्चों के नामांकन का आंकड़ा बहुत ही कम रहा है। पहले चरण के प्रवेशोत्सव के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में प्रति विद्यालय औसत दो बच्चों का भी प्रवेश नहीं हो पाया है। सर्व शिक्षा अभियान के अनुसार जिले में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक के कुल 1150 विद्यालय हैं, इनमें 2012 बच्चों का नामांकन पहले चरण के प्रवेशोत्सव के तहत किया गया है।

ब्लॉक अनुसार इस प्रकार बच्चों का स्कूलों में नामांकन

ब्लॉक-नामांकित बच्चों की संख्या
प्रतापगढ़-200
धरियावद-287
पीपलखूंट-614
अरनोद-290
छोटीसादड़ी-621
कुल 2012

छोटीसादड़ी में सबसे अधिक नामांकन

जिला मुख्यालय होने के बाद भी प्रतापगढ़ ब्लॉक में नामांकन की संख्या सबसे कम रही है। यहां मात्र 200 बच्चों को ही प्रवेश दिलाया जा सका है।वहीं सबसे अधिक छोटीसादड़ी ब्लॉक में 621 बच्चों को नवप्रवेश हुआ है।

पहला चरण पूरा, दूसरा चलेगा जून में

स्कूलों में बच्चों के नामांकन को लेकर प्रवेशोत्सव दो चरणों में चलाया जा रहा है। इनमें पहला चरण 26 अप्रेल से 9 मईतक चला है। वहीं दूसरा प्रवेशोत्सव 19 जून से 30 जून तक चलेगा।

बोर्डपरीक्षा के बाद प्रवेश की नीति फेल

इस बार माध्यमिक शिक्षा बोर्डने आठवीं व दसवीं बोर्ड की परीक्षा के तुरंत बाद बच्चे को अस्थाई प्रवेश की नीति बनाई। ताकि बच्चा स्कूल से वंचित नहीं रहे। लेकिन बोर्डपरीक्षा के तुरंत बाद बच्चे छुट्टियां बनाने निकल गए। और स्कूलों में अस्थाई प्रवेश में कोईरुचि नहीं दिखाई।यही कारण है कि माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के स्कूलों में पहले प्रवेशोत्सव के तहत मात्र 1031 बच्चों का प्रवेश हुआ है।

स्थिति गंभीर, अगले चरण में करेंगे और प्रयास

-प्रवेशोत्सव के पहले चरण में 2012 बच्चों का नामांकन हुआ है। हालांकि यह नामांकन जिले के स्कूलों की संख्या के अनुपात में कम ही है। दूसरे चरण में अधिक से अधिक बच्चों को प्रवेश दिलाया जाएगा।
-डीएस सुथार, एडीपीसी,सर्व शिक्षा अभियान, प्रतापगढ़

पीटीईटी परीक्षा आज, तैयारियां पूरी

प्रतापगढ़.
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महर्षिदयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित पीटीईटी व चार वर्षीय बीए/बीएससी बीएड परीक्षा 13 मई को आयोजित की जाएगी। इसकी पूरी तैयारियां कर ली गई हैं।नकल रोकने के लिए उडऩदस्ते बनाए गए हैं। जिला परिषद सीईओ को परीक्षा का नोडल अधिकारी बनाया गया है। 
इस प्रकार होगी पीटीईटी परीक्षा
-07 सेंटर बनाए हैं जिला मुख्यालय पर 
-2895 परीक्षार्थीदेंगे परीक्षा
-दोपहर दो से 5 बजे तक होगी परीक्षा
..............
चार वर्षीय बीए/बीएससी बीएड परीक्षा 
-02 परीक्षा सेंटर बनाए है जिला मुख्यालय पर
-785 परीक्षार्थीदेंगे परीक्षा 
-परीक्षा दोपहर दो से पांच बजे तक होगी आयोजित

रहेंगी दो फ्लाइंग

परीक्षाओं की पूरी तैयारी कर ली है। दो फ्लाइंग बनाईहै। मोबाइल पर प्रवेश वर्जित है। परीक्षार्थी प्रवेश पत्र के साथ अपना आईडी प्रूव जरुर लेकर आए।
-डॉ. शांतिलाल शर्मा, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक)

पदोन्नत सैकंड ग्रेड टीचर्स को पोस्टिंग जल्द मिलेगी

डूंगरपुर|

 माध्यमिक शिक्षा विभाग में वर्ष थर्ड ग्रेड से सैकंड ग्रेड पदों पर पदोन्नत हुए शिक्षकों को पोस्टिंग की तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंडलवार पदोन्नत 6731 शिक्षकों को काउंसलिंग के जरिए रिक्त पदों पर पदस्थापन दिया जाएगा। शिक्षा (ग्रुप-दो) विभाग के शासन उपसचिव ने इस संबंध में निदेशक माध्यमिक क को निर्देश जारी किए है। वर्ष 2018-19 की डीपीसी में प्रमोट हुए शिक्षकों को पोस्टिंग केलिए 15 से 25 मई तक काउंसलिंग कैंप आयोजित किए जाएंगे। 

आरटीयू के बैक पेपर की परीक्षा में परीक्षार्थियों को थमाया दूसरा पेपर, पेपर देखकर उड़ गए होश आरटीयू ने भेजे थे दो तरह के पेपर, एक संस्थान ने तय कोर्स से अलग पेपर दे दिया।

उदयपुर .

राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय(आरटीयू ), कोटा के वर्ष 2013 और वर्ष 2015 के बैक पेपर वाले विद्यार्थियों को शुक्रवार को हुई परीक्षा के दौरान उदयपुर में एक संस्थान ने तय कोर्स से अलग पेपर दे दिया। परीक्षार्थियों की आपत्ति के बावजूद विवि से कोई चर्चा करने के बजाय उन्हें वही पेपर हल करने को कहा गया।

अरावली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नीकल स्टडीज में एक अन्य कॉलेज के परीक्षार्थियों का परीक्षा केन्द्र था। सुबह 10.30 से 1.30 बजे तक फ्लूड मैकेनिक (द्वितीय वर्ष-चौथा सेमेस्टर) का पेपर था, जबकि इन्हें तय पाठ्यक्रम के बजाय दूसरा पेपर दे दिया गया। ऐसे में जब परीक्षार्थियों ने आपत्ति जताई तो उन्हें यह कहकर बिठा दिया गया कि जो पेपर है, वही करना होगा। ऐसे में परीक्षार्थियों को मजबूरन वही पेपर लेकर बैठे रहना पड़ा। केन्द्र पर करीब 30 विद्यार्थी परीक्षा दे रहे थे।

अन्य कॉलेजों ने बदल दिए थे पेपर

अन्य परीक्षा केन्द्रों पर जब परीक्षार्थियों ने आपत्ति दर्ज करवाई थी तो पेपर बदल दिया गया था। ऐसे में उन्हें परीक्षा देने में कोई परेशानी नहीं हुई।

हमने यहां से दो पेपर भेजे थे। कॉलेजों को इसकी जानकारी भी भेज दी थी। वर्ष 2013 में जो स्कीम बदली थी, उसके आधार पर दो अलग -अलग पेपर थे। यदि किसी कॉलेज में ऐसा हुआ है, तो पता करते हैं, अभी तक इसकी जानकारी नहीं मिली है।
एके द्विवेदी, परीक्षा नियंत्रक, आरटीयू कोटा


हां, आज जानकारी मिली है कि परीक्षा में कुछ परेशानी आई थी। कल पूरा पता कर ही कुछ कहा जा सकता है।
ज्ञानसिंह सुरावत, प्रशासक, अरावली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नीकल स्टडीज

शिक्षक भर्ती : महिला वर्ग में प्रथम स्थान, मंडल आवंटित नहीं करने पर कोर्ट ने मांगा जवाब

शाहपुरा 

सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती 2016 के विज्ञान विषय से महिला वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त करने के बावजूद मेरिट के अनुसार मंडल आवंटित नहीं करने के मामले से जुड़ी याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनवाई कर माध्यमिक शिक्षा विभाग के शासन सचिव एवं निदेशक को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है। 

जिला निवासी संगीता कुमारी की ओर से दायर याचिका में एडवोकेट ने बताया कि प्रार्थिनी ने आरपीएससी की ओर से निकाली गई सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती 2016 में विज्ञान में ओबीसी महिला वर्ग में आवेदन किया था। भर्ती परीक्षा के परिणाम में प्रार्थिनी ने महिला वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त कर सामान्य वर्ग में चयन हो गया। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने चयनित अभ्यर्थियों से मंडल आवंटित करने के लिए विकल्प पत्र मांगे गए। इसमें प्रार्थिनी ने चुरू, जयपुर एवं बीकानेर मंडल की सर्वोच्च प्राथमिकता भरी थी लेकिन विभाग ने प्रार्थिनी की मेरिट एवं विकल्प पत्र में दी गई प्राथमिकता को नजर अंदाज कर उसे नियुक्ति के लिए उदयपुर मंडल आवंटित कर दिया। इससे कम मेरिट वाली महिला अभ्यर्थियों को जयपुर मंडल दे दिया। 

याचिका में बताया कि विभाग को मेरिट एवं विकल्प पत्र में दी गई वरीयता के अनुसार मंडल आवंटित करना चाहिए था लेकिन विभाग ने मनमाने तरीके से मंडल आवंटित किए। न्यायाधीश वीएस सिराधना ने शिक्षा विभाग को इस मामले में दो सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने के आदेश दिए। 

8वीं की किताब में बाल गंगाधर तिलक को बताया ‘आतंकवाद का जनक’

जयपुर. 

राजस्थान में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त अंग्रेजी माध्यम के निजी विद्यालयों में आठवीं कक्षा की किताब में बाल गंगाधर तिलक को ‘आतंकवाद का जनक’ बताया जा रहा है। किताब की पेज संख्या 267 पर 22वें अध्याय में तिलक के बारे में लिखा गया है कि उन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन का रास्ता दिखाया था, इसलिए उन्हें ‘आतंकवाद का जनक’ कहा जाता है।

आठवीं तक की किताबों की जिम्मेदारी एसआईईआरटी की

- प्रदेश में कक्षा एक से आठ तक का पाठ्यक्रम एसआईईआरटी तैयार करता है। सैकंडरी से सीनियर सैकंडरी स्तर तक का कक्षा 9 से 12 तक के पाठ्यक्रम का निर्धारण राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के जिम्मे है। इन किताबों का प्रकाशन राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल करवाता है।

पद्मावती मामले में भी विवाद सामने आ चुके हैं

राजस्थान में पिछले 15 साल में ऐसे 4 मौके पहले भी आ चुके हैं जब राज्य का स्कूली पाठ्यक्रम बदल दिया गया है। हालत यह है कि देश में सर्वाधिक प्रतिष्ठित और सर्वमान्य माने जाने वाले एनसीआरटी के पाठ्यक्रम पर छपी किताबों को भी सरकार बदलने के साथ ही बदल दिया गया। राजस्थान बोर्ड की प्रकाशित किताबों में बहुचर्चित पद्मावती प्रकरण से संबंधित विषयवस्तु को लेकर भी विवाद सामने आ चुके हैं।

शिक्षा विभाग ने दी छूट, अब इन अध्यापकों को नहीं लेना पड़ेगा प्रशिक्षण उन वरिष्ठ शिक्षकों को अब प्रशिक्षण नहीं लेना पड़ेगा जो पहले प्रशिक्षण ले चुके है।

बीकानेर .

उन वरिष्ठ शिक्षकों को अब प्रशिक्षण नहीं लेना पड़ेगा जो पहले प्रशिक्षण ले चुके है। वर्ष 2015 के बाद प्रशिक्षित इन शिक्षकों के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सभी जिला परियोजना समन्वयकों को छूट देने के आदेश दे दिए है।

परिषद के अतिरिक्त राज्य परियोजना निदेशक सुरेश चंद्र ने आदेश में कहा कि प्रशिक्षणार्थियों की सूची में शामिल ऐसे शिक्षकों को पिछले 2 सालों में प्रशिक्षण प्राप्त करने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। जिसके आधार पर जिला परियोजना समन्वयक छूट देंगे।

पत्रिका ने उठाया था मामला

पत्रिका ने अपने 11 मई के अंक में 'सूची में डाले प्रशिक्षण ले चुके शिक्षकों के नामÓ शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर विभागीय भूल का मामला उठाया था। इसके बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद हरकत में आया और शिक्षकों
को पुन: प्रशिक्षण नहीं लेने की छूट दे दी।

  गलती करने वालों को नोटिस परिषद ने ऐसे शिक्षकों के स्थान पर अब तक प्रशिक्षण नहीं लेने वालो शिक्षकों को शामिल करने के निर्देश भी दिए है। साथ ही उन संस्था प्रधानों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए कहा है जिन्होंने प्रशिक्षार्थियों की सूची में पूर्व में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके शिक्षकों के नाम दर्ज कर दिए थे।

सेवानिवृत्ति वालों को भी छूट

प्रशिक्षण ने उन वरिष्ठ शिक्षकों को भी छूट दी है जिनके सेवानिवृत्त होने में केवल एक साल का समय शेष है। साथ ही गंभीर बीमारी से पीडि़त, गर्भवती शिक्षिका, जिस शिक्षिका के छह माह तक के बच्चे है, उन्हें भी प्रशिक्षण से छूट मिल सकती है। साथ ही 3 साल तक के बच्चों वाली शिक्षिकाओं को आवास में रहने की बाध्यता से अलग रखा गया है।

Saturday, 12 May 2018

हाईकोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों में फीस निर्धारण एक्ट के क्रियान्वयन पर लगाई अंतरिम रोक

राजसमंद |

राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास और रामचंद्रसिंह झाला की खंडपीठ ने बुधवार को विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई की। खंडपीठ ने शिक्षा सचिव को निर्देश दिए कि जब तक निजी स्कूलों की फीस निर्धारण के लिए बनाए गए एक्ट पर सुनवाई चल रही है, तब तक इस संबंध में एक्ट को क्रियान्वयन नहीं कर प्रदेश के किसी भी निजी स्कूल के खिलाफ कार्रवाई नहीं करें। राजसमंद के लक्ष्मीपत सिंहानिया स्कूल, मयूर पब्लिक स्कूल, गांधी सेवा सदन स्कूल, ऑरेंज काउंटी स्कूल, श्रीजी पब्लिक स्कूल, क्रिएटिव ब्रेन एकेडमी, सुभाष पब्लिक स्कूल, प्रगति स्कूल एमडी सहित 8 निजी स्कूलों और जोधपुर के सेंटपॉल स्कूल की ओर से पेश याचिका पर यह निर्णय हुआ। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मनीष सिसोदिया ने राज्य सरकार की ओर से 2013 में फीस निर्धारण के लिए बनाए एक्ट को खत्म कर वर्ष 2016 में लागू किए गए नए एक्ट के खिलाफ याचिका दायर की। नए एक्ट के अनुसार निजी स्कूलों में फीस निर्धारण के लिए टीचर और अभिभावकों की कमेटी बनाई जानी थी। कमेटी ही फीस का निर्धारण कर राज्य सरकार से अप्रूवल लेगी। सिसोदिया ने तर्क दिया कि फीस निर्धारण से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। सरकार इन स्कूलों को किसी तरह का अनुदान ही नहीं देती है। केवल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता ली जाती है। पीएनए पाय फाउंडेशन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से निर्धारित किया है कि गैर सरकारी स्कूलों और गैर सरकारी कॉलेजों में सरकार तब तक हस्तक्षेप नहीं कर सकती, जब तक वे मुनाफाखोरी नहीं कर रहे हो।बहुत ज्यादा फीस लेने या मुनाफाखोरी की स्थिति में हस्तक्षेप किया जा सकता है, अन्यथा बिल्कुल नहीं। फीस निर्धारण करने का अधिकार निजी स्कूल का है, उसमें हस्तक्षेप करना उसके मौलिक अधिकारों का हनन है। अधिवक्ता सिसोदिया ने कोर्ट का इस ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि मामले में पहले ही कोर्ट ने 10 अप्रैल को कुछ भी कार्रवाई नहीं करने के मौखिक निर्देश दे रखे हैं, फिर जिला शिक्षा अधिकारी स्टे नहीं होने का उल्लेख करते हुए नोटिस दे रहे है। कोर्ट ने इसे गंभीरता से लेते हुए एएजी राजेश पंवार और अधिवक्ता श्याम पालीवाल को निर्देश दिए कि वे शासन सचिव (ग्रुप पांच) को इसकी जानकारी दे कि प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में निर्देशित करे कि जब तक मामले में निर्णय नहीं आता, तब तक एक्ट के क्रियान्वयन की कोई कार्रवाई नहीं करें। इसके बावजूद कार्रवाई करने पर शासन सचिव के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई होगी।

राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं में नकल और पेपर वायरल से बचने के लिए उठाया यह बड़ा कदम प्रश्न पत्र का पैकेट खोलने से लेकर परीक्षा होने तक मोबाइल प्रतिबंधित, प्रश्न पत्र वायरल होने के मामलों पर विवि ने बढ़ाई सुरक्षा


बांसवाड़ा.

प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं में एक के बाद एक नकल व प्रश्नपत्र आउट तथा वायरल होने के मामले सामने आने के बाद पीटीईटी व बीएबीएड व बीएससी बीएड परीक्षा का जिम्मा संभाल रहे एमडीएस विश्वविद्यालय ने सुरक्षा प्रबंध और सख्त करने का निर्णय किया है। इसके तहत परीक्षा केन्द्रों पर मोबाइल प्रतिबंध कर दिया है। परीक्षार्थियों के लिए निर्देश के बाद अब वीक्षक, कर्मचारी व अधिकारियों को भी परीक्षा केन्द्र पर मोबाइल लाने पर रोक लगा दी गई है। पीटीईटी समन्वयक ने जिला समन्वयकों को परीक्षा केन्द्रों पर मोबाइल का उपयोग नहीं करने के लिए पर्यवेक्षकों एव केन्द्राधीक्षकों को निर्देश जारी करने को कहा है।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में संपन्न बीएसटीसी में आंसर की वायरल होने को लेकर चार वीक्षकों के नाम सामने आए। इसके बाद यह निर्णय किया गया। पत्र में बताया कि परीक्षा प्रारंभ होने से पूर्व केन्द्र पर प्रश्न पत्र पैकेट खोलने के दौरान केन्द्र पर्यवेक्षक एवं केन्द्राधीक्षक सहित किसी भी अधिकारी व कर्मचारी के पास मोबाइल नहीं होना चाहिए। परीक्षा के दौरान भी मात्र केन्द्र पर्यवेक्षक एवं केन्द्राधीक्षक ही विशेष कार्य तथा सूचनाओं के लिए मोबाइल का प्रयोग कर सकेंगे। कर्मचारी/अधिकारी एवं वीक्षक मोबाइल लेकर परीक्षा केन्द्र में प्रवेश ही नहीं कर सकेंगे। प्रदेश में उठाए गए इस कदम से काफी सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।

निर्देश दिए हैं

परीक्षा केन्द्रों पर मोबाइल लाने से कई प्रकार की परेशानियां उपजती हैं। वीक्षकों को मोबाइल लाने की अनुमति नहीं है। इस पर विशेष ध्यान
रखा जाएगा। कर्मचारी व अन्य अधिकारियों को भी मोबाइल केन्द्र पर लाने से रोका जाएगा।
प्रो. बीपी सारस्वत, समन्वयक, पीटीईटी 2018, एमडीएस विवि, अजमेर

उदासीनता के भगोने में फट गया बच्चों का सरकारी दूध ढाई माह बाद भी अमलीजामा नहीं पहन पाई योजना स्कूली बच्चों को इस सत्र में नहीं मिल पाया दूध

डूंगरपुर.

सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ा बच्चों को तंदुरस्त बनाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने अपने अंतिम अभिभाषण में स्कूली बच्चों को मिड-डे मील के तहत दूध पिलाने की घोषणा की थी। लेकिन, हालात यह रहे कि चुनावी वर्ष होने के बावजूद सरकारी मशीनरी की उदासीनता के चलते यह दूध कागजों से बाहर ही नहीं निकल पाया।

यह थी योजना

मुख्यमंत्री ने १२ फरवरी २०१८ को मौजूदा सरकार के अंतिम बजट में मिड डे मील के तहत सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को सप्ताह में तीन दिन दूध देने की घोषणा की थी। इसके बाद माध्यमिक एवं प्रारम्भिक शिक्षा विभाग से लाभार्थी छात्र-छात्राओं की नामजद कक्षा व आयु वार सूचियां भी तैयार करवाई गई। लेकिन, यह सूचनाएं पड़ी-पड़ी तीन माह से दूध की तरह जम गई। कुछ दिनों पूर्व राजस्थान कॉ-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड की ओर से भी सूचनाएं संग्रहित करवाई गई थी।

मिड डे मील: दूध वितरण योजना

एमडीएम के तहत चिन्हित स्कूल : २२१८
दूध के लिए प्राथमिक शिक्षा विभाग में चयनित विद्यार्थी : १ लाख 33 हजार 867
माध्यमिक शिक्षा विभाग में चयनित विद्यार्थी : ७८ हजार ४८१
एक सत्र में देना था दूध : 2३0 दिन

योजना लागू करना आसां नहीं

शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों का कहना है कि दूध का वितरण दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों तक सुनिश्चित करना बहुत जटिल कार्य है। दूध एक निश्चित समय के बाद फट जाता है और उसको संभालने में भी काफी दिक्कत होती है। स्कूल तक यदि दूध पैकेट्स के माध्यम से पहुंचाया जाए, तो रोजाना उपस्थिति के आंकड़े अलग होते हैं। ऐेसे में दुरुपयोग की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। वहीं, स्कूल प्रशासन को अपने स्तर पर दूध की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा जाए, तो दूध की गुणवत्ता बनी रहनी संभव नहीं है। वहीं, शिक्षकों के सामने नई मुसीबत आएगी।

अधिकारी ने कहा...

. मुख्यालय से लाभार्थियों की सूचियां तैयार करने के निर्देश मिले थे। यह तैयार कर भेज दी है। संभवतया आगामी सत्र से योजना मूर्तरूप ले सकती है।
- मणिलाल छगण, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक

राजस्थान में आए आंधी-तूफान ने आखिर लगा दी सरकारी तबादलों पर रोक, हजारों सरकारी कर्मचारी परेशान

जयपुर

राजस्थान में आए आंधी तूफान के बीच तबादले चाहने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए बुरी खबर है। आंधी और तूफान के चलते सरकार ने कुछ विभागों के तबादलों पर आगामी आदेशों तक रोक लगा दी है। इन आदेशों के चलते अब हजारों कर्मचारी परेशान हैं। प्रदेश के सरकारी विभाग दो महीनों से इन तबादलों में जुटे हैं। लाखों कर्मचारियों की लिस्टें तैयार हैं और आने वाले कुछ दिनों में सूचियां भी जारी होनी है। लेकिन आंधी-अंधड़ के चलते अब परेशानी शुरु हो गई है।

आंधी तूफान से प्रदेश में बड़े पैमाने पर हुई क्षति के कारण बिजली विभाग में भी 30 जून तक स्थानांतरण करने पर बैन लगा दिया गया है। न्याय आपके द्वार कार्यक्रम के तहत राजस्व विभाग में तबादले पर फिलहाल रोक लगाई गई है। सरकार की ओर से यह भी मैसेज है कि जून तक तबादलों की गति थोड़ी धीरे रखी जाए, जिससे न्याय आपके द्वार कार्यक्रम प्रभावित न होने पाए। उसके बाद तेज गति से तबादले किए जाए, जिससे हर व्यक्ति को राहत दी जा सके।

गौरतलब है कि प्रशासनिक सुधार विभाग ने चुनावी साल में 12 मार्च को अनिश्चितकाल के लिए तबादलों से प्रतिबंध हटा दिया था। उसके बाद से मंत्रियों के पास डिजायर आनी शुरू हो गई थी। चुनावी साल होने के कारण इस साल तबादलों की डिजायर सबसे ज्यादा है। सरकार ऑन लाइन और मैनुअल तबादले फार्म ले रही है।

सबसे ज्यादा शिक्षक चाहते हैं तबादले

सबसे अधिक 80 हजार डिजायर तो अकेले शिक्षा विभाग में आई हैं। शिक्षा विभाग ने 30 अप्रैल से तबादला कैंप शुरू कर दिया है। सूची जारी होने का काम 15 मई से शुरू हो सकता है। विभाग ने अभी तृतीय श्रेणी शिक्षकों से ही आवेदन मांगे हैं और गाइडलाइन जारी की गई है। तबादलों से प्रतिबंध हटने के दो माह बाद भी वरिष्ठ अध्यापक, व्याख्याता, हैडमास्टर और प्रिंसिपल के तबादलों को लेकर कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है। इन केटेगरी के करीब 20 हजार शिक्षक तबादले के लिए आवेदन जमा करा चुके हैं। कृषि विभाग, पुलिस विभाग, बिजली और पानी विभाग, समेत दस से भी ज्यादा अन्य विभागों में करीब साठ हजार कर्मचारियों ने तबादले मांगे हैं।

तबादले के लिए सवा लाख आवेदन, जून तक ट्रांसफर देने की गति धीरे रखने कहा गया

जयपुर.

 दो माह से तबादलों काे लेकर मंत्री-अफसरों के यहां कर्मचारियों का मेला लगा है, जिसमें सवा लाख आवेदन आ चुके हैं। सबसे अधिक 80 हजार डिजायर तो अकेले शिक्षा विभाग में आई हैं। मंत्रियों और सचिवों के स्तर पर सूचियां तैयार की जा रही हैं। कुछ विभागों ने तबादलों की सूचियां जारी करनी शुरू कर दी है, जबकि स्कूल व कॉलेज शिक्षा महकमों से स्थानांतरण सूची 15 मई से जारी होना शुरू होगी। बता दें कि प्रशासनिक सुधार विभाग ने चुनावी साल में 12 मार्च को अनिश्चितकाल के लिए तबादलों से प्रतिबंध हटा दिया था। उसके बाद से मंत्रियों के पास डिजायर आनी शुरू हो गई थी। 

जून तक तबादलों की गति धीरे रखने कहा गया

- न्याय आपके द्वार कार्यक्रम के तहत राजस्व विभाग में तबादले पर फिलहाल रोक लगाई गई है। आंधी तूफान से प्रदेश में बड़े पैमाने पर हुई क्षति के कारण बिजली विभाग में भी 30 जून तक स्थानांतरण करने पर बैन लगा दिया गया है।

- सरकार की ओर से यह भी मैसेज है कि जून तक तबादलों की गति थोड़ी धीरे रखी जाए, जिससे न्याय आपके द्वार कार्यक्रम प्रभावित न होने पाए। उसके बाद तेज गति से तबादले किए जाए, जिससे हर व्यक्ति को राहत दी जा सके।

शिक्षा विभाग में तबादले के लिए 80 हजार आवेदन

शिक्षा विभाग ने 30 अप्रैल से तबादला कैंप शुरू कर दिया है। सूची जारी होने का काम 15 मई से शुरू हो सकता है। विभाग ने अभी तृतीय श्रेणी शिक्षकों से ही आवेदन मांगे हैं और गाइडलाइन जारी की गई है। तबादलों से प्रतिबंध हटने के दो माह बाद भी वरिष्ठ अध्यापक, व्याख्याता, हैडमास्टर और प्रिंसिपल के तबादलों को लेकर कोई गाइडलाइन जारी नहीं हुई है। इन केटेगरी के करीब 20 हजार शिक्षक तबादले के लिए आवेदन जमा करा चुके हैं।

परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों की तरह अब वीक्षक, कर्मचारी व अधिकारी भी नहीं ले जा सकेंगे मोबाइल

पीटीईटी आैर बीएबीएड व बीएससीबीएड प्रवेश परीक्षा 13 मई को सभी जिला मुख्यालयों पर आयोजित की जाएगी। राज्यभर में इन परीक्षाओं में चार लाख विद्यार्थी बैठेंगे। सुरक्षा की दृष्टि से परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थियों की तरह अब वीक्षक, कर्मचारी आैर अधिकारी भी मोबाइल नहीं ले जा सकेंगे। प्रश्न पत्र खुलने से लेकर परीक्षा समाप्त होने तक मोबाइल पर प्रतिबंध रहेगा। सभी जिला पर्यवेक्षकों को इस बारे में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। 

सख्ती

पीटीईटी आैर बीएबीएड व बीएससीबीएड की प्रवेश परीक्षा 

अति आवश्यक है तो केंद्र पर्यवेक्षक व केंद्राधीक्षक कर सकेंगे मोबाइल इस्तेमाल

आधिकारिक सूचना के अनुसार परीक्षा के दौरान केंद्र पर्यवेक्षक आैर केंद्राधीक्षक अति आवश्यक होने पर विशेष कार्य के लिए मोबाइल का इस्तेमाल कर सकेंगे। इसके लिए केंद्राधीक्षक को प्रमाण पत्र देना होगा कि प्रश्न पत्र खोले जाने से लेकर परीक्षा समाप्ति तक किसी भी वीक्षक, कार्मिक आैर अधिकारी द्वारा मोबाइल फोन आैर कैमरे का इस्तेमाल नहीं किया गया। 

हर जिले में पर्यवेक्षक व विशेष पर्यवेक्षक

हर जिले में पर्यवेक्षक आैर विशेष जिला पर्यवेक्षकों के साथ अतिरिक्त जिला पर्यवेक्षक लगाए गए हैं। हर जिले में एक विश्वविद्यालय पर्यवेक्षक भी नियुक्त किया गया है, जो कि विश्वविद्यालय से परीक्षा सामाग्री लेकर प्रत्येक जिले में जाएंगे। परीक्षा अवधि के दौरान औचक निरीक्षण के लिए जिला प्रशासन आैर विश्वविद्यालय द्वारा फ्लाइंग स्कवाड की भी नियुक्ति की गई है। 

हर परीक्षा केंद्र पर तैनात रहेगी पुलिस

 राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर आयोजित इन परीक्षाओं के सभी परीक्षा केंद्रों पर दो-दो पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे जो कि प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के साथ कानून व शांति व्यवस्था बनाएंगे। परीक्षा की तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया गया है। सभी परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा सामाग्री आज सुबह 7 बजे से भेजना शुरू होगा। इसके लिए दल गठित किए गए हैं, परीक्षा समाप्ति यानि 13 मई को शाम के बाद यह दल परीक्षा सामाग्री लेकर महर्षि दयानंद सरस्वती यूनिवर्सिटी वापस पहुंचेंगे। 

कितने स्कूलों में हैं टॉयलेट्स, लड़के व लड़कियों के अलग कितने हैं- हाईकोर्ट ने मांगा ब्यौरा

जयपुर.

हाईकोर्ट ने प्रदेश के बालिका स्कूलों में टॉयलेट्स व पानी सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं नहीं होने के मामले में राज्य सरकार से रिपोर्ट सहित यह बताने के लिए कहा है कि कितने स्कूलों में टॉयलेट्स हैं, उनमें से कितने टॉयलेट्स लड़के व लड़कियों के अलग-अलग हैं। इसके अलावा यह भी बताएं कि कितने टॉयलेट्स में सफाई की व्यवस्था है। वहीं अदालत ने स्कूलों में पीने के पानी की व्यवस्था को लेकर भी विभाग से रिपोर्ट मांगी है।

- न्यायाधीश केएस झवेरी व वीके व्यास की खंडपीठ ने यह अंतरिम निर्देश राधा शेखावत की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।

- गौरतलब है कि अदालत ने मामले में पूर्व में सुनवाई करते हुए कहा था कि मामला टॉयलेट्स व पानी सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं का है जो गंभीर है।

- यह विद्यार्थियों के स्कूल छोड़ने का कारण भी है। इस मामले में 20 फरवरी 2015 को विस्तृत आदेश दिया था। जिसके पालन में सरकार ने 4 मई 2016 को प्रगति रिपोर्ट पेश की थी।

याचिका में क्या कहा गया

- याचिका में कहा था कि प्रदेश के स्कूलों में टॉयलेट सहित अन्य सुविधाएं नहीं होने के कारण छात्राएं दिन प्रतिदिन स्कूल छोड़ रही हैं।

- स्कूल व अन्य शैक्षणिक संस्थानों में मूलभूत सुविधाएं नहीं होने के कारण छात्राओं की पढ़ाई पूरी नहीं हो रही। यदि उन्हें सुविधाएं मिलें तो वे पढ़ाई कर अपना कॅरियर बना सकती हैं। इसलिए स्कूलों में टॉयलेट्स सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराई जाएं।

सरकारी नौकरी में नियुक्ति पर युवाओं को शुरू के 5 साल तक सेना में तैनाती का मानस बना रही है सरकार

Bhaskar News Network | May 12,2018 07:10:03 AM IST
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भास्कर संवाददाता श्रीगंगानगर।

वर्तमान समय में भारतीय सेना जवानों की कमी से जूझ रही है, जिसे वक्त रहते पूरा करने की आवश्यकता है। सरकार देश में विभिन्न क्षेत्रों में सरकारी नौकरी में नियुक्ति पर प्रारंभिक 5 साल तक युवाओं को सेना में तैनाती का मानस बना रही है। यह बात शुक्रवार को कैप्टन मोहम्मद यूनुस खान ने स्पैंगल पब्लिक स्कूल में आयोजित कॅरिअर इन डिफेंस सेमिनार में कही। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी से पहले अगर लोगों को सेना की सर्विस में लगाया जाएगा तो वे ज्यादा अनुशासित होंगे। इस तरह का बदलाव चीन, इजरायल व जापान सहित कई देश पहले ही कर चुके हैं। सेमिनार की शुरुआत में वक्ताओं ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किया। कैप्टन नितिन यादव ने छात्र-छात्राओं में देशभक्ति का जज्बा भरते हुए कहा कि वर्दी में सजे-धजे किसी भी फौजी अफसर को देखते ही सीना गर्व से तन जाता है, फौजी वर्दी में सजे ये युवा अधिकारी हजारों की भीड़ में अलग दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा युवा अधिकारी केवल रोजी-राेटी कमाने के उद्देश्य से ही सेना में भर्ती नहीं होते हैं बल्कि जीवन में कुछ कर दिखाने के जोश-जुनून, कर्तव्य पालन और उससे भी बढ़कर देश की अस्मिता की रक्षा करने की दृढ़ इच्छा रखते हैं। इस मौके पर स्कूल के प्रबंधक नितिन अग्रवाल व प्राचार्य विष्णु स्वामी सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

Tuesday, 8 May 2018

BLO गर्मी की छुट्टियों में 15 मई से 20 जून तक घर- घर जाकर करेंगे वेरिफिकेशन


6731 पदोन्नत सेकंड ग्रेड टीचर्स को पोस्टिंग की तैयारी


प्राइवेट स्कूल शिक्षकों के अनुभव प्रमाण पत्र के लिए 8 की जगह अब 3 शर्तें✍🏻


5 हजार स्कूल लेक्चरर की भर्ती होगी आवेदन ऑनलाइन 17 मई से 👇🏼


अब शि‍क्षक या व‍िद्यार्थी कोई भी कक्षा में मोबाइल लाए तो होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने जारी किया आदेश

उदयपुर .

यदि अब किसी शिक्षक या विद्यार्थी कक्षा संचालन के दौरान मोबाइल उपयोग करते हुए मिला या उसके मोबाइल देखा गया तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा निदेशक बीएल स्वर्णकार ने सभी संस्था प्रधानों व अधिकारियों को आदेश किया कि संबंधित को पहले चेता दें और बाद में यदि नहीं संभले तो राजस्थान असैनिक सेवाएं आचरण नियम 1971 के तहत कार्रवाई करें।

सूचना पट्ट और प्रार्थना सभा में करें उल्लेख

प्रत्येक स्कूल को अब मोबाइल उपयोग नहीं का संदेश उसके सूचना पट्ट पर लिखना होगा। साथ ही प्रार्थना सभा में भी इस बारे में बताया जाए। कक्षा एवं स्कूल परिसर में कोई भी शिक्षक मोबाइल का उपयोग नहीं कर सकेगा।

शिकायतों पर आदेश

ये आदेश शिकायतों पर जारी किए गए हैं। कई बार कक्षा संचालन के दौरान किसी शिक्षक के पास फोन आने पर पढ़ाई का समय खराब होने की घटनाएं होती है। साथ ही विद्यार्थी के लिए तो मोबाइल का इस्तेमाल होना ही नहीं चाहिए। सभी को इसे सख्ती से लागू करना होगा।

नरेश डांगी, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक प्रथम

135 दिन बाद एक सितंबर से खुलेंगे स्कूल:9वीं-11वीं की सुबह 7:30 से 12:30 तक लगेगी क्लास, 10वीं-12वीं वालों को 8 बजे से जाना होगा, पेरेंट्स की लिखित में अनुमति जरूरी...

 बीकानेर लेखक: दिलीप सिंह पंवार बीकानेर जिले में 56 और सबसे अधिक बाड़मेर जिले में 113 स्कूलों को क्रमोन्नत किया गया है। - Dainik Bhaskar बीक...